प्रयागराज महा कुम्भ में 40 करोड़ लोगों का होगा संगम सितारे भी पहुंचेंगे प्रयागराज का कुम्भ महोत्सव जो इस समय दुनिया का सबसे बड़ा आयोजित होने जा रहा शदी का सबसे बड़ा मेला है, खबर है यहां 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच... By Sharad Rai 07 Jan 2025 in एंटरटेनमेंट New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर प्रयागराज का कुम्भ महोत्सव जो इस समय दुनिया का सबसे बड़ा आयोजित होने जा रहा शदी का सबसे बड़ा मेला है, खबर है यहां 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच करोड़ों लोग 'गंगा-जमुना-सरस्वती' के संगम में डुबकी लगाएंगे. स्नान करने जानेवालों में बहुत से फिल्मी सितारों के नाम की भी चर्चा है. View this post on Instagram A post shared by Ch.Gaurav (@chgaurav03) कुम्भ मेले के बारे में पाठकों को बता दें कि यह धरती का ऐसा सबसे बड़ा मेला है जिसमे दुनिया भर से 40 करोड़ लोगों के आने की बात कही जा रही है. यह संख्या अमेरिका जैसे राष्ट्र से छह करोड़ ज्यादा है. यानी- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहे इस सांस्कृतिक, धार्मिक , आध्यात्मिक मेले में संगम के तट पर पूरे अमेरिका की जन संख्या सिमट सकती है. फिल्म के पर्दे पर बहुत बार दिखाया गया है कि दो सगे भाई या दो दोस्त कुम्भ मेले में विछड़ जाते हैं और फिर वे क्लाइमेक्स में मिलते हैं. कहानी को विस्तार देनेवाले कथानक की ऐसी फिल्में रही हैं- 'तकदीर' (1943), 'अधिकार'(1954), 'मेला'(1971), 'दो अनजाने' (1976), 'अंदाज़ अपना अपना'(1996),'सोल्जर' (1998) आदि. मनमोहन देसाई की फिल्में बचपन मे मेले में भाइयों के विछड़ने पर आधारित होती थी. यानी- कुम्भ का मेला फिल्मवालों के लिए पर्दे पर बिछड़ने का कारण होता रहा है. पर वस्तुतः कुम्भ का महात्म्य मिलन से जुड़ा है जहां गंगा और जमुना जैसी नदियों का 'संगम' होता है जिसे राज कपूर ने अच्छी तरह से समझा था. कुम्भ समारोह एक धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व रखता है. दुनिया भर के विद्वान और जिज्ञासु दर्शनार्थी यहां महीने भर पहले से आकर छावनियां बनाकर रहते हैं. ज्योतिषीय गणना के अनुसार वृहस्पति ग्रह 12 वर्ष में सूर्य की एकबार परिक्रमा पूरी करता है तब उसका असर जल, जलवायु सभी को प्रभावित करता है. वृहस्पति को आध्यात्म में ज्ञान का कारक माना जाता है. सूर्य, चंद्रमा, गुर, शनि की स्थिति के अनुसार दिन, महीने और साल निर्धारित होते हैं. मान्यता है कि माघ मास में जब सूर्य मकर राशि मे प्रवेश करते हैं तब देवता, दानव, किन्नर, मनुष्य सभी त्रिवेणी में स्नान कर शुद्धता का एहसास करते हैं. भौगोलिक रूप से कर्क रेखा पर स्थित प्रयागराज का वातावरण बेहद पवित्र व पुण्यदायी होता है.सबसे बड़ा कुम्भ इसीलिए प्रयागराज में आयोजित होता है. क्योंकि यहां गंगा और जमुना जैसी दो विशाल नदियां हिमालय से निकलकर दो अलग रास्तों से आकर एक जगह पर मिलाप करती हैं.मान्यता है कि वहीं धरती के नीचे सरस्वती नदी भी बास करती हैं, जिसे 'नासा' ने भी माना है. इसी संगम पर लोग स्नान करने पहुचते हैं जिसे त्रिवेणी या कुम्भ भी कहते हैं. तुलसीदास ने भी लिखा है- "माघ मकर गति रवि जब होइ. तीरथ पतिहिं आव सब कोई.. देव दनुज किन्नर नर श्रेनीं. सादर मज्जहिं सकल त्रिवेनी.." View this post on Instagram A post shared by Nand Gopal Gupta "Nandi" (@nandiguptabjp) महाकुम्भ प्रयागराज (पहले का इलाहाबाद) में आयोजित होता है जो हर 12 वर्ष में होता है जिसे सबसे बड़ा कुम्भ कहते हैं.अर्धकुम्भ छः साल में होता है और हर चार साल में भी कुम्भ का आयोजन (उज्जैन, नासिक, हरद्वार और प्रयागराज) में होता है. इस वर्ष का महाकुम्भ मकर संक्रांत से महाशिवरात्रि तक 45 दिनों तक चलने वाला है जिसमे भाग लेने के लिए लाखों की संख्या में साधु, सन्यासी, अघोरी, नागा सन्यासी, हठ धर्मी, साधक और किन्नर- साधकों का समूह अलग अलग ग्रूप, मंडली और अखाड़ों में पहुंच रहा है. निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा और 33 महा मण्डलेश्वरों के यहां पहुंचने की खबर पहले से है. बॉलीवुड और साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बहुत से सितारे वहां जाने के लिए फ्लाइट का टिकट और होटल्स में अपनी बुकिंग करा चुके हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अनुमानतः 40 करोड़ लोगों को व्यवस्था देने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती. युद्ध स्तर पर तैयारियां चालू हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं तैयारियों का मुआयना करने प्रयागराज जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ हर हफ्ते तैयारियां देखने पहुच रहे हैं. पूरे देश से प्रयागराज स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, प्लेन की कनेक्टिविटी बढ़ाई गयी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 112 किलोमीटर के स्थायी घाट पर डेढ़ लाख टेंट लगाए गए हैं. डेढ़ लाख स्थायी सौचालय बनाए गए हैं.तमाम अस्पताल बनाए गए हैं.69 हजार एलईडी लाइट्स, 25 हजार कुड़ेदान, 15 हजार सफाई कर्मचारी, 2लाख 69 हजार एकड़ जमीन पर शीर्ष और 200 सड़कों को चौड़ा किया गया है ताकि लोगों को परेशानी ना हो. सरकार सुरक्षा के लिए मुस्तैद है. सुरक्षा के लिए आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग हो रहा है. कुल मिलाकर धरती के सबसे बड़े इस मेले में मिलन का समय है, संगम का समय है और राष्ट्र धर्म की ध्वजा फहराने का समय है. Read More अजय देवगन बोले- 'नए एक्टर्स पर दबाव ज्यादा है, ऑडियंस माफ नहीं करती' अक्षय और परेश रावल ने 'भूत बंगला' के सेट से साझा किया मजेदार BTS पल सलमान ने 'फतेह' के लिए सोनू को भेजी शुभकामना ,दिखाया दरियादिली का सबूत बेटी दुआ के बाद दीपिका पादुकोण 'कल्कि 2' से करेंगी वापसी?जाने पूरी खबर हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article