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एंटरटेनमेंट:mahendra kumar birth anniversary:महेंद्र कपूर भारतीय सिनेमा के उन महान गायकों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी अद्वितीय आवाज और बहुमुखी प्रतिभा से फिल्म संगीत की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाई भारतीय सिनेमा में 1950 के दशक से लेकर 1980 के दशक तक, महेंद्र कपूर ने अनगिनत सुपरहिट गाने गाए, जो आज भी लोगों की जुबां पर हैं और भारतीय संगीत प्रेमियों के दिलों में गूंजते हैं
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
महेंद्र कपूर का जन्म 9 जनवरी 1934 को पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ था उनका बचपन से ही संगीत की ओर झुकाव था और वे मोहम्मद रफ़ी से प्रेरित थे अपने सपनों को पूरा करने के लिए, महेंद्र कपूर ने गंभीरता से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। उन्होंने पंडित हुस्नलाल और पंडित जगन्नाथ बुवा जैसे दिग्गज संगीत गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की, जिनसे उन्हें गायन की बारीकियों और सुरों की गहरी समझ मिली महेंद्र कपूर का फिल्मी करियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने 1950 के दशक में फिल्मी गीतों में अपनी आवाज़ दी उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1959 में फिल्म "नवरंग" से मिला इस फिल्म का गीत "आधा है चंद्रमा रात आधी" बेहद लोकप्रिय हुआ और महेंद्र कपूर को रातोंरात स्टार बना दिया इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक सुपरहिट गाने दिएमहेंद्र कपूर की आवाज़ में एक खास ऊर्जा और भावनाओं की गहराई थी, जिसके कारण उनके गाने श्रोताओं के दिलों तक सीधा पहुंचते थे उनकी गायकी में एक जुनून और सजीवता थी, जिसने उनके गानों को एक अलग पहचान दी
देशभक्ति गीतों के बादशाह
महेंद्र कपूर को विशेष रूप से देशभक्ति गीतों के लिए याद किया जाता है उनके द्वारा गाए गए देशभक्ति गीत आज भी हर भारतीय के दिल में देशप्रेम की भावना जाग्रत कर देते हैं सबसे प्रसिद्ध गीत "मेरे देश की धरती" (फिल्म "उपकार", 1967) है, जिसे सुनते ही देशभक्ति का जोश भर जाता है इसके अलावा उन्होंने "भारत का रहने वाला हूँ", "जय बोलो बेइमान की", "नफरत की दुनिया को छोड़ के" जैसे गाने गाए, जो भारतीय संगीत के अमर गीत बन गए हैं
महेंद्र कपूर के योगदान को सम्मानित करते हुए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार सहित अनेक अवार्ड मिले उनकी आवाज़ और संगीत के प्रति समर्पण ने उन्हें भारतीय संगीत के इतिहास में एक खास स्थान दिलाया है
निधन और विरासत
महेंद्र कपूर का निधन 27 सितंबर 2008 को हुआ, लेकिन उनकी आवाज़ और गानों ने उन्हें अमर बना दिया उनके द्वारा गाए गए गीत आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसे हुए हैं। महेंद्र कपूर एक ऐसे गायक थे, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और आवाज़ के दम पर भारतीय संगीत जगत में खुद को अमर कर लिया,महेंद्र कपूर की आवाज़ में वो शक्ति थी, जो दिलों को छूने की क्षमता रखती थी उनके गीत भारतीय संगीत की अमूल्य धरोहर हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे