![Rahul Rawail ने साझा की Raj Kapoor जी के साथ अपनी वो यादें](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/mayapuri/media/media_files/2024/12/14/bSWevFVtTt3UjZEms4qe.jpg)
अंजाम, योद्धा और अर्जुन पंडित जैसी बेहतरीन फ़िल्में सिनेमा जगत को देने वाले लोकप्रिय निर्देशक राहुल रवैल ने शोमैन राज कपूर के साथ कई फिल्मों में सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया है. राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्होंने राज कपूर जी की कुछ विडियोज ‘मायापुरी ग्रुप’ के साथ शेयर की. आज हम आपको उनकी इस विडियो के बारे में बताते हुए उनके कुछ किस्से शेयर कर रहे हैं.
राज कपूर जी के साथ मेरी वो यादें- राहुल रवैल
राहुल रवैल जी ने राज कपूर जी के साथ अपनी यादें शेयर करते हुए कहा कि मुझे राज कपूर जी के साथ काम करने का अवसर मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. राहुल रवैल जी के शब्दों में, “मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ और मैं धन्य हूँ कि मुझे राज कपूर, जो भारत के सबसे महान फिल्म निर्माता हैं, के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम करने का अवसर मिला. मैंने उनके साथ कई वर्षों तक काम किया और उनके काम को नजदीकी से देखना मेरे लिए एक बहुत बड़ी सीख थी, जिसने मुझे उनके बारे में एक किताब लिखने की प्रेरणा दी.
राज कपूर के बारे में अब तक कई किताबें लिखी गई हैं, जो मुख्य रूप से उनके शोमैन इमेज पर आधारित हैं. लेकिन यह किताब शोमैन के बारे में नहीं है, यह है राज कपूर, जो थे एक ‘मास्टर एट वर्क’. जो कुछ भी मैंने उनसे सीखा, वह उनके सेट पर काम करने का तरीका, सीन को शूट करने का तरीका, सीन के बारे में उनका सोचने का तरीका, उनका हास्यबोध और वह व्यक्ति कैसे थे, यह सब मैंने इस किताब में लिखा है. उनकी जो शिक्षा थी, वह कैसे मेरी चार फिल्मों – लव स्टोरी, बेताब, अर्जुन और डकैत पर असर डाल गई. यह सब इस किताब में शामिल किया गया है.
यह किताब पूरी तरह से मेरे उन दिनों की यादों से जुड़ी हुई है, जब मैंने 1968 में उनके साथ काम करना शुरू किया था. एक युवा लड़की, पर्णिका शर्मा ने मेरी मदद की और मैंने उसे वे सभी घटनाएं और किस्से सुनाए, जो मैंने राज कपूर के साथ काम करते हुए अनुभव किए.
आपको बता दें कि राहुल रवैल की पुस्तक ‘राज कपूर: द मास्टर एट वर्क’ का रूसी अनुवाद इस महीने मॉस्को (रूस) में होने वाले फिल्म महोत्सव में लॉन्च किया जाएगा.
कुछ फिल्में जो अच्छा प्रदर्शन नहीं करतीं, वे कुछ छोड़ जाती हैं- राज कपूर
राहुल रवैल के द्वारा राज कपूर जी की शेयर की गई विडियो में एक इंटरव्यू का अंश लिया गया है जिसमें राज कपूर जी से सवाल पूछा जाता है कि आपकी सभी फिल्मों में से कौन-सी फिल्म आपकी पसंदीदा फिल्म है. आपकी कुछ बहुत सफल रही हैं और कुछ उतनी नहीं चलीं. इस सवाल का जवाब राज कपूर जी ने बहुत ही अनोखे अंदाज में दिया. उन्होंने अपनी फिल्मों की तुलना माँ के द्वारा अपने बच्चों में चयन करने से, करते हुए कहा कि माँ कभी भी अपने बच्चों में से किसी एक को पसंदीदा नहीं मान सकती. हर बच्चा अपनी माँ के लिए समान रूप से प्रिय होता है. ठीक उसी तरह, मेरी सभी फिल्में मेरे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, चाहे वे सफल रही हों या न रही हों.
राज कपूर जी के शब्दों में, “जी हां, ऐसा जीवन में होता है और शायद फिल्मों में भी. कुछ फिल्में जो अच्छा प्रदर्शन नहीं करतीं, वे कुछ छोड़ जाती हैं और जो फिल्में सफल होती हैं, उन्हें बहुत पहचान, समर्थन और सराहना मिलती है. जो फिल्म नहीं चलती, वह आपके करीब आ जाती है. ऐसी ही एक फिल्म है ‘मेरा नाम जोकर’. यह फिल्म मुझे बहुत प्यारी है क्योंकि यह ज्यादा सफल नहीं रही. इसी तरह एक और फिल्म है ‘जागते रहो’. वह भी नहीं चली. तो ये दो फिल्में, शायद उनके कदम सही जगह नहीं थे, या उनके चेहरे ठीक नहीं थे. इन फिल्मों में कुछ ऐसा था कि ये लोग नहीं समझ पाए या फिर ये बहुत अच्छी फिल्में थीं, जिन्हें लोग नहीं समझ सके. वैसे भी, जैसा मैंने कहा, मातृत्व अच्छे कर्मों का परिचायक नहीं होता.”
राज कपूर के दीवाने रशियंस
राज कपूर के रशियन बहुत बड़े दीवाने है, इससे जुड़ा भी एक किस्सा है. हुआ यूँ कि एक बार राज कपूर लंदन में थे और उन्हें मोस्को जाना था. जैसे ही उन्होंने मोस्को लैंड किया तो मालूम पड़ा कि उनके पास वीजा नहीं है. इसके बावजूद रशियंस ने राज ने राज कपूर का वेलकम किया.
वे एयरपोर्ट से बाहर गए और टैक्सी का वेट किया. धीरे- धीरे लोगों को पता लगने लगा कि राज कपूर मोस्को में हैं. उनकी टैक्सी आई और वो बैठे. अचानक उन्होंने देखा कि टैक्सी आगे नहीं बढ़ पा रही है. राज कपूर के फैंस ने उनकी कार को अपने कंधों पर उठा लिया था. इस किस्से का खुलासा एक इवेंट में ऋषि कपूर ने किया था. राज कपूर की फिल्म आवारा और श्री 420 ने रशियंस के बीच गदर मचाया था.
इसके अलावा राज कपूर जी के बारे में एक बात बहुत फेमस थी कि वह अक्सर अपने इंटरव्यू में अपनी फिल्म प्रसिद्ध फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ का लोकप्रिय गाना ‘कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारे रहेंगे सदा’ गाते थे.
जब राज कपूर ने कहा “मैं तुम्हारा बाप हूं, तुम्हारा सेक्रेटरी नहीं”
ऋषि कपूर ने राज कपूर के साथ अपने संबंध के बारे में एक इंटरव्यू में बात की. उन्होंने कहा कि पिता जी (राज कपूर) के साथ के साथ मेरा संबंध बाप- बेटे का नहीं था. वह अपने काम को लेकर बहुत समर्पित थे. वह अच्छे से जानते थे कि किसी से अपना काम कैसे निकलवाना है.
राज कपूर के बारे में बात करते हुए ऋषि कपूर आगे कहते हैं "उनका मानना था कि उनकी ड्यूटी मात्र उन्हें लॉन्च करने तक ही थी. वह कहते थे, 'मैंने इस लड़के को ब्रेक दे दिया है और अब वह अपनी राह खुद ही तय करेगा. यह गिरेगा, उठेगा और अपना ध्यान खुद ही रखेगा. इसी तरह यह जिंदगी के असल मायने सीखेगा. उन्होंने मुझसे यह भी कहा था, “मैं तुम्हारा बाप हूं, तुम्हारा सेक्रेटरी नहीं.”
इस दौरान ऋषि कहते हैं कि लोग अकसर उनसे पूछते थे कि मैंने एक्टिंग कहां से सीखी थी. मैं हमेशा उनसे कहता था कि कपूर से बड़ा संस्थान कोई नहीं हो सकता है.
आज राज कपूर जी हमारे बीच मौजूद नहीं है लेकिन हमारे साथ मौजूद है उनकी फ़िल्में, उनकी यादें, उनसे जुड़े बहुत से किस्से और उनके द्वारा अपनी फिल्मों के ज़रिये जीवन से जुड़ी वे बातें जो हमें किसी स्कूल- कॉलेज में कभी नहीं सिखाई जाती.
By PRIYANKA YADAV
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