फिल्म हिट कराने के लिए इंडस्ट्री खरीद रही है तालियां और तारीफें?

एंटरटेनमेंट:फिल्म इंडस्ट्री में प्रमोशन के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनमें किराए की ऑडियंस का चलन तेजी से बढ़ रहा है फिल्मों के इवेंट्स में पेड ऑडियंस बुलाकर पॉजिटिव

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एंटरटेनमेंट:फिल्म इंडस्ट्री में प्रमोशन के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनमें किराए की ऑडियंस का चलन तेजी से बढ़ रहा है फिल्मों के इवेंट्स में पेड ऑडियंस बुलाकर पॉजिटिव माहौल बनाने की रणनीति अपनाई जा रही है यह चलन खासकर कोविड के बाद बढ़ा है जब थियेट्रिकल फिल्मों की ओर लोगों का रुझान कम हुआ फिल्ममेकर्स और उनकी पब्लिसिटी टीम माहौल बनाने के लिए किराए की भीड़ का सहारा ले रहे हैं ताकि फिल्म हिट हो सके इन पेड ऑडियंस को तालियां और तारीफें करने के लिए बुलाया जाता है पहले इनका इस्तेमाल फिल्मों और शोज की शूटिंग में होता था, लेकिन अब प्रमोशनल इवेंट्स फिल्म इंडस्ट्री में प्रमोशन के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनमें किराए की ऑडियंस का चलन तेजी से बढ़ रहा है फिल्मों के इवेंट्स में पेड ऑडियंस बुलाकर पॉजिटिव माहौल बनाने की रणनीति अपनाई जा रही है यह चलन खासकर कोविड के बाद बढ़ा है, जब थियेट्रिकल फिल्मों की ओर लोगों का रुझान कम हुआ फिल्ममेकर्स और उनकी पब्लिसिटी टीम माहौल बनाने के लिए पेड ऑडियंस का सहारा ले रहे हैं ताकि फिल्म हिट हो सके

खरीदी जाती हैं तालियां और तारीफें

National Cinema Day: Movie tickets at Rs 99 on BookMyShow, PayTM, more  across India; how to book - BusinessToday

जिस तरह थियेटर में पब्लिक को खींचना मुश्किल होता जा रहा है, फिल्म की पब्लिसिटी टीम नए-नए तरीके ईजाद कर रही है रिलीज से पहले और बाद में फिल्म को कामयाब साबित करने के लिए पेड ऑडियंस का उपयोग बढ़ता जा रहा है सस्ते टिकट, बल्क बुकिंग, कॉर्पोरेट बुकिंग के अलावा, अब फिल्मी इवेंट्स में भीड़ जुटाने के लिए भी पेड ऑडियंस का सहारा लिया जा रहा है क्राउड कोऑर्डिनेटर्स और एजेंसियां जरूरत के हिसाब से पब्लिक की सप्लाई करती हैं पहले इस भीड़ का ज्यादातर इस्तेमाल फिल्मों या शोज की शूटिंग में होता था, लेकिन अब रिएलिटी शोज और फिल्म इवेंट्स में भी इनकी मांग बढ़ गई है,छोटे पर्दे पर चलने वाले डांस और सिंगिंग रिएलिटी शोज में स्टेज के सामने बैठकर तालियां बजाने वाली ऑडियंस भी पेड होती है। इन्हें 400 रुपए दिहाड़ी और एक या दोनों वक्त का खाना दिया जाता है। ट्रेलर लॉन्च, सॉन्ग लॉन्च, फिल्म इवेंट्स और रिलीज के बाद पब्लिक रिव्यू में भी पेड पब्लिक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह भीड़ तालियां और सीटियां बजाकर माहौल सेट करती है और फिल्म के बारे में अच्छी बातें कहकर इमेज बनाने की कोशिश करती है। बाद में यही वीडियो पैपराजी और इन्फ्लुएंसर्स के जरिए सोशल मीडिया पर शेयर की जाती है, जिससे फिल्म की अच्छी मार्केटिंग हो जाती है

मॉडल ऑडियंस का किरदार

Audience Etiquette for Theater in 2023 — OnStage Blog

मॉडल ऑडियंस में ज्यादातर खूबसूरत यंग लड़कियां होती हैं, जिन्हें सिलेब्रिटीज के पीछे वाली सीटों पर बैठाया जाता है इनकी दिहाड़ी सामान्य भीड़ से ज्यादा, यानी 500-600 रुपये तक होती है फिल्म इवेंट्स में भी इनकी डिमांड बढ़ रही है क्राउड कोऑर्डिनेटर विरल बताते हैं, 'रिएलिटी शोज में तो पेड ऑडियंस का इस्तेमाल काफी समय से हो रहा है, मगर फिल्म इवेंट्स में अभी भी ज्यादा तादाद फैन्स की होती है कई बार जब आयोजक को ज्यादा भीड़ दिखानी होती है, तब वे पेड ऑडियंस बुला लेते हैं'सोशल मीडिया के जमाने में तमाम नए स्टार्स नकली फैन्स जुटाकर अपनी इमेज बना रहे हैं फिल्म रिलीज के बाद हाउसफुल थिएटर में ऐक्टर की भीड़ के चिल्लाने वाली विडियो में अक्सर फेक फैन्स होते हैं स्टार पर फैंस के मर मिटने वाली कहानियां भी कई बार पीआर की प्लांट की हुई होती हैं एक पब्लिसिटी मैनेजर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'इस ग्लैमर और स्टारडम के बिजनेस में इमेज और परसेप्शन बहुत अहम है हमारा काम ही अपने क्लाइंट के बारे में पॉजिटिव माहौल बनाना है इसके लिए जहां जैसी जरूरत होती है, पैपराजी, इंफ्लूएंसर्स, क्रिटिक, ऑडियंस सबको पैसे दिए जाते हैं 'फिल्म इंडस्ट्री में इमेज और परसेप्शन की यह नई रणनीति बताती है कि किस तरह से फिल्में हिट कराने के लिए अब किराए की भीड़ का भी सहारा लिया जा रहा है

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