ऋचा चड्ढा और अली फज़ल की गर्ल्स विल बी गर्ल्स को ब्रेकथ्रू डायरेक्टर श्रेणी में प्रेस्टिजीयस गोथम पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया है जिसने ज़ेंडया के चैलेंजर्स के साथ स्थान साझा किया. स्वतंत्र फिल्मों के लिए लीडिंग सम्मान के रूप में पहचाने जाने वाले गोथम अवार्ड्स ने सिनेमा के भविष्य को आकार देने वाली असाधारण प्रतिभाओं को उजागर करते हुए इस वर्ष के समारोह के लिए नामांकन की घोषणा कर दी है. नामांकितों में शुचि तलाती भी शामिल हैं, जो अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म, 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' में अपनी एकदम अभिनव दृष्टि और निर्देशन कौशल के लिए बहुप्रशंसित हैं.
इस वर्ष, गोथम पुरस्कारों का नेतृत्व, और कोई नहीं, बल्कि अनोरा और ज़ेंडया के चैलेंजर्स जैसे उल्लेखनीय दावेदारों ने किया है, जिससे शुचि तलाती का नामांकन भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बन गया है. ऐसे प्रमुख कार्यों के साथ-साथ गर्ल्स विल बी गर्ल्स की मान्यता, फिल्ममेकिंग के प्रभाव और तलाती की उल्लेखनीय प्रतिभा को रेखांकित करती है.
बॉलीवुड पावरहाउस ऋचा चड्ढा और अली फज़ल द्वारा निर्मित, गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हासिल की है, हाल ही में इस फिल्म ने सनडांस फिल्म फेस्टिवल में दो प्रमुख पुरस्कार जीते और भारत के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल मामी में सम्मान अर्जित किया. इन प्रशंसाओं ने फिल्म को भारतीय स्वतंत्र फिल्म सर्किट में सबसे प्रतीक्षित रिलीज में से एक के रूप में स्थान दिया है.
शुचि तलाती ने कहा,
"गोथम पुरस्कारों से सम्मानित होने पर मैं अविश्वसनीय रूप से खुद को सम्मानित महसूस कर रही हूं. यह नामांकन मेरे लिए केवल एक व्यक्तिगत मील का पत्थर नहीं है, बल्कि यह गर्ल्स विल बी गर्ल्स में शामिल सभी लोगों के सामूहिक प्रयासों, रचनात्मकता और जुनून को दर्शाता है. हमारी फिल्म, महिला प्रधान कहानी है जो अपने अनुभवों की जटिल पेंचदारी और स्त्रियों की दशा और दिशा को नए और आकर्षक तरीके से उजागर करना चाहती है, और मुझे पूरी उम्मीद है कि दर्शकों को उनके अंतर मन में गहराई से उतरने की यह मान्यता हमें कहानी कहने में, उसकी सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है."
रिचा चड्ढा और अली फज़ल ने संयुक्त रूप से गर्व व्यक्त करते हुए कहा,
"हमें शुचि और गर्ल्स विल बी गर्ल्स के पीछे की पूरी टीम पर बेहद गर्व है. यह नामांकन, इस फिल्म को बनाने में की गई कड़ी मेहनत, समर्पण और दूरदर्शिता का प्रमाण है. एक निर्माता के रूप में, हमने हमेशा ऐसी ऑथेंटिक, यानी प्रामाणिक कहानियाँ बताने का लक्ष्य रखा है जो सामाजिक मानदंडों को चुनौती देती हैं, और ऐसे प्रतिष्ठित मंच पर हमारे काम को मान्यता प्राप्त होते देखना सच में रोमांचकारी है. हम भारत में फिल्म की रिलीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं और मैं दर्शकों को यह अनुभव कराने के लिए उत्साहित हूं कि हमारा मानना है कि यह समकालीन सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है."
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