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by Chaitanya Padukone
संगीत के उस्ताद गायक ए. आर. रहमान ने अपने करियर में हमेशा रचनात्मक चुनौतियों को स्वीकार किया है, जैसे कि 'रोजा', 'बॉम्बे', 'दिल से', 'लगान', 'रंगीला', 'जोधा अकबर', 'ताल' और निश्चित रूप से ऑस्कर पुरस्कार विजेता 'स्लमडॉग मिलियनेयर' (2008) जैसी विविध विषयों वाली फिल्मों के लिए संगीत रचना. अभिनव ए. आर. रहमान ने आगामी मूक कॉमेडी, "उफ्फ ये सियापा" के लिए संगीत प्रदान किया है. बिना संवाद वाली इस फिल्म के प्रति अपने दृष्टिकोण का खुलासा करते हुए, ऑस्कर विजेता ने बताया कि ऐसी फिल्म "हर संगीतकार का सपना" होती है. (A R Rahman)
वर्तमान में, अभिनव ए. आर. रहमान आगामी मूक कॉमेडी,
"उफ्फ ये सियापा" के लिए संगीत प्रदान कर रहे हैं. बिना संवाद वाली इस फिल्म के प्रति अपने दृष्टिकोण का खुलासा करते हुए, ऑस्कर विजेता ने बताया कि ऐसी फिल्म "हर संगीतकार का सपना" होती है.(Uff Ye Siyaapa film)
रहमान सर ने बताया,
"यह अपरंपरागत लेकिन व्यावसायिक फ़िल्म निर्माता लव रंजन के ज़रिए आई और फिर निर्देशक जी. अशोक ने मुझे इसकी कहानी सुनाई. उनमें बहुत आत्मविश्वास था और हर चीज़ को समझाने का उनका अपना अंदाज़ था - इसलिए, मैंने उन्हें 3-4 विकल्प दिए, रिकॉर्डिंग की और कुछ गाने भी दिए. (Dialogue-free comedy movie) फिर मैंने फ़िल्म देखी और कुछ और गाने कंपोज किए. कुछ हिस्से फ्रेम-टू-फ्रेम सिंक थे, कुछ ज़्यादा सामान्य थे - यानी, कई तरह की शैलियों, विचारों और ट्रीटमेंट का मेल दर्शकों को पूरी फ़िल्म में बांधे रखने के लिए था. यह फ़िल्म कमल हासन अभिनीत प्रतिष्ठित फ़िल्म 'पुष्पक' जैसी ही है! किसी भी संगीतकार के लिए सिर्फ़ संगीत और बिना संवादों वाली फ़िल्म बनाना एक रचनात्मक चुनौती होती है, इसलिए मैंने इसे झटपट स्वीकार कर लिया- 'मुझे यह करने दो'".(Award-winning music composer)
"उफ्फ ये सियापा" गलतियों से भरी एक अनोखी कॉमेडी है जिसमें केसरी लाल सिंह (सोहम शाह), एक शर्मीला आम आदमी, खुद को एक उलझी हुई उलझन में पाता है जब उसकी पत्नी पुष्पा (नुसरत भरुचा) उसे छोड़कर चली जाती है - उसे यकीन हो जाता है (Rahman film scoring) कि वह अपनी पड़ोसी कामिनी (नोरा फतेही) के साथ छेड़खानी कर रहा है. उसने ऐसा नहीं किया है. लेकिन इससे पहले कि वह अपना नाम साफ़ कर पाता, एक गलत तरीके से पहुँचा हुआ ड्रग पार्सल बढ़ती हुई आपदाओं की एक श्रृंखला शुरू कर देता है, जिनमें से सबसे बुरी उसके घर में एक लाश का मिलना है. जैसे ही केसरी स्थिति को संभालने की कोशिश करता है, एक और लाश प्रकट होती है - जो उसके घर को एक पूरी तरह से अपराध स्थल में बदल देती है.(Uff Ye Siyaapa soundtrack)
जी. अशोक द्वारा लिखित और निर्देशित,
"उफ्फ ये सियापा" 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ के लिए तैयार है. हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर इस प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए, नोरा ने अपनी उत्सुकता ज़ाहिर करते हुए कहा, "मैं 'उफ़्फ़' की घोषणा के साथ उठी, एक ऐसी फिल्म जिस पर मैंने महामारी के अंत में काम किया था. तो काफी समय हो गया है. और यह एक दिलचस्प फिल्म है. यह वाकई है. मैं यह देखने के लिए वाकई उत्साहित हूँ कि यह कैसी बनती है क्योंकि जब हमने इसे शूट किया था, तो हमने इसे बिना किसी डायलॉग के शूट किया था. इसलिए यह एक बहुत ही भावपूर्ण फिल्म है. और इसमें एक अविश्वसनीय कलाकार हैं, कुछ वाकई बेहतरीन कलाकार." उन्होंने आगे कहा, "मुझे इसकी शूटिंग में बहुत मज़ा आया. यह एक मज़ेदार फिल्म है. और आप मुझे कॉमेडी में जानते हैं. मैं अभी इसमें बहुत डूबी हुई हूँ. और इस शानदार फिल्म में कामिनी के रूप में मेरा एक बहुत ही अच्छा रोल है. मुझे इसे देखना है क्योंकि मैं बहुत उत्साहित हूँ. क्या आप लोगों ने कोई तारीख तय कर ली है?" अभिनेत्री ने यह भी बताया कि ए आर रहमान का शानदार संगीत उफ़्फ़ को और भी खास बनाता है.(Bollywood comedy film music)
उफ़्फ़ ये सियापा कोई आम कॉमेडी नहीं है. कहानी कहने का एक साहसिक प्रयोग, यह मूक फ़िल्म शून्य प्रतिशत संवाद और शत-प्रतिशत अराजकता प्रस्तुत करती है - एक ताज़ा, अपरंपरागत सिनेमाई अनुभव जो दर्शकों को लगातार रोमांचित करता रहता है. अब, इसके ध्वनि परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ने वाला इसका दूसरा ट्रैक, "तमंचा" है.(AR Rahman latest project)
महान संगीतकार ए.आर. रहमान द्वारा रचित,
गायिका सुनिधि चौहान द्वारा सशक्त और आकर्षक स्वर में, और प्रशंसित गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा लिखित, "तमंचा" एक तीक्ष्ण, कामुक नृत्य गीत है जो एक भावपूर्ण अंतर्ध्वनि के साथ संक्रामक लय का मिश्रण है. (Indian film music)
स्क्रीन पर नोरा फतेही का जलवा है,
जो अभिनेता सोहम शाह के साथ मिलकर इस गाने की दृश्य प्रस्तुति में अपनी विशिष्ट सुंदरता और आकर्षण लाती हैं.
इस ट्रैक के बारे में बात करते हुए, ए.आर. रहमान ने कहा,
"ऐसी फ़िल्म में जिसमें संवादों का इस्तेमाल नहीं होता, संगीत सिर्फ़ पृष्ठभूमि में नहीं रह सकता, उसे आगे बढ़कर बोलना होता है. तमंचा के साथ, यह एक बहुत ही सावधानीपूर्वक संतुलन बनाने के बारे में था, जिसमें संयम बनाए रखते हुए भी धार बनी रहे. लय ही गाने की भावना को आगे बढ़ाती है."(Challenging film score)
लव फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत,
"उफ्फ ये सियापा" जी. अशोक द्वारा लिखित और निर्देशित है और लव रंजन व अंकुर गर्ग द्वारा निर्मित है. यह फिल्म शुक्रवार, 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी.
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FAQ
Q1. ‘उफ्फ ये सियापा’ क्या है?
Ans. ‘उफ्फ ये सियापा’ एक डायलॉग-रहित अराजक कॉमेडी फिल्म है, जिसे हाल ही में रिलीज़ किया गया.
Q2. इस फिल्म के संगीतकार कौन हैं?
Ans. फिल्म के संगीतकार ऑस्कर पुरस्कार विजेता ए.आर. रहमान हैं.
Q3. ए.आर. रहमान ने इस फिल्म को लेकर क्या कहा?
Ans. उन्होंने कहा, "डायलॉग-रहित अराजक कॉमेडी फिल्म ‘उफ्फ ये सियापा’ मेरे लिए एक चुनौतीपूर्ण स्कोरिंग सपना था."
Q4. इस फिल्म की विशेषता क्या है?
Ans. फिल्म की खासियत यह है कि यह डायलॉग-रहित है और कॉमेडी शैली में बनी है, जिससे संगीत और ध्वनि का महत्व और बढ़ जाता है.
Q5. फिल्म का संगीत क्यों चुनौतीपूर्ण था?
Ans. क्योंकि फिल्म में डायलॉग नहीं हैं, इसलिए म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर ही कहानी और भावनाओं को व्यक्त करता है, जिससे संगीतकार के लिए यह चुनौतीपूर्ण बन गया.
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