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दिल्ली हाइकोर्ट में जैकी श्रॉफ ने अपने तखल्लुस 'भिड़ू' और उनके लिए बोले जाने वाले नाम 'जग्गू'/ 'जग्गू दादा' आदि तथा अपने फोटोज के मिस यूज करने को लेकर एक याचिका दायर किया है. दरअसल सितारों की फ़ोटो क्लोनिंग और डीपफेक तस्वीरों (नग्नता) और बयानबाजी (पोलटिकल और सोशल) की ख़बरों के बाद बॉलीवुड की नई खबर है कि जैकी श्रॉफ दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दिए हैं कि लोग उनकी पर्सनालिटी, नाम (जैकी, जग्गू, भिड़ू) , तस्वीर आदि का मनमाना उपयोग कर रहे हैं. वालपेपर, कार्टून, विज्ञापन,GIF, और AI की तकनीक से उनको 'इंसल्ट' करते हैं. इनदिनों बॉलीवुड में एक नया ख़ौफ बन गया है. रश्मिका मंदाना से शुरू हुआ नंगी- तस्वीरी- डीपफेक और आमिर खान के डीप फेक चुनावी बयान ने सबको डरा दिया है कि कल को वे किसी मुशीबत में ना उलझा दिए जाएं, जैकी श्रॉफ जैसे सीधे सरल आदमी का डर इसी सम्भवना से बचने की कोशिश है.
जैकी श्रॉफ से पहले पिछले सितंबर 2023 में अनिल कपूर ने भी हाइकोर्ट में एक ऐसी ही याचिका किया था. अनिल कपूर के तखल्लुस 'झकास' का मनमाना उपयोग बिना उनकी अनुमति के होता रहा है.कई डुप्लीकेट अनिल कपूर स्टेज पर और विज्ञापनों में उनकी शैली मिमिक करते नजर आते हैं. दिल्ली हाइकोर्ट ने अनिल कपूर की याचिका पर 'पोरसोनालिटी राइट' की सुरक्षा के लिए अंतरिम ऑर्डर पास का रखा है. क्या रुका सब, बेशक सवाल है यह? क्योंकि तमाम लोगों को इसका पता भी नहीं है.
2022 से अमिताभ बच्चन ने भी उच्च न्यायालय से इसीतरह का इंजक्शन पा रखा है. अमिताभ ने अपने नाम बिग बी, अपने अंदाज, संवाद अदायगी और तस्वीरों के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने की गुहार किया था. उनकी आवाज, नाम आदि के उपयोग से वह चिड़चिड़ा गए थे.कई ऐप्स, लॉटरी, टीशर्ट, स्टेज आदि पर उनके अंदाज़ में फ़िल्म 'डॉन' का पान चबाना, 'अग्निपथ' की भराई आवाज में बोलना, केबीसी में उनके बोले गए वाक्य 'कम्प्यूटर जी' 'लॉक किया जाए' जैसे वाक्यों का उपयोग किया जाता रहा है. अमिताभ बच्चन पहले व्यक्ति रहे हैं जिन्होंने पर्सनालिटी स्वायत्तता की बात उठाया. रश्मिका मंदाना के डीप फेक पर भी वह बोल चुके हैं.
सितारों के डुप्लीकेट का होना पुरानी बात है. राजेश खन्ना, शशि कपूर जैसे सितारों के डुप्लीकेट खोजकर आईएस जोहर ने पूरी फिल्म बनाया था. महमूद के डुप्लीकेट जूनियर महमूद उनके साथ ही फिल्म में काम किए थे. आज सभी सितारों के डुप्लीकेट हैं जो स्टेज पर अभिनय करके अपना घर चलाते हैं. यहां तक तो ठीक था किंतु बदली तकनीक के कम्प्यूटराइज युग मे अब सितारों की क्लोनिंग एक बहुत बड़ा खतरा है. सीक्वल फिल्मों का बनना एक व्यवसाय है लेकिन नकल व्यवसाय नहीं है, चोरी है. जैकी श्रॉफ और उनसे पहले अनिल कपूर और अमिताभ बच्चन का दिल्ली उच्च न्यायालय से गुहार करना, अपनी पर्सनॉलिटी की सुरक्षा के लिए अंतरिम इंजेक्शन प्राप्त करना एक जरुरी कदम है.
खबर है और कई सितारे अपने हाव-भाव प्रदर्शन, मैनरिज्म, तखल्लुस और तकिया कलाम के साथ अपनी तस्वीरों के मिस यूज को लेकर कोर्ट जाने वाले हैं.
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