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अबतक सिनेमा सिर्फ नारी पक्ष की वकालत करता रहा है। नारी कमजोर होती है, शोषिता होती है और यौन शोषण की सारी पीड़ाएं वही झेलती है। ठीक इसके विपरीत एक फिल्म इस शुक्रवार (14 नवम्बर 2025) से पूरे भारत मे रिलीज है जो महिलाओं द्वारा पुरुष शोषण का सवाल उठाती है। यह कोई कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म नही है बल्कि पर्दे के पीछे की तस्वीर है जो चार जवान लड़कियां एक जवान लड़के के साथ करती हैं। फिल्म है अजय राम निर्देशित "हाय ज़िंदगी"। (Hai Zindagi film about male harassment by women)
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पेशे से वकील सुनील कुमार अग्रवाल और निर्देशक अजय राम ने इस फिल्म में आधुनिकता से लवरेज चार तरुणियों की अय्याशी का शिकार हुए एक युवक के साथ किए गए बलात्कार को कहानी का विषय बनाया है।फिल्म में कई सवाल हैं कि बलात्कार जैसे विषय को 'जेंडर बेस्ड' क्यों रखा गया है। लड़का करे तो बलात्कार और लड़की करे तो कोई सुनवाई नहीं, ऐसा क्यों? हालांकि यह सवाल एक जनहित याचिका द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में गया हुआ है और दूसरे केसेज भी पोलिस स्टेशन तथा कोर्ट के दरवाजे तक पहुचते हैं जिनपर कोई सुनवाई नहीं हो पाती, "क्योंकि पुरुष के फेवर में कोई 'ला' नही बना है", ऐसा कहना है वकील निर्माता सुनील अगरवाल का। इसीलिए वह कहानी को कोर्ट रूम से दूर दर्शकों की सोच पर छोड़ दिए हैं।
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कहानी:
गुप्तजी (संजय गोयल) जैसे बड़े पैसेवाले अपनी बेटी पलक ( गरिमा सिंह) के लिए पूरी आजादी दिए हुए हैं पर उसकी हरकतों पर ध्यान नहीं रखते। पलक अपनी सहेलियों- मेघा(आयुषी तिवारी), ज्योति(सोमी श्री), नंदिनी(दीपांशी त्यागी) के साथ, पार्टी- डांस- ड्रिंक में मशगूल रहती है और एकदिन मस्ती मारने के लिए ए लड़कियां गुप्ता जी के एक एम्प्लाई युवक वरुण ( गौरव सिंह) को शिकार बनाती हैं। वरुण के साथ लड़कियां रेप करती हैं और उसे मरा समझकर नदी में फेंक देती हैं। वरुण जिंदा रहता है, अपने दोस्त के साथ पोलिस स्टेशन जाता है, वकील को मिलता है पर कोई उसे सपोर्ट नहीं करता क्योंकि लड़के के साथ रेप के लिए कोई कानून नहीं है। फिर वरुण उन्हें दंड देने के लिए अलग तरीका अपनाता है। (Ajay Ram directed Hai Zindagi movie release 14 November 2025)
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"हाय फ्रेंड्स" में आज की युवा पीढी की लड़कियों का अंतर्द्वंद दिखाया गया है कि वे समुचित गार्जियनशिप ना होने के कारण कैसे नई हवा की शिकार बनजाती हैं। उन्मुक्त जीवन शैली उन्हें कहाँ पहुंचा सकती है। पब, दारू, डांस और सेंसुअल- सेक्सुअल जीवन शैली उन्हें अपने संस्कारों से दूर कर देती है। फिल्म की चारों लड़कियों ने अपने अभिनय में जान डाल दिया है और बेहद आकर्षक लगी हैं। अभिनय पक्ष में वरुण की भूमिका में गौरव सिंह का काम सराहनीय है। (Hai Zindagi movie sensitive topic male exploitation)
कहानी को आगे बढ़ाने के लिए संगीत भी रखा गया है लेकिन गाने विजुअल में ही अच्छे लगते हैं। दानिश अली, अदित्यराज शर्मा, प्रतीक लाल और उमर शेख की कम्पोजिशन उतनी अच्छी नहीं है जितनी फिल्मांकन में उन्हें फोटोग्राफी प्रभावशाली बनाती है। (Four girls one boy exploitation plot Hai Zindagi)
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निर्देशक अजय राम का काम अच्छा है। ऐसे कथानक पर फिल्मों की जरूरत है जिससे लोगों को पता चले कि यौन शोषण के शिकार पुरुष भी होते हैं। (Hai Zindagi unconventional storyline male-centric trauma)
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फिल्म एकबार देखी जानी चाहिए।
FAQ
1. फिल्म “हाय ज़िंदगी” किस विषय पर आधारित है?
फिल्म “हाय ज़िंदगी” महिलाओं द्वारा पुरुष शोषण जैसे संवेदनशील और कम चर्चित मुद्दे को प्रमुखता से उठाती है।
2. फिल्म का निर्देशन किसने किया है?
इस फिल्म का निर्देशन अजय राम ने किया है।
3. “हाय ज़िंदगी” कब रिलीज़ हुई?
फिल्म 14 नवम्बर 2025, शुक्रवार के दिन पूरे भारत में रिलीज़ हुई।
4. फिल्म की कहानी किस तरह की है?
यह कोई कोर्टरूम ड्रामा नहीं है, बल्कि पर्दे के पीछे की वह कड़वी सच्चाई दिखाती है जिसमें चार युवा लड़कियाँ एक युवा लड़के का शोषण करती हैं।
5. यह फिल्म क्यों खास है?
क्योंकि सिनेमा में अब तक ज्यादातर नारी शोषण के मुद्दे दिखाए गए हैं, जबकि यह फिल्म पुरुषों के साथ होने वाले शोषण को साहसपूर्वक सामने लाती है।
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