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महाराष्ट्र और राष्ट्र के सबसे बड़े ग्लैमरस शहर मुम्बई में- जहां सितारे बसते हैं, चुनाव के लिए वोटिंग की रण दुंदुभी बज चुकी है. कबीरा मौसम का एटमोसफियर बदलते देख रहा है. भारतीय जनता पार्टी के पास अभी आधी शिवसेना और आधी राष्ट्रवादी कांग्रेस है, वही कांग्रेस पार्टी के पास आधी शिवसेना और आधी राष्ट्रवादी कांग्रेस है. बोले तो मुकाबला बरोबरी का है. दोनों तरफ पार्टी प्रचार की रेलमपेल शुरू है. ऐसे में कोई सितारा अपनी मुंडी नहीं हिला रहा है कि वो किस तरफ है. किस निशान पर अपनी उंगली करेगा. तो, आइए आम जनता की ही फिरकी देखते हैं.
उधर भाजपा के चुनावी झंडे पर महायुति और इधर कॉंग्रेसी सेना के झंडे पर महाआघाडी लिखा है.चुनाव के पहले महायुति की डबल इंजन सरकारी गाडी में तीन इंजन लगे है एक कोयलेवाला अजित दादा का दूसरा डीजलवाला एकनाथ शिंदे का और तीसरा सबसे पावरफुल फडनवीस का. इधर अघाड़ी की गाडी के इंजन का अभी पता नहीं चुनावी पटरी पर आघाडी पेशल की शटिंग चल रही है, इस गाड़ी का इंजन अभी फाइनल नहीं हुआ है. हो सकता चुनावी सफर खत्म होने के बाद इसमें इंजन लगाया जाएग. यानी- महाविकास की गाड़ी बिना इंजन की गाड़ी और महायुति की तीन इंजन वाली गाड़ी से चुनावी दंगल मचा हुआ है. कबीरा पशोपेश मैं है, सोच रहा है कि यदि महा विकास अघाडी की गाड़ी जीत गई तो खरगोश और कछुए की रेस की कहानी रिपीट हो जाएगी. कबीरा सोचता है क्या ऐसा होने को सकता है?
अभी कूछ दिन पहले की बात है हरियाणा में कांग्रेसी कछुए झूठ की वियाग्रा खाकर भाजपा के तेज धावक को चुनावी- दंगल में पटकनी देने का प्रोग्राम बना चुके थे. हर कोई सोच रहा था हरियाणा मे भारतीय जनता पार्टी का सुपड़ा साफ होगा लेकीन परिणाम आने पर पता चला कि कांग्रेसी कछुआ ओव्हर कान्फिडेंस की अफीम खाकर चुनावी दंगल जीतते जीतते हार गया. कारण इस दफा कांग्रेसी के झूठ का पुलिंदा नहीं चला की बीजेपी का खरगोश आरक्षण बंद करेगा या संविधान बदलेगा. इस बार महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में पहलवान वही एनडीए और एन्डि- ऐलाईन्स से हैं लेकिन 20-20 क्रिकेट टीम मे जैसे टीमे अपनी जर्सी और टीम बदलती हैं, सो दिस टाईम रूलिंग पार्टी की महायुति और एन्डिएलाईन्स की महाविकास अघाडी के बीच चुनावी मैच है. दोनो पार्टीयां पूरा जोर लगा रही है लेकिन बाद में विपक्षी एलाईन्स कपडे फाड कर यही बोमाबोम करेगी की भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मैच फिक्स कर दिया है.
इस बार महाराष्ट्र मे चुनावी मजमा जो जमा है उसका चित्र जरा विचित्र है. दोनों पोलिटिकल टीमों मे मिलावट दिख रही है. अघाडी में कांग्रेसी कच्छे के उपर उद्धव की शिव सैना की आगे बालासाहब की फोटो और पीछे जलती मशाल वाली जरसी और कमर के नीचे पिछवाडे के साथ साईलेंट मोड पर तुतारी और टोपी पर लिखा है MVA (महा विकास अघाड़ी) और इधर महायुति मे भा ज पा के भगवा कच्छे के उपर आगे शिवसैनिको के साथ बाला साहब की तस्वीर वाली जरसी, बैक मैं लिखा है- ओरिजिनल सेना, पीछे धनुषबाण का निशान खाखी पैंट पर नाभि के नीचेलटकती एनसीपी की घड़ी और कंधे पर लटकता भगवा कमल छाप अंग वस्त्रम और टोपी पर लिखा है (MY-महायुति) दोनों टीम के खिलाडी नॉमिनेशन भरने के बाद से जुगत में हैं. पूरा चुनाव काटोगे तो बटोगे की धूरी पर घूम रहा है. उन्ही की पार्टियां दूसरे को काट के आगे बढ़ गई हैं. कुछ टुकड़े भारतीय जनता पार्टी के पास हैं. जिनके टुकड़ों में दम होगा सरकार उन्हीं की बनेगी. कबीरा महाराष्ट के सभी वोटरो को चुनाव पर्व की शुभकाना देता है और सोचता है इस बार महायुति की हैट्रिक होगी? या महाविकास आघाडी की हिट विकेट होगी? वैसे, अक्खा बॉलीवुड में भी यही चर्चा है.
आइए, थोड़ी चर्चा सितारों की भी कर लेते हैं. कबीरा ने चक्कर चलाकर जानकारी जुटाया है कि कोई फिल्म सितारा बॉलीवुड नगरी में प्रचार के लिए नहीं उतर रहा है. रितेश देशमुख महाराष्ट्र के लातुर में अपने भाई अमित बिलासराव देशमुख के प्रचार में शामिल होने पहुचे हैं. दमदार एक्ट्रेस स्वरा भास्कर अपने पति फहाद अहमद के चुनाव प्रचार में मुम्बई के अणुशक्ति नगर में सक्रिय हैं.फहाद अहमद एनसीपी (शरद पवार) की पार्टी के प्रत्याशी हैं. माधुरी दीक्षित और उर्मिला मातोंडकर ने प्रचार के लिए अपनी पार्टियों को यह कहकर मना कर दिया है कि प्रचार में वे नेशनल चुनाव के लिए ही उपयुक्त हैं. भोजपुरी के स्टार व पॉलिटिशियन रवि किशन और निरहुआ की खबर है कि वे मुम्बई में अपनी शूटिंग शेड्यूल प्रोग्राम रद्द कर दिए हैं. आखिर.. सितारों को रहना है बॉलीवुड में, घर है यहां उनका. जल में रहकर मगरमच्छ से बैर काहे को करने का, कबीरा को फुस फुसी खबर मिली है कि लोकल दबंगों ने सितारों को प्रचार से दूर रहने की सलाह दिया है.
स्क्रीन लेखक अनूप श्रीवास्तव बॉलीवुड की फिल्में 'मिलिट्री राज', 'शेरा', 'सुल्तान', 'कैदी', 'मवाली न.1' आदि के लेखक हैं
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