/mayapuri/media/media_files/2025/03/28/6tcvbAz9PIGGv77oQZv8.jpg)
वो आँखे मैं कभी नहीं भूल सकती। इनटेंस, गहरी, टशन से भरपूर, गंभीरता में थोड़ी सी मस्ती, लेकिन बहुत काइंड और सॉफ्ट। मेरा पहला इंटरव्यू था। महबूब स्टूडियो के गार्डन में, पहले तो उन्होने फैन समझा, फिर मायापुरी की जर्नलिस्ट परिचय देते ही, मुस्कुराए। थोड़ी देर पहले ही उन्होने निर्माता से कहकर सारे अंग्रेजी पत्र पत्रिकाओं के पत्रकारों को अगले दिन आने को कह दिया था क्योंकि वे बेहद बिज़ी थे और कोई इनटेंस सीन की तैयारी में थे। लेकिन मैं चली नहीं गई। जब उनसे बातचीत की गुजारिश की तो बोले, "सभी अंग्रेज़ी मीडिया से कह तो दिया कल आइए, आज ना होगा। आपने सुना नहीं।" मैंने मासूमियत से कहा, "पर मैं तो मायापुरी से हूं, हिन्दी सुपरहिट मैगज़ीन।" सलमान ठठा कर जोर से हँसे थे। मैं चुप। सलमान ने पूछा, "नर्वस?" मैंने "हाँ" में गर्दन हिलाई तो फिर से हँसे थे, और मुझे एकदम सहज करते हुए बोले," अपनी पहली फ़िल्म के पहले शॉट में मैं भी नर्वस था, बिल्कुल ऐसे ही।" सलमान की आवाज़ किसी जादूगर की तरह सुनाई पड़ रहा था। एक महान इंसान, एक सुंदर व्यक्तित्व, आभिजातय से भरपूर सूरज की तरह, जिसकी चमक से दुनिया चौंधिया जाय। मैंने उनसे कहा, "आपकी चमक सूरज की तरह है " सलमान ने मस्ती में बात घुमाते हुए कहा," बहुत सारी फिल्मो में मेरे किरदार का नाम था सूरज, जैसे फ़िल्म 'प्यार किया तो डरना क्या।" यही बढ़प्पन है सलमान की। अपनी तारीफ सुनते ही बात घुमा देते हैं।
वर्षों बीत गए उस मुलाकात को, कितनी सारी बातें हुई, बच्चे की तरह निश्छल, मासूम, शराराती लेकिन शेर का जिगर, शेर वाला टशन, शेर की हिम्मत और हाँ शेर की तरह गुस्सा भी। आप उन्हे ना छेड़ो तो सलमान चांद की तरह शीतल हैं और अगर छेड़ा तो ही इज़ इंडीड अ टाइगर, गुरर्र। हां, सलमान टाइगर हैं, सूरज हैं, हीरो है, राजा हैं, प्रेम हैं, आनंद है, चुलबुल हैं, भाऊ हैं, भारत कुमार है, मासूम भाई है, दबंग है, सुल्तान हैं, थोड़ा सा डेविल भी हैं और अब सिकंदर हैं।
अपने सारे किरदारों के नाम के ऊपर, सलमान खान का नाम एक बुलंद गूंज है, यह सिर्फ़ नाम ही लाखों दिलों की धड़कन बढ़ाने के लिए काफ़ी है। अपने प्रशंसकों के बीच "भाई या भाईजान " के नाम से मशहूर सलमान सिर्फ़ बॉलीवुड के सुपर स्टार एक्टर नहीं हैं, वे अपने चाहने वालों, फैंस, फॉलोअर्स के लिए एक भावना हैं, एक उम्मीद है, एक जलवा हैं, एक गर्व है और बहुतों के लिए वे एक गुड समैरिटन हैं, जो किसी सचमुच मजबूर की करुण पुकार सुनते ही दौड़े चले जाते हैं और उनकी मदद करते हैं।
सलमान बॉलीवुड में सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले लेकिन सबसे ज्यादा विवादित लोगों में से एक हैं। इंदौर की उनींदी शहर के एक शरारती लड़के से लेकर बॉलीवुड के सिकंदर बनने तक का उनका सफ़र किसी अल्ट्रा झूले की सवारी से कम नहीं है जिसमें गहराई है, संघर्ष है, जीत हैं , दिल टूटने की निशब्द कराह है, विवादों की घमासान और सुपरहिट फ़िल्मों से भरी हुई एक करियर ग्राफ है, जिसने उन्हें एक लीजेंड बना दिया है।
इंदौर का लड़का सलमान खान का जन्म 27 दिसंबर, 1965 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े, जिसका बॉलीवुड से गहरा नाता था। उनके पिता सलीम खान अपने समय के सबसे सफल पटकथा लेखकों में से एक रहें हैं, जिन्होंने 'शोले' और 'दीवार' जैसी बेहतरीन फ़िल्में लिखी थीं। सलमान की मां सुशीला चरक (जिन्हें बाद में सलमा खान के नाम से जाना गया) एक सुघड़ गृहिणी हैं जिन्होंने परिवार में आए हुए बड़े बड़े तूफानों के बावजूद परिवार को बांधे रखा, उसे बिखरने नहीं दिया। दो छोटे भाई अरबाज खान और सोहेल खान और दो बहनें, अलवीरा और अर्पिता से वे सबसे बड़े हैं।
बचपन की बातें उठने पर उन्होने कहा था कि बचपन में वे शरारतों से भरे हुए थे। उन्हें अपने भाई-बहनों और दोस्तों के साथ दिन भर शरारतें करना बहुत पसंद था। इंटरव्यू में सलमान अक्सर मज़ाक करते हैं कि कैसे वे स्कूल में एक बहुत ही बेकार छात्र थे। एक बार उन्होंने हंसते हुए कहा था, "मुझे पढ़ाई में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी। मैं होमवर्क से भागता था और अपना समय साइकिल चलाने या तैराकी में बिताता था।" अपने चंचल स्वभाव के बावजूद, सलमान अपने परिवार से बहुत जुड़े हुए रहे और ऐसे घर में पले-बढ़े जहाँ सबके लिए प्यार और सम्मान भरपूर होता है।
सलमान के शुरुआती साल ग्वालियर में बीते जहाँ वो खेलकूद, तैराकी और साइकल चलाने तथा दोस्तों के साथ मटर गश्ती करते थे। सलमान वहां बहुत खुश थे लेकिन उन्ही दिनों उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गए। उन्हे उनके पिता सलीम ने बांद्रा के सेंट स्टैनिस्लॉस हाई स्कूल में भर्ती कर दी। सलमान का मन पढ़ाई में कहाँ लगता था? उन्होने उच्च शिक्षा को गंभीरता से नहीं लिया। उनका दिल तो धड़कने लगा किसी और चीज़ पर और वो था बॉलीवुड।
बॉलीवुड में सलमान की एंट्री उतनी आसान नहीं थी, जितनी लोग सोचते हैं। सलीम खान के बेटे होने के बावजूद, उन्हें खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्हे जब इस बारे में पूछा तो उन्होने कहा था कि पिता सलीम खान ने कभी किसी से उनकी सिफारिश नहीं की और ना ही कभी खुद सलमान ने ऐसा चाहा। अपने संघर्ष से उन्हे उनकी पहली फ़िल्म 'बीवी हो तो ऐसी' (1988) मिली थी, जहाँ उन्होंने सहायक किरदार निभाया था। फिल्म ने ज़्यादा धूम नहीं मचाई, और सलमान को दर्शकों ने नोटिस भी नहीं किया।
लेकिन फिर डेब्युटेंट निर्देशक सूरज बड़जात्या द्वारा निर्देशित 'मैंने प्यार किया' (1989) आई। इस फिल्म ने सलमान और सूरज बड़जात्या दोनों की किस्मत बदल दिया। प्रेम की भूमिका निभाते हुए, सलमान रातोंरात सनसनी बन गए। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड तोड़ दिए और उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष डेब्यूडेंट के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। अचानक, हर कोई जानना चाहता था कि यह गहरी और भावुक आँखों वाला आकर्षक युवक कौन है।
लेकिन उस शुरुआती हिट के बाद सफलता आसानी से उन्हे नहीं मिली। 1990 के दशक की शुरुआत सलमान के लिए कठिन थी क्योंकि उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आशातीत सफलता नहीं पा सकी। लव, जागृति, चंद्र मुखी, एक लड़का एक लड़की, दिल तेरा आशिक, चाँद का टुकड़ा वीरगति यह मझधार, जानम समझा करो उन्ही फिल्मों में से थी। सलमान के अनुसार इन असफलताओं ने उन्हें खुद पर सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया। सलमान ने एक बार स्वीकार किया, “मैं उन दिनों बहुत निराश महसूस करता था।” “मुझे लगता था कि शायद मैं इस इंडस्ट्री के लिए नहीं बना हूं।” लेकिन हार मानने के बजाय, वह आगे बढ़ते रहे।
कहते हैं न कि हर रात की सुबह होती है, तो हां, सलमान खान के लिए सुपरस्टार युग की शुरुआत होने लगी।
सलमान को एक बड़ी सफलता 'हम आपके हैं कौन' (1994) से मिली, जो भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक मानी जाती है। यह फिल्म सुपर हिट गानों, दिल छूने वाली भावनाओं और प्यार से भरपूर एक पारिवारिक ड्रामा थी। वह सब कुछ जो भारतीय दर्शकों को पसंद होता है। प्रेम के किरदार में सलमान ने उन्हें हर लड़की का ड्रीम मैन और हर लड़के का आदर्श बना दिया। करण अर्जुन फ़िल्म में करन के किरदार ने सलमान को बेहतरीन एक्टर करार किया। जुड़वा (1997) में उन्होंने जुड़वां भाइयों की भूमिका निभाई, और बीवी नंबर 1 (1999), जब प्यार किया तो डरना क्या, हम साथ साथ हैं, हम दिल दे चुके सनम, ने बॉलीवुड के शीर्ष सितारों में से एक के रूप में उनकी जगह पक्की कर दी।
सलमान अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं - उनके शर्टलेस सीन मशहूर हो गए (क्या आपको सलमान 'मुझसे शादी करोगी' का टॉवल डांस याद है?) और उनकी डायलॉग डिलीवरी, डांस, इमोशनल आउटबस्ट, गुस्सा,प्यार और कॉमेडी की टाइमिंग ने हर जगह लोगों का दिल जीत लिया। प्रशंसक उन्हें सिर्फ़ उनकी एक्टिंग के लिए ही नहीं बल्कि उनके ऑफ-स्क्रीन व्यक्तित्व के लिए भी पसंद करते थे।
लेकिन हिट फिल्मों के साथ, फ्लॉप फिल्में भी बीच बीच में अपना फ़न फैला कर सलमान को आगाह करती रही जिन्होंने उन्हें सबक सिखाया। पिछले दिनों सलमान खान ने खुले दिल से स्वीकार किया कि जो फिल्में नहीं चलती वो गंदी या बेकार फिल्में होती है और जो चल जाए वो अच्छी फिल्में होती है, वजह सही हो या गलत। यह उन्होने अपनी फिल्मों के संदर्भ में भी कहा।
सुपरस्टार्स को भी असफलताओं का सामना करना पड़ता है और सलमान की भी कई फिल्में फ्लॉप रहीं। वीर, मैरीगोल्ड, मैं और मिसेज खन्ना और ट्यूबलाइट जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बहुत उम्मीदों के बावजूद नर्म रहीं। लेकिन सलमान ने हमेशा असफलताओं को सहजता से लिया। एक बार उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान सहजता से कहा था, “आप हर बार जीत नहीं सकते।” “कुछ फिल्में चलती हैं, कुछ नहीं यही तो ज़िंदगी है। जो चल जाए वो सिकंदर। "
सलमान को अन्य बॉलीवुड नायकों से अलग करने वाली बात यह है कि जब उनकी फिल्में असफल होती हैं, तब भी उनके प्रशंसक उनके प्रति वफ़ादार रहते हैं क्योंकि वे उन्हें सिर्फ़ एक अभिनेता के तौर पर ही नहीं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर भी प्यार करते हैं जो हमेशा से ही वास्तविक और भरोसेमंद रहा है।
सलमान जितने बड़े एक्टर हैं उतने भी ज्यादा विवादों ने उनके जीवन को झकझोर दिया।
सलमान खान का कैरियर और पर्सनल जीवन हमेशा से ही खुशियों से भरा नहीं रहा है। यह विवादों से घिरा रहा है, जो अक्सर उनके करियर की उपलब्धियों पर अपनी बुरी छाया डाल कर खड़ी रही।
काला हिरण मामला: 1998 में, 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान, सलमान पर राजस्थान में लुप्तप्राय काले हिरणों का शिकार करने का आरोप लगाया गया था।
हिट-एंड-रन मामला 2002 में सलमान एक कार दुर्घटना हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
सलमान के रिश्ते, ऐश्वर्या राय बच्चन से लेकर कैटरीना कैफ तक, उनके प्रेम जीवन पर हमेशा से ही लोगों की बुरी निगाह उठी रही है, लेकिन इनमें से किसी ने भी शादी नहीं की।
इन विवादों के बावजूद, सलमान ने बिना किसी खेद के खुद को बनाए रखा है। "मैंने गलतियाँ की हैं; मैं आखिरकार इंसान हूँ," उन्होंने एक बार कहा था।
'सुपरहिट फ़िल्में जिन्होंने उन्हें भाई बना दिया'
पिछले काफी सालों में सलमान ने अनगिनत ब्लॉकबस्टर फ़िल्में दी हैं। जैसे 'वांटेड' फ़िल्म (2009): एक्शन से भरपूर मनोरंजन के साथ उन्होने अपने करियर को पुनर्जीवित किया।
दबंग (2010): सलमान खान के बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध किरदारों में से एक चुलबुल पांडे को पेश किया।
'एक था टाइगर' (2012): सलमान की यह एक जासूसी थ्रिलर जो बहुत बड़ी हिट रही।
'बजरंगी भाईजान' (2015): एक दिल को छू लेने वाली कहानी जिसने बॉलीवुड फिल्मों में अक्सर मारा मारी, एक्शन के सुल्तान सलमान के सॉफ्ट पक्ष को दिखाया।
सुल्तान (2016): में सलमान ने साबित किया कि वह गंभीर भूमिकाएँ भी निभा सकते हैं।
एक्शन से भरपूर भूमिकाएँ वाली फिल्में 'वांटेड' और 'दबंग' जैसी फ़िल्मों ने सलमान को एक पूर्ण एक्शन हीरो के रूप में पेश किया। 'दबंग' में चुलबुल पांडे का उनका किरदार इतना प्रसिध्द था कि यह एक सांस्कृतिक घटना बन गई। किरदार के फ्रेंचाइजी और स्टाइल लोकप्रिय संस्कृति का हिस्सा बन गए। सलमान ने चुलबुल के बारे में बताया, "मैं बस एक ऐसा किरदार बनाना चाहता था जिसे लोग पसंद करें।"
तेरे नाम (2003) और बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों में सलमान ने गहरी भावनाओं को व्यक्त करने की अपनी क्षमता दिखाई। 'तेरे नाम' में राधे नामक एक परेशान प्रेमी की भूमिका ने दुनिया के हर प्रेमी के दिलों को छुआ और एक अभिनेता के रूप में उनकी विविधता को दर्शाया। प्रमोशन के दौरान उन्होंने कहा, "यह एक चुनौतीपूर्ण भूमिका थी, लेकिन मैं प्यार के दर्द को प्रामाणिक रूप से चित्रित करना चाहता था।"
कॉमेडी और पारिवारिक ड्रामा: जुड़वा 2 (2017) और प्रेम रतन धन पायो (2015) जैसी फिल्मों ने उन्हें अभिनय के हल्के-फुल्के पहलू को खंगालने का मौका दिया। उनकी कॉमेडी टाइमिंग और आकर्षण ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे साबित हुआ कि वह उन्हें उतनी ही आसानी से हंसा सकते हैं जितनी आसानी से रुला सकते हैं।
2000 के दशक के आखिर में कई असफलताओं का सामना करने के बाद, सलमान ने 'वांटेड' के साथ एक उल्लेखनीय वापसी की थी। इस फिल्म ने न केवल उनके करियर को पुनर्जीवित किया, बल्कि उनके भविष्य की परियोजनाओं के लिए भी दिशा तय की। वे बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने वाले अभिनेता बन गए, लगातार साल दर साल हिट फिल्में देते रहे। सलमान ने अपने करियर के बारे में कहा, "हर अभिनेता उतार-चढ़ाव से गुजरता है। यह यात्रा का हिस्सा है।" "महत्वपूर्ण यह है कि आप कैसे वापसी करते हैं।"
पॉप संस्कृति पर सलमान खान का प्रभाव भी कम गहरा नहीं है। सलमान खान का प्रभाव सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं है, वे भारत और दुनिया भर में भारतीय समुदायों के बीच एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गए हैं।
इन फ़िल्मों ने उन्हें लाखों लोगों के लिए “भाई” बना दिया जो उन्हें ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन दोनों ही तरह से अपना हीरो मानते हैं।
सलमान एक अभिनेता के रूप में बॉलीवुड पर राज करने वाले कलाकार तो हैं ही, उन्होने अपनी खुद की एक संस्था 'बीइंग ह्यूमन' भी खड़ी की जो खालिस रूप से सिर्फ और सिर्फ परोपकारी काम के लिए धन जुटाती हैं। अक्सर उन्होने चैरिटी में सबसे ज्यादा डोनेशन खुद दिया।
एक चीज जो सलमान को दूसरे सितारों से अलग करती है, वह है बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन के माध्यम से उनका चैरिटी कार्य। यह संगठन अनाथ, गरीब बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ मदद करता है। सलमान बीइंग ह्यूमन के बारे में गर्व से कहते हैं, “मैं समाज को कुछ वापस देना चाहता हूं क्योंकि मुझे भी समाज से बहुत प्यार मिला है।”
उनके चाहने वाले जानना चाहते हैं कि उन्हें क्या खास बनाता है?
सलमान खान सिर्फ़ इसलिए मशहूर नहीं हैं क्योंकि वे अच्छा अभिनय करते हैं या अच्छा दिखते हैं और सुपर स्टार हैं। वे लोकप्रिय इसलिए है क्योंकि वे लोगों से जमीनी स्तर पर जुड़ते हैं। सलमान वलऩेरबल होते हुए भी निडर हैं, भावुक होते हुए भी मज़बूत हैं, सरल होते हुए भी जीवन से भरपूर है। बिल्कुल मेरे आपके जैसे। प्रशंसक उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि वे कभी भी परिपूर्ण होने का दिखावा नहीं करते।
जैसा कि भाई खुद कहते हैं: “मैं यहाँ सिर्फ एक अभिनेता के रूप में याद किए जाने के लिए नहीं हूँ, मैं चाहता हूँ कि लोग मुझे ऐसे व्यक्ति के रूप में याद करें जिसने उन्हें खुशियाँ दी।”
सलमान खान के जीवन का अब तक का सफ़र इस बात का सबूत है कि सलमान खान बनना आसान नहीं है। आपको इसके लिए हर दिन संघर्ष करना पड़ता है। इंदौर के एक साधारण लड़के से लेकर तीन दशकों से ज्यादा समय तक बॉलीवुड पर राज करने वाले, भाई ने अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जी है।
चाहे ब्लॉकबस्टर फ़िल्में देना हो या बीइंग ह्यूमन के ज़रिए लोगों की मदद करना हो या फिर बेबाकी से खुद को पेश करना हो। सलमान खान हमेशा भारत के सबसे बड़े सुपरस्टार में से एक रहेंगे, और जब तक उनके फ़िल्म रिलीज़ होने पर सिनेमाघरों के बाहर प्रशंसक “भाई!” चिल्लाते रहेंगे, सलमान के लिए जीते मरते रहेंगे, तब तक सलमान की रूपहले पर्दे पर दबंगई चलती रहेगी।
सलमान खान के कैचफ़्रेज़ और डायलॉग कैसे होते हैं?
सलमान की तरह सलमान के डायलॉग्स भी गली गली, शहर शहर मशहूर हो गए हैं। 'दबंग' से “स्वागत नहीं करोगे हमारा?” या “एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी, उसके बाद तो मैं खुद की भी नहीं सुनता” जैसे वाक्य प्रशंसकों के बीच रोज़मर्रा की बातचीत में शामिल हो गए हैं। ये लाइनें उनके दबंग लेकिन उदार व्यक्तित्व को दर्शाती हैं और पॉप कल्चर आइकन के रूप में उनकी स्थिति में योगदान दिया है।
सिकंदर के सारे डायलॉग्स भी आज सबकी जुबान पर आने लगी है, जैसे, "आई पी एस एक्जाम देकर पुलिस बन जाऊंगा और बिना कोई एक्जाम दिए नेता।'
"दादी ने नाम सिकंदर रखा था, दादा ने संजय, और प्रजा ने राजा साहब"
" इंसाफ नहीं साफ करने आया हूँ"
" कायदे में रहो, फायदे में रहोगे, वर्ना शमशान या कब्रिस्तान में रहोगे"
सलमान सिर्फ फिल्मों के ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया के भी सनसनी हैं।
हाल के वर्षों में, सलमान ने इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को अपनाया है, जिससे वे सीधे प्रशंसकों से जुड़ते हैं। उनके पोस्ट में अक्सर उनकी निजी जिंदगी की झलकियां, फिल्मों के पर्दे के पीछे के पल और बीइंग ह्यूमन के जरिए उनके धर्मार्थ कार्यों के बारे में अपडेट होते रहते हैं।
आइए जानते हैं कि पर्दे के पीछे के असली सलमान खान कैसे हैं?
दुनिया उन्हें सुपरस्टार के तौर पर जानती है, लेकिन सलमान खान में वह सब कुछ है जो दिखता नहीं है। वे दिल से एक पारिवारिक व्यक्ति हैं, भले ही उन्होने अब तक, 59, वर्ष की उम्र तक शादी नहीं की लेकिन अपने व्यस्त शेड्यूल के बावजूद, सलमान परिवार को सबसे ज़्यादा महत्व देते हैं। वह अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ एक करीबी रिश्ता साझा करते हैं। पारिवारिक समारोहों में हंसी-मज़ाक, प्यार और मेलजोल में सलमान का दिल खोलकर शामिल होना यह गवाह देता है कि सलमान वो प्यारा और जिम्मेदार व्यक्ति हैं जो अपना संसार बसा कर सुखी रह सकता है।
एक बार उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरा मानना है कि परिवार ही सब कुछ है।" "वे मुझे जमीन से जुड़े रखते हैं।"
सलमान फिटनेस के प्रति अपने समर्पण के लिए जाने जाते हैं। वह अक्सर प्रशंसकों के साथ वर्कआउट रूटीन और स्वस्थ जीवनशैली के टिप्स शेयर करते हैं। 'सुल्तान' जैसी भूमिकाओं के लिए उनका बदलाव, जिसमें उन्होंने पहलवान की भूमिका निभाने के लिए मांसपेशियों को बढ़ाया, शारीरिक फिटनेस के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
“फिटनेस का मतलब सिर्फ़ अच्छा दिखना नहीं है इसका मतलब अच्छा महसूस करना भी है,” उन्होंने ने बातचीत के दौरान ज़ोर देकर कहा था।
सलमान एक पशु प्रेमी भी हैं और उन्हें अक्सर आवारा कुत्तों को बचाते या जानवरों के अधिकारों की वकालत करते देखा गया है। पालतू जानवरों के प्रति उनका प्यार उनके कई सोशल मीडिया पोस्ट में साफ़ झलकता है, जहाँ वे अपने कुत्तों के साथ पल साझा करते हैं। काफी समय से लेकर आज तक उनके एक शिकार को लेकर जो कंट्रोवर्सी चल रही है वो क्यों और कैसे हुआ इस पर छानबीन चल रही है।
भाई का भविष्य? आगे क्या है?
जैसा कि हम आगे देखते हैं, हर किसी के दिमाग में यह सवाल है: सलमान खान के लिए आगे क्या है?
फिलहाल तो सलमान का कई रोमांचक परियोजनाओं पर काम करना जारी हैं जो दुनिया भर के दर्शकों का मनोरंजन करने का वादा करती हैं:
सलमान खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'सिकंदर' 30 मार्च, 2025 को सिनेमाघरों में आने वाली है और प्रशंसक उत्साह से भरे हुए हैं। ए.आर. मुरुगादॉस द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक्शन, ड्रामा और इमोशन से भरपूर एक रोमांचक पेशकश होने वाली है। आइए जानें कि 'सिकंदर' सलमान के शानदार करियर में एक महत्वपूर्ण कड़ी क्यों है।
सिकंदर, सलमान खान द्वारा निभाए गए संजय राजकोट नामक एक व्यक्ति की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है। अपनी पत्नी, सैसरी (रश्मिका मंदाना द्वारा अभिनीत) से प्रेरित होकर, संजय कई चुनौतियों और प्रतिकूलताओं का सामना करता है। उनका किरदार उम्मीद का प्रतीक है, जो उन्हें ज़रूरतमंदों के लिए एक प्रकाशस्तंभ बनाता है।
फिल्म सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत विकास के विषयों की कहानी है, जो यह दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति का दृढ़ संकल्प समाज में बदलाव ला सकता है।
सलमान खान के साथ, 'सिकंदर' में प्रतिभाशाली कलाकारों की टीम ने
रश्मिका मंदाना सैसरी के रूप में सलमान की पत्नी का रोल निभाती है। इनके अलावा है
काजल अग्रवाल सत्यराज
शरमन जोशी और प्रतीक बब्बर।
सलमान और रश्मिका के बीच की केमिस्ट्री को प्रचार में विशेष रूप से हाइलाइट किया गया है, जिससे उनकी ऑन-स्क्रीन जोड़ी के बारे में उत्सुकता बढ़ गई है।
सिकंदर का निर्माण काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। ₹200 करोड़ के अनुमानित बजट के साथ, यह अब तक बनी सबसे महंगी भारतीय फिल्मों में से एक है। मुख्य फोटोग्राफी जून 2024 में शुरू हुई और मार्च 2025 में समाप्त हुई।
सलमान को फिल्मांकन के दौरान कई तकलीफों का सामना करना पड़ा, जिसमें तीव्र एक्शन सीक्वेंस करते समय पसलियों में चोट लगना भी शामिल है। इस बाधा के बावजूद, उन्होंने फ़िल्म के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित करते हुए इसे समय पर पूरा किया। ट्रेलर लॉन्च के दौरान उन्होंने कहा, “जब आप कुछ बड़ा बना रहे होते हैं तो थोड़ा दर्द कुछ भी नहीं होता है।”
फिल्म में मुंबई की धारावी झुग्गी और अन्य शहरी परिदृश्यों सहित विभिन्न स्थानों को दोहराने के लिए डिज़ाइन किए गए विस्तृत सेट भी हैं।
सिकंदर का संगीत प्रीतम ने तैयार किया है, जो अपनी आकर्षक धुनों के लिए जाने जाते हैं जो अक्सर चार्ट-टॉपर बन जाते हैं। संतोष नारायणन द्वारा दिया गया बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के भावनात्मक क्षणों और एक्शन दृश्यों को और बेहतर बनाने की उम्मीद है जो इसके 2 घंटे 30 मिनट के रनटाइम के दौरान बांधे रखे।
इसकी अब तक ₹ 8.81, करोड़ से अधिक की एडवांस बुकिंग और अपने पहले दिन 12 लाख से अधिक टिकट बिकने के साथ, सिकंदर बॉक्स ऑफिस पर मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार है। यह फिल्म मोहनलाल की 'एल2 एम्पुरान' जैसी अन्य रिलीज के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी, लेकिन कई लोगों का मानना है कि सलमान की स्टार पावर दर्शकों को भारी संख्या में आकर्षित करेगी।
प्रशंसक उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं कि ईद की छुट्टियों के दौरान यह फिल्म कैसा प्रदर्शन करेगी। यह वह समय है जब सलमान पारंपरिक रूप से दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए अपनी फिल्में रिलीज करते हैं।
सिकंदर सलमान खान की फिल्मोग्राफी में एक रोमांचक फिल्म बनने जा रही है। अपनी आकर्षक कहानी, प्रभावशाली कलाकारों और उच्च प्रोडक्शन वैल्यू के साथ, यह फिल्म मनोरंजन और प्रेरणा दोनों देने वाली है। 30 मार्च को रिलीज होने वाली इस फिल्म के लिए प्रशंसक तैयार हैं, ऐसे में सभी की निगाहें एक बार फिर सलमान खान पर होंगी, क्योंकि वह न्याय और उम्मीद के लिए लड़ने के लिए तैयार एक नायक की भूमिका में हैं। यह फिल्म उनके पहले से ही शानदार करियर में एक और ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती है।
इसके अलावा उनकी आने वाली फिल्में हैं किक 2, टाइगर वर्सेज पठान, दबंग 4,, संभवत:अटली की अगली फ़िल्म, मिरगूदास की अगली एक्शन फिल्म, सूरज बड़जात्या की अगली फ़िल्म।
जैसा कि एक बार सलमान ने कहा था: “मैं परफेक्ट नहीं हूं; मैं बस मैं हूं।” और यही प्रामाणिकता उन्हें इतने सारे लोगों से जोड़ती है।
Read More
Raid 2 Teaser Out: आईआरएस अमय पटनायक की रेड से बचने में कामयाब हो पाएंगे Riteish Deshmukh
Tags : Salman Khan | about salman khan | 34 years in the industry Salman Khan | actor salman khan | Actress who debut with salman khan | salman khan films | Salman Khan Movies | Salman Khan movies old movies | salman khan sikandar movie | Salman Khan Sikandar Movie Shooting Update | sikandar