फिल्म 'जिंदगी मिलेगी दोबारा' के भावनात्मक उतार चढ़ाव के साथ ज़ी सिनेमा प्रस्तुत, एचडी पर आने वाली फिल्म, सक्षम कपूर और सोनाली सेगल जैसे नए चेहरों से सजी है जो डिजिटल लत से जूझ रहे एक परिवार के संघर्ष की दिल कचोटने वाली कहानी है.
इसकी कहानी व्योम के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक युवा लड़का है और जो डिजिटल गेमिंग की आभासी दुनिया में खो गया है, वो अपने इस वर्चुअल वर्ल्ड में इतना खोया कि उसकी माँ को उपेक्षित और टूटा हुआ महसूस होने लगा. जैसे-जैसे दिन पर दिन उन्नत हो रही टेक्नोलॉजी माँ बेटे को अलग करती है, यह फिल्म वास्तविक कनेक्शन के महत्व पर प्रकाश डालती है और पारिवारिक समय के साथ स्क्रीन समय को संतुलित करने को लेकर एक चेतावनी के रूप में नई पीढ़ी की आंखे खोल रही है.
डूबती उतराती आशा और पुनः जुड़ाव के विषयों के साथ, 'जिंदगी मिलेगी दोबारा' निश्चित रूप से सभी उम्र के लोगों के दिलों को छू लेगा. ज़ी सिनेमा एचडी पर इसका प्रीमियर को लेकर बड़ी और छोटी स्क्रीन में इसकी खूब चर्चा है. इसके बाद 27 दिसंबर को एंडपिक्चर्स एचडी और 3 जनवरी, 2025 को एंडएक्सप्लोर एचडी पर प्रसारण होगा.
यह लघु शॉर्ट फिल्म कोई आम कहानी नहीं है, यह इस बात की मार्मिक तह तक जाती है कि तकनीक कभी-कभी हमारे सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों के रास्ते में कैसे आड़े आ सकती है. फिल्म में थिएटर के प्रतिभाशाली कलाकार, जिनमें सक्षम कपूर, सोनाली सेगल, प्राची शाह पंड्या और आरना शर्मा जैसे युवा कलाकार शामिल हैं. यह अबीर सेनगुप्ता द्वारा लिखा गया है और अरव जिंदल द्वारा निर्देशित है, जिन्होंने एक ऐसी कहानी बनाई है जो वास्तविक और प्रासंगिक दोनों लगती है.
इस कहानी के केंद्र में युवा वयस्क व्योम, पूरी तरह से गेमिंग की दुनिया में डूबा हुआ दिखाया गया है. वह दिनरात अपनी मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन से चिपका हुआ है, और गेमिंग की आभासी दुश्मनों से जूझ रहा है और आगे बढ़ रहा है, जबकि उसकी माँ पास में बैठी है, अकेलापन और उपेक्षित महसूस कर रही है. वह उसका ध्यान और जुड़ाव चाहती है, लेकिन उसे केवल घर में पसरी सन्नाटा और वीडियो गेम की आवाज़ मिलती है. यह स्थिति आज कई परिवारों को प्रभावित करती है, जहां अक्सर आमने-सामने की बातचीत के बजाय स्क्रीन को प्राथमिकता दी जाती है.
जैसे ही हम व्योम की जिंदगी देखते हैं, हम देखते हैं कि गेमिंग के प्रति उसका जुनून न केवल उसे बल्कि उसके परिवार को भी प्रभावित करता है. यह फिल्म विशेषकर युवा पीढ़ी के बीच डिजिटल लत के बढ़ते मुद्दे पर प्रकाश डालती है. यह एक रिमाइंडर है कि यद्यपि प्रौद्योगिकी मज़ेदार और मनोरंजक हो सकती है, लेकिन इसे उन लोगों के साथ हमारे संबंधों की कीमत पर नहीं आना चाहिए जिन्हें हम प्यार करते हैं.
'जिंदगी मिलेगी दोबारा' सिर्फ संघर्षों को रेखांकित नहीं करती है; यह आशा और पुनः जुड़ने की संभावना भी प्रदान करता है. पूरी फिल्म में, हम व्योम के भावनात्मक संघर्ष और उसकी मां के उस तक पहुंचने के मार्मिक प्रयासों को देखते हैं. यह हमें अलर्ट करता है कि कभी-कभी हमें अपनी स्क्रीन की दुनिया से पीछे हटने और अपने आस-पास के लोगों के साथ फिर से जुड़ने की आवश्यकता होती है.
यह फिल्म ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए बिल्कुल उपयुक्त है जिसने अपने घरवालों द्वारा प्रौद्योगिकी के दबाव को अपने निजी जीवन पर हावी होते हुए महसूस किया है. यह फिल्म दर्शकों को अपने स्वयं के रिश्तों पर विचार करने और उसे तुरंत सुधारने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे अपने डिजिटल जीवन और वास्तविक दुनिया के कनेक्शन के बीच बेहतर संतुलन कैसे पा सकते हैं.
ज़ी सिनेमा एचडी पर 'जिंदगी मिलेगी दोबारा' का प्रीमियर 20 दिसंबर को शाम 7:30 बजे को तो होगा ही लेकिन यदि आप इसे भूल जाते हैं, तो चिंता न करें. आप इसे 27 दिसंबर को एंडपिक्चर्स एचडी पर और 3 जनवरी, 2025 को एंडएक्सप्लोर एचडी पर फिर से देख सकते हैंयह फिल्म एक भावनात्मक फिल्म होने का वादा करती है जो हर किसी को प्रभावित करती है, हमें याद दिलाती है कि जीवन में वास्तव में क्या मायने रखता है: एक-दूसरे के साथ हमारे संबंध.
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