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सुपर स्टार राजेश खन्ना उन नायकों में से थे, जिन्हे बॉलीवुड के सबसे अच्छे संगीतकारों के गीतों पर लिप सिंक करने का सबसे ज्यादा मौका मिला था. खास कर आर डी बर्मन के ढेर सारे सुपर हिट गीतों के साथ राजेश खन्ना के अभिनय ने उस जमाने में इस एक्टर म्यूजिक डाइरेक्टर की जोड़ी को अमर कर दिया. मिसाल के तौर पर ज़रा इन गीतों की बानगी लीजिए, 'जिंदगी के सफर में गुज़र जाते हैं जो मकाम, यह जो मुहब्बत है, कुछ तो लोग कहेंगे, नदिया से दरिया, हमें तुमसे प्यार कितना यह हम नहीं जानते, एक अजनबी हसीना से, प्यार दीवाना होता है, गुलाबी आँखे, जय जय शिव शंकर, जब भीगी भीगी रातों में, यह शाम मस्तानी, ओ मेरे दिल के चैन, चिंगारी कोई भड़के, करवटें बदलते रहें सारी रात हम, मेरे नयना सावन भादो, मैं शायर बदनाम, समय तू धीरे धीरे चल, यह क्या हुआ, हम दोनों दो प्रेमी, पास नहीं आना दूर नहीं जाना, सुनो, कहो, कहा, सुना कुछ हुआ क्या, चला जाता हूँ किसी के धुन में, अगर तुम ना होते' वगैरह और ना जाने आर डी बर्मन के कितने गीतों से राजेश खन्ना के करियर ने सुर्खियाँ बटोरी.
लेकिन आर डी बर्मन जब नहीं रहे और जब उन्ही के गीतों को युवा कथित संगीतकार रीमिक्स, या फिर रीमेक गीतों में ढालने लगे तो जितना लता मंगेशकर और आशा भोसले ने आपत्ति जताई उतना ही राजेश खन्ना नाराज हुए. 1990 से शुरू हुए और 2000 के आते आते ज्यादा प्रोनाउन्स्ड हो चुके रीमिक्स गीतों के ट्रेंड के चलते जिस तरह पुराने अमर गीतों के साथ व्यवहार किया जाने लगा उसे देखकर राजेश खन्ना बेहद दुखी और नाराज़ हुए. उन्होने इस बारे में बहुत स्पष्ट बात कही थी . वे बॉलीवुड में रीमेक संस्कृति के हावी होने से बहुत परेशान थे.
राजेश खन्ना पुराने, ओरिजिनल संगीत के प्रति अपने प्यार और सम्मान के लिए जाने जाते थे, खासकर आर.डी.बर्मन या पंचम के काम के लिए, जैसा कि सभी उन्हें पुकारते थे. उनका मानना था कि उन गानों के जादू को कभी भी बदला या बिगाड़ा नहीं जाना चाहिए. उन्होंने एक बार एक कार्यक्रम के दौरान खुले तौर पर नए संगीतकारों से अपील की थी कि वे पंचम के गानों को रीमिक्स करके बर्बाद ना करे. उन्होंने कहा था, "आर डी के ऑरिजिनल धुनों में एक आत्मा और एक खास भावना होती है जिसे वैसे ही संरक्षित करने की जरूरत है जैसे वे थे." राजेश खन्ना के शब्द सख्त लेकिन भावना से भरे थे.
उन्होंने आग्रह किया कि मूल संगीत को बरकरार रखा जाना चाहिए और उसके साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए." उन्होने दृढ़ता से कहा, "उन ऑरिजिनल गीतों के संगीतकार, सम्मान के हकदार हैं, और उनके काम को सम्मानित किया जाना चाहिए, न कि मिटाया या बदला जाना चाहिए. जब पुराने गानों को रीमिक्स किया जाता है, तो अक्सर ऑरिजिनल संगीतकारों और गायकों को नजर अंदाज कर दिया जाता है या उन्हें उचित श्रेय नहीं दिया जाता है. कई बार निर्माता किसी गाने के अधिकार खरीद लेते हैं, फिर ऑरिजिनल कलाकार या संगीतकार का उल्लेख किए बिना उसका नया संस्करण बना देते हैं.यह उन धुनों के असली रचनाकारों के प्रति अनुचित और अपमानजनक है."
राजेश खन्ना ने उन मौकों पर भी अपनी निराशा व्यक्त की थी, जब श्रेय देने के प्रयास को नजरअंदाज किया गया था. उदाहरण के लिए, अगर रीमिक्स में आर डी बर्मन, या कल्याणजी आनंदजी जैसे किसी व्यक्ति द्वारा रचित मूल गीत का उपयोग किया जाता है, तो उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए. लेकिन अक्सर, उन्हें क्रेडिट से पूरी तरह बाहर कर दिया जाता है. राजेश खन्ना का कहना था कि यह रवैया गलत है क्योंकि यह मूल कलाकारों की कड़ी मेहनत और प्रतिभा को कमतर आंकता है. राजेश खन्ना ने इस बात पर भी दुख जताया था कि बड़े बड़े पुरस्कार समारोहों में भी, कभी-कभी मूल रचनाकारों को उनके काम के लिए मान्यता नहीं दी जाती है. उनका मानना था कि यह इस बात का संकेत है कि इंडस्ट्री में कुछ लोग हमारी संगीत विरासत की नींव रखने वाले दिग्गजों के लिए कितना कम सम्मान दिखाते हैं. राजेश खन्ना का संदेश स्पष्ट था: मूल संगीत और उसके पीछे के लोगों का सम्मान करें. कभी न भूलें कि उन खूबसूरत गीतों को किसने बनाया जो आज भी हमारे दिलों को छूते हैं.
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