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जैसा कि मेरे ‘अच्छे मित्र’ और महान गायक के अभिनेता-पोते नील नितिन मुकेश ने कल मुझसे कहा कि यद्यपि यह मेरे दादा गायक मुकेश-जी की 101वीं जयंती है, लेकिन उनके द्वारा ‘गाए गए’ लगभग सभी गाने हमेशा ‘युवा’ रहते हैं और उनकी संगीत विरासत चिरस्थायी है. स्लिम-ट्रिम हैंडसम नील के प्रसिद्ध मृदुभाषी स्टार-गायक पिता नितिन मुकेश ने अपने बेटे के विचारों का समर्थन किया, और उन्होंने प्यार से मेरा हाथ थामा. मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैं नितिन मुकेश के परिवार को लगभग पिछले 40 वर्षों से जानता हूं.
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इस बार महान गायक मुकेश के 101वें जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए ISAMRA की भव्य संगीतमय बैठक ISAMRA और इसके संस्थापक तथा सीईओ, बहुमुखी प्रतिभा के धनी संजय टंडन द्वारा मुक्ति सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित की गई, जिसमें अनूप जलोटा, सोनू निगम और नितिन मुकेश का सक्रिय सहयोग रहा.
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मंच पर पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन की रस्म के बाद, संजय टंडन द्वारा संचालित तीन घंटे लंबे लाइव कॉन्सर्ट की शुरुआत एक विशेष सुरीला सरप्राइज के साथ हुई. संगीतकार-गायक अनु मलिक ने मंच पर अपने संगीतकार पिता सरदार मलिक द्वारा रचित ‘सारंगा तेरी याद में’ गीत गाकर मुकेश जी को अपनी श्रद्धांजलि दी. सारंगा गीत गाते हुए अनु मलिक इतने भावुक हो गए कि सोनू निगम, अनूप जलोटा और नितिन मुकेश सहित कई स्टार गायकों ने भी सुर में सुर मिलाकर गाना शुरू कर दिया.
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अनु मलिक के अलावा, कार्यक्रम में शामिल हुए ज्यादातर स्टार गायक सोनू निगम, उदित नारायण, अगम निकम, शान, उषा टिमोथी - संजय टंडन के साथ युगल गीत, गीतकार-लेखक (जावेद अख्तर) या संगीतकार (आनंदजी-भाई) भी मंच पर आए और अपनी पुरानी यादें साझा कीं और ‘लाइव’ ऑर्केस्ट्रा के साथ मुकेश का अपना पसंदीदा गाना भी गाया. अपने मजाकिया स्वभाव के लिए जाने जाने वाले, अनुभवी प्रतिभाशाली आनंदजी-भाई, जिन्होंने अपने बड़े संगीतकार प्रतिभाशाली भाई कल्याणजी-भाई के साथ मिलकर मुकेश-जी के कुछ सदाबहार फिल्मी रेट्रो-चार्टबस्टर्स की रचना की है, एक त्वरित फ्लैशबैक में चले गए.
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आनंदजी-भाई ने कुछ कम चर्चित मजेदार घटनाओं को साझा करते हुए बताया कि मुकेश-जी को एक उदास, धीमी गति वाले, उदास शैली के गायक के रूप में लेबल करना गलत है. आनंदजी-भाई ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, "एक अच्छे, गरिमापूर्ण, संवेदनशील इंसान होने के अलावा, जिसमें जबरदस्त आत्म-सम्मान और दयालु स्वभाव था, वह वास्तव में एक बहुमुखी गायक थे. जैसे मुकेश-जी ने हमारे लिए 'क्या खूब लगती हो' या 'डम डम डिगा डिगा' जैसे पैर थिरकाने वाले तेज़-तर्रार रोमांटिक गाने गाए." इस अवसर पर शैलेंद्र सिंह, सपना मुखर्जी, मधुश्री, शमीर टंडन, दिलीप सेन, संजीवनी बेलांडे, जसपिंदर नरूला और कई अन्य स्टार गायक और सेलेब-संगीतकार भी मौजूद थे.
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लेकिन इस मधुर ISAMRA शाम के चरमोत्कर्ष पर दिल को छू लेने वाले यादगार पलों की झड़ी लग गई. तभी मुकेश जी के 101वें जन्मदिन के केक को उनके पूरे परिवार के साथ काटने से ठीक पहले, नितिन जी ने जयकारों और आंसुओं का एक भावुक लाइव गायन किया. दर्शकों में मौजूद हर किसी को खुशी से भर देने वाले इस गीत को उन्होंने भावपूर्ण और बेहतरीन ढंग से गाया, जिसमें मुकेश जी का क्लासिक मार्मिक गीत ‘ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना’ (1963 की फिल्म ‘बंदिनी’) था, जिसे उस्ताद एस डी बर्मन ने संगीतबद्ध किया था.
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