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Red Sea International Film Festival में रेखा की वो जुदा नज़र, रेखा की खामोशी में बसी उनकी ज़िंदादिली, उनका सफर, और वो रात

रेखा ने 8 दिसंबर 2025 को Red Sea International Film Festival में अपनी 1981 की क्लासिक फिल्म 'उमराव जान' के रेस्टोर्ड संस्करण के अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर में भाग लिया। उनकी सादगी, शालीनता और खास अंदाज़ ने सभी को प्रभावित किया और असली कला की झलक पेश की।

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कुछ लोग ज़िंदगी में बहुत कम बोलते हैं… लेकिन उनकी निगाहें, उनकी खामोशी, उनकी मौजूदगी, एक कहानी बयान कर जाती है। रेखा उन्हीं में से एक हैं।
8 दिसंबर 2025 की रात, Red Sea International Film Festival में रेखा , 1981 की अपनी कल्ट क्लासिक 'उमराव जान' के रेस्टोर्ड (पुनर्निर्मित) संस्करण के अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर के लिए फेस्टिवल में शामिल हुईं, जिसे निर्देशक मुजफ्फर अली के साथ पेश किया गया।  रेखा की जुदा नज़र, उनकी सादगी और उनकी शालीनता ने फिर दिखा दिया कि असली कला, असली एहसास, सिर्फ़ बोल-चाल से नहीं, रूह से आता है। 

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Saudi Arabia's Red Sea International Film Festival 2025 reveals dates for  its fifth anniversary | Time Out Jeddah

Red Sea Film Festival Celebrates Rekha's Legacy With Honouree Award

वो रेड कार्पेट पर कम आती हैं, पर जब आती हैं तो पूरे हॉल की नज़रें बस उन पर टिक जाती हैं।

उस रात रेखा जब अवॉर्ड लेने के लिए स्टेज पर आईं तो उन्होंने महज़ पुरस्कार ही नहीं लिया, बल्कि अपनी ज़िंदगी, अपनी फ़िल्मों, अपनी सोच और अपने दिल की उन हर हल्की-सी धड़कन को साझा किया, जो ज़्यादा नहीं दिखाई देतीं, लेकिन महसूस होती हैं। (Rekha Red Sea International Film Festival 2025)

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“मैं ज़्यादा बोलने वालों में से नहीं” — रेखा की वो बात, जो आंखों ने कही। 

रेखा ने ओपनिंग में ही कहा: “मैं ज़्यादा बोलने वालों में से नहीं हूँ। ” उन्होंने बताया कि उनकी फिल्मों में — ख़ासकर उनकी मशहूर फिल्म 'उमराव जान' में उनके डायलॉग्स ने शायद उतना नहीं कहा जितना उनकी आँखों ने कहा और महसूस किया। उनका कहना था कि अक्सर एक नजर ही काफी होती है — “वन  लुक इज़ इनफ.” 

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रेखा ने अपने माँ की सिखाई बातों को दोहराया,"इंसान अपनी कामयाबी या जज़्बातों की बातें ज़ोर-ज़बरदस्ती से नहीं करें। दूसरों को नसीहत नहीं दे — बस अपने जीने का अंदाज़ ऐसा रखें कि लोग ख़ुद समझ जाएँ। सोचिए, हम क्या करते हैं, हमें दिखाना नहीं है। इस सादगी में जो मज़बूती है, वो शायद ही आजकल मिले।"  (Umrao Jaan restored version premiere)

रेखा ने कहा कि उन्होंने ज़िंदगी में ये सीखा है, “मैंने ये जाना कि क्या नहीं करना है।” और इस जान-पहचान ने उन्हें वो हिम्मत दी कि इस मौके को न छोड़ें — “मैं वापस आ गयी हूँ”। 

रेखा की बातें शांत थीं, मृदु थीं, लेकिन असर गहरा था। उन्होंने अपने चाहने वालों — फैन्स, दोस्तों, सहकर्मियों — सबका शुक्रिया कहा।  उन्होंने कहा, कि बातों से कुछ नहीं होता, सिर्फ़ इश्क़ से होता है… और वो भी ख़ामोश इश्क़।” (Muzaffar Ali Umrao Jaan)

Umrao Jaan film review: Rekha is the life and soul of Muzaffar's Ali's  classic

वो सिर्फ़ एक अवॉर्ड स्पीच नहीं थी वो उनकी जीवन की फिलॉसफी थी।
अपनी क्लासिक फ़िल्म 'उमराव जान' की वापसी पर रेखा ने दिल के जज्बात को उढेल दिया। 
2025 में ही, “उमराव जान” का 4K में एक नया रूप तैयार हुआ। उस फिल्म को, साल 1981 में जब रिलीज़ किया गया था, तब भी उसकी कहानी, रेखा की अदाकारी, उसकी नज़ाकत ने लोगों के दिलों में जगह बनाई थी। अब, 44 साल बाद, वो फिल्म फिर से जीवित हो उठी है बड़े पर्दे पर तो नए दौर के लिए जैसे इतिहास का एक पन्ना और खुल गया। 

Rekha relives Umrao Jaan in living colour at Red Sea International Film  Festival in Jeddah - Culture - Images

और यही वो मौका था, जब रेखा को निमंत्रित किया गया। उनके लिए यह सिर्फ एक पुरानी फिल्म नहीं थी — बल्कि उनकी आत्मा से जुड़ा हुआ एक अहसास था। उन्होंने खुद कहा था कि “उमराव जान मेरी रूह से बँधी है… वो सिर्फ किरदार नहीं, मेरी आत्मा का अक्स है।”  (Rekha elegance and simplicity)

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फिल्म का यह 4K रीस्टोर वर्ज़न और उसका अंतरराष्ट्रीय पर्दे पर पहला प्रीमियर, रेखा और उनके  हुस्न, उनका नृत्य, उनकी अदाओं, उनकी परंपराओं, उनकी आवाज़, जैसे सब कुछ एक नए दौर में फिर से सामने आया। उस रात, जब पर्दा उठा और “उमराव जान” जीवंत हुई , तो ऑडिटोरियम में सिर्फ एक नाम गूंज रहा था  रेखा का नाम । 
रेखा ने कहा, समय बदल गया, लेकिन वो यकीन नहीं बदला। 

Rekha receives honoree award at Red Sea Film Festival 2025

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रेखा की फिल्मों की बात ही कुछ और है। आज की फिल्मों में ग्लैमर है, भव्यता है, पर वो तमीज़, वो तहज़ीब, वो दिल से जुड़ी हुई अदाकारी कम दिखती है। रेखा कभी इस शोर में शामिल नहीं हुई । उन्होंने अपनी ज़िंदगी, अपने अभिनय, अपने अंदाज़ से ये बताया कि असली पहचान सिर्फ़ दिखावे से नहीं बनती। (Iconic Indian actress 2025)

रेखा का स्टाइल, उनकी बाड़ी लैंग्वेज, उनका बोलने का अंदाज़, सब अपने आप में एक क्लास है।

उनकी भारी और सलीके से पहनी साड़ी, वो आइवरी और गोल्ड की  पिरोई हुई कशीदारी न सिर्फ फैशन थी, वो उनकी शालीनता भी थी, उनकी पर्सनालिटी थी। उनकी आँखों का खूबसूरत मेक-अप, उनके गहने, उनकी खामोशी , हर चीज़ इस बात का एहसास दिला रही थी कि रेखा अब भी वही है, एक सच्ची अदाकारा, जिसने सफलता को रौशनी और गरिमा से लिया। (Umrao Jaan cult classic screening)

Red Sea Film Festival Celebrates Rekha's Legacy With Honouree Award

Rekha's “Umrao Jaan” Restored

जब उन्होंने स्टेज से कदम वापस लिया, तो सिर्फ़ एक कलाकार नहीं, एक ज़माना साथ ले कर चल रही थीं। और पीछे छोड़ गयी थीं, शांति, सादगी, इज्ज़त, और ये एहसास कि असली ख़ूबसूरती शोर में नहीं, खामोशी में होती है। (Legendary Bollywood performances)

Rekha Shines at The Red Sea Film Festival With a Rare Public Appearance |  Filmfare.com

 यूँ ही नहीं कहा था रेखा के बारे में, मायापुरी के दिग्गज पब्लिशर तथा फाउंडर, श्री ए. पी. बजाज साहब ने  खुद रेखा से, "मैं अक्सर सोचता हूँ — अगर आपकी (रेखा की)  ज़िंदगी को किसी एक रंग में पिरोना हो, तो वो रंग शायद  चांदनी का रंग होगा। वो रंग जो वक्त के साथ फीका नहीं पड़ता। जो दिखावे नहीं, नज़र नहीं, असली रूह को दर्शाता है।" 

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FAQ

Q1. रेखा ने किस फिल्म के रेस्टोर्ड संस्करण का अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर किया?

A1. रेखा ने अपनी 1981 की क्लासिक फिल्म ‘उमराव जान’ के रेस्टोर्ड संस्करण का प्रीमियर किया।

Q2. यह प्रीमियर कब और कहाँ हुआ?

A2. यह प्रीमियर 8 दिसंबर 2025 को Red Sea International Film Festival में हुआ।

Q3. इस प्रीमियर में फिल्म के निर्देशक कौन मौजूद थे?

A3. फिल्म के निर्देशक मुजफ्फर अली भी प्रीमियर में मौजूद थे।

Q4. रेखा की इस इवेंट में क्या खासियत रही?

A4. रेखा की सादगी, शालीनता और उनके अनोखे अंदाज़ ने सभी को प्रभावित किया।

Q5. ‘उमराव जान’ का यह संस्करण क्यों महत्वपूर्ण है?

A5. यह रेस्टोर्ड (पुनर्निर्मित) संस्करण है, जिसने फिल्म की क्लासिक कला और कहानी को नई पीढ़ी तक पहुंचाया।

Rekha Red Sea Film Festival 2025 | Bollywood Film not present in content

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