भारतीय संगीत की दिग्गज गायिका आशा भोसले ने 13 दिसंबर को मुंबई में एक कार्यक्रम के ज़रिये अपना नया गाना ‘सईयां बिना’ लॉन्च किया. यह गाना उन्होंने अपनी पोती जनाई भोसले के साथ मिलकर बनाया है. वहीँ इस गाने के म्यूजिक सुपर वाइजर आनन्द भोसले है. 91 साल की हो चुकी आशा भोसले ने इस कार्यक्रम में अपनी संगीत यात्रा पर भी बात की.
आशा भोसले ने अपनी जिंदगी और संगीत यात्रा के बारे में भावुक होते हुए कहा, “मैं जब 10 साल की थी. तब इस फिल्मी दुनिया में आई थी. मैंने अपने 80 साल फिल्म इंडस्ट्री में पूरे किए है. 91 को पूरा करना, मतलब मैं 92 पर चल रही हूँ. मैं वर्तमान में रहती हूँ, न अतीत में और न भविष्य में. मेरे महल (स्टूडियो) में कई लोग आते थे, मुझसे सब वहीँ मिलते थे. मैंने इस स्टूडियो में सालों बिताए हैं. घर से ज्यादा मैं स्टूडियो में रहती थी. अगर मैं आज जाती, तो अगली सुबह लौटती. हजारों संगीतकार, निर्माता, निर्देशक, कलाकार यहां आते थे संगीत सुनने के लिए.”
इस दौरान उन्होंने अपने प्रिय संगीतकारों का जिक्र भी किया, जिनके साथ उन्होंने काम किया है. वह कहती है “जो संगीतकार मुझे हमेशा पसंद आए, उनकी याद में मैंने अपने फोटो पर हाथ रखा है – जयदेवजी, मदन मोहनजी, एस.डी. बर्मन, आर.डी. बर्मन और बहुत से संगीतकारों के साथ मैंने काम किया है.” उन्होंने यह भी कहा कि संगीत से जीवन चलता है, संगीत से जीवन अच्छा लगता है.
आशा भोसले ने जानई के बारे में कहा, “मैं बहुत खुश हूँ कि मैं इस गाने में अपनी पोती के साथ हूँ. वह 21 साल की है और मैं 92 साल की. जो समर्थन उसने मुझे दिया, मैं उसे कभी नहीं दे पाऊँगी, लेकिन वह निश्चित रूप से मेरी विरासत होगी.”
इस दौरान उन्होंने एक बात कही जो बहुत दिलचस्प थी. उन्होंने कहा कि उम्र मेरे लिए सिर्फ एक संख्या है और मैं आज भी उसी उत्साह और आत्मविश्वास से गाती हूँ, जैसे पहले गाती थीं.
‘गाने को लेकर कितना दवाब था’. इस बारे में बात करते हुए जानई भोसले ने कहा, “मेरे लिए यह कोई दबाव नहीं है. मैं इस परिवार का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस करती हूँ. लेकिन जब कोविड के दौरान मैंने दादी के साथ समय बिताया, तब मैंने महसूस किया कि उनकी ज़िंदगी कितनी कठिन रही है और वह आज कहां हैं.” इस कार्यक्रम के दौरान जानई ने कहा कि वह कड़ी मेहनत करके अपनी दादी को गर्व महसूस कराने की पूरी कोशिश करती हैं.
‘सईयां बिना’ के म्यूजिक कंपोजर नितिन शंकर गाने की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए कहा कि यह गाना आशा जी के लिए बिल्कुल उनके व्यक्तित्व के अनुसार बनाया गया है. उनकी गायकी में जो मिठास और तानें हैं, वो इस गाने में डाली गईं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस गाने में उन्होंने आशा भोसले की आवाज़ के बारे में सोचते हुए गाने की धुन बनाई. नितिन ने आगे कहा कि इस गाने में हमने साउथ और नॉर्थ का म्यूजिक मिक्स किया है. यह म्यूजिक का मॉडर्न फ्यूज़न था, जो हमने आज की पीढ़ी के लिए तैयार किया है.
इस दौरान ‘सईयां बिना’ लिरिक्स राइटर महिमा भारद्वाज ने गाने के बारे में बात करते हुए कहा, “यह गाना बहुत खूबसूरत है और मेरी पसंदीदा लाइन है, 'तुम बिन आधा अधूरा है.”
91 साल की उम्र में आशा भोसले के द्वारा गाया गया यह गाना एक अलग ही महत्व रखता है. इस गाने के माध्यम से न केवल उनकी कला, बल्कि उनकी जिंदगी के अनुभव और चार पीढ़ियों का संगम भी दिखाई देता है.
आशा भोसले ने अपनी फ़िल्मी करियर में फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाये हैं. आशा जी ने हिंदी के अलावा मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा में कई गीत गाए हैं. ‘ओ मेरे सोना रे सोना रे, जरा सा झूम लूं मैं, रंगीला रे, चुरा लिया है तुमने जो दिल को और अभी ना जाओ छोड़कर’ उनके कुछ लोकप्रिय गीत है.
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