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सूरज आर.बड़जात्या द्वारा निर्देशित 1999 की फिल्म "हम साथ साथ हैं" इस वर्ष अपनी पच्चीसवीं सिल्वर जुबली मना रही है. यह अद्भुत फ़िल्म, संगीत, पारिवारिक एकता और हाई ड्रामा शैली की फ़िल्म के अंतर्गत आती है.
फिल्म का निर्माण अजीत कुमार बड़जात्या, कमल कुमार बड़जात्या और राजकुमार बड़जात्या ने किया था और संगीत रामलक्ष्मण ने दिया था. यह 17 करोड़ के बजट के साथ 5 नवंबर, 1999 को स्क्रीन पर आई थी.
"हम साथ-साथ हैं", जिसे "एचएसएसएच" के नाम से भी जाना जाता है, 1999 की सर्वश्रेष्ठ भारतीय हिंदी भाषा की पारिवारिक ड्रामा फिल्म है, जो राजश्री प्रोडक्शंस के लिए सूरज बड़जात्या द्वारा लिखित और निर्देशित है. फिल्म में सलमान खान, करिश्मा कपूर, सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, मोहनीश बहल, नीलम, महेश ठाकुर, रीमा लागू और आलोक नाथ सहित कई स्टार कलाकार शामिल हैं.
कहानी एक संयुक्त परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है जो उनके मूल्यों और एकता को उजागर करती है लेकिन एक गलतफहमी के कारण बिखर जाती है.
इस फ़िल्म की शूटिंग मुंबई और राजस्थान के विभिन्न स्थानों में की गई थी , जिसमें राजन किनागी की खूबसूरत सिनेमैटोग्राफी थी. संगीत रामलक्ष्मण द्वारा रचित था, जिसमें गीत देव कोहली के थे.
5 नवंबर 1999 को रिलीज़ होने वाली यह फ़िल्म "हम साथ-साथ हैं", उस साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म और दशक की एक महत्वपूर्ण ब्लॉकबस्टर बनकर उभरी थी , जिसने दुनिया भर में ₹81.7 करोड़ की कमाई की थी.
हालांकि इस फ़िल्म में संयुक्त परिवार की कहानी, अविश्वसनीय रूप से नाटकीय थी, जो शायद आज की तारीख में हास्यास्पद और फ्लॉप हो सकती थी लेकिन उस काल में इस फिल्म को सकारात्मक आलोचनात्मक प्रतिक्रिया मिली और इसे "प्रेमानुरागम" शीर्षक के तहत तेलुगु में भी डब किया गया. यह कनाडाई सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म भी थी.
फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' की कहानी परिवार में एकता और भाइयों के बीच प्यार और स्नेह के इर्द-गिर्द घूमती है. इस फिल्म में रामकिशन और ममता के तीन बेटे हैं- विवेक, प्रेम और विनोद. प्रेम और विनोद की गर्लफ्रेंड प्रीति और सपना हैं. ममता को लगता है कि उसका सौतेला बेटा विवेक स्वार्थी है और पूरा कारोबार हड़प लेगा. इस वजह से वह विवेक को हेरिटेज से अलग करने की कोशिश करती है. इससे परिवार में विभाजन होता है. लेकिन अंततः सारी गलतफहमियां दूर हो जाती है और कहानी का मर्म यह बनकर उभरता है कि भले ही सौतेले हो लेकिन भाई भाई के प्यार को उनका सौतेलापन भी अलग नहीं कर सकता है.
फिल्म को विभिन्न पुरस्कार समारोहों में प्रशंसा मिली, जिसमें बहल को 45वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का नामांकन मिला. थर्ड ज़ी सिने अवार्ड्स में, फिल्म को 12 नामांकन मिले, जिसमें सलमान खान को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी शामिल था, और दो अन्य पुरस्कार भी जीते.
इसके अलावा, पहले आईफा अवार्ड्स में, जयंती शेवाले को सर्वश्रेष्ठ मेकअप पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
अपनी रिलीज के बाद, फिल्म ने देखते ही देखते सकारात्मक प्रभाव आकर्षित किया और दुनिया भर में कुल 81.72 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया. भारत में इसने 39.18 करोड़ का कलेक्शन किया था , जबकि विदेशी कलेक्शन 15.32 करोड़ रहा. बॉक्स ऑफिस पर प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ, "हम साथ साथ हैं" को सुपरहिट घोषित किया गया और यह 1999 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई.
फिल्म की सफलता का श्रेय इसकी दिल छू लेने वाली कहानी, प्रतिभाशाली कलाकारों, यादगार संगीत और पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों को प्रदर्शित करने पर निर्देशक के फोकस को दिया जा सकता है.
"हम साथ साथ हैं" की पर्दे के पीछे की कुछ कम ज्ञात तथ्य हैं:
मोहनीश बहल (जिसे थोड़ा अपाहिज दिखाया गया) द्वारा निभाई गई भूमिका पहले अनिल कपूर और ऋषि कपूर को ऑफर की गई थी, लेकिन दोनों ने इस ऑफर को अस्वीकार कर दिया.
तब्बू द्वारा निभाया गया साधना का किरदार पहले माधुरी दीक्षित और फिर मनीषा कोइराला को ऑफर किया गया था, लेकिन शेड्यूल की दिक्कतों के कारण उन्होंने इसे ठुकरा दिया.
इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे एक विवादास्पद घटना में घिर गए. उन पर राजस्थान के एक जंगल में काले हिरण के अवैध शिकार का आरोप लगाया गया और उन्हें कानूनी परिणाम भुगतने पड़े.
"हम साथ साथ हैं" सैफ अली खान और सलमान खान की दूसरी फ़िल्म थी. इससे पहले उन्हें 1999 की फिल्म "बीवी नंबर 1" में एक साथ देखा गया था, जिसमें सैफ अली खान ने एक कैमियो भूमिका निभाई थी.
यह फिल्म सलमान खान और निर्देशक सूरज बड़जात्या को एक साथ लाने वाली तीसरी प्रोजेक्ट थी. "हम साथ साथ हैं" से पहले उन्होंने "मैंने प्यार किया" और "हम आपके हैं कौन" फिल्मों में काम किया था.
प्रीति का किरदार पहले रवीना टंडन और सुष्मिता सेन को ऑफर किया गया था, लेकिन दोनों अभिनेत्रियों के शेड्यूल में दिक्कत आ गई और वे फिल्म का हिस्सा नहीं बन सकीं. इसके बाद सोनाली बेंद्रे ने यह भूमिका निभाई.
सूरज बड़जात्या की पिछली फिल्मों "मैंने प्यार किया" और "हम आपके हैं कौन" में सलमान खान, रीमा लागू, मोहनीश बहल, आलोक नाथ और अजीत वाचानी भी नजर आए थे.
जतिन कनकिया ने फिल्म में डॉ. राजीव सेन का किरदार निभाया था. दुख की बात है कि "हम साथ साथ हैं" की रिलीज से पहले ही 22 जुलाई 1999 को उनका निधन हो गया.
"हम साथ साथ हैं" में अपनी सुंदरता के लिए मशहूर नीलम ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर वापसी की थी. यह मुख्य भूमिका में उनकी आखिरी फिल्म थी, जिसमें उन्होंने सलमान खान और सैफ अली खान के साथ अपनी टैलेंट का प्रदर्शन किया. इस फ़िल्म में नीलम कोठारी की उपस्थिति उनकी आखिरी फिल्म थी, इससे पहले कि उन्होंने "कसम" नामक एक और प्रोजेक्ट शुरू की थी , जिसमें देरी हुई और अंततः 2001 में रिलीज़ हुई, जो उनकी अंतिम फिल्म बन गई.
"हम साथ साथ हैं" सलमान खान, तब्बू, करिश्मा कपूर और सैफ अली खान का सेकंड कोलैबरेशन था, इससे पहले उन्होंने उसी साल रिलीज "बीवी नंबर 1" में साथ काम किया था.
"हम साथ साथ हैं" एकमात्र ऐसी फिल्म है जिसमें सलमान खान और सोनाली बेंद्रे की जोड़ी एक दूसरे के साथ थी. सलमान खान के साथ सोनाली बेंद्रे की ऑन-स्क्रीन जोड़ी ने उन्हें उन अभिनेत्रियों की सूची में शामिल कर दिया, जिन्होंने तीनों खान - आमिर, शाहरुख और सलमान के साथ काम किया है. इसके अलावा, यह सलमान और करिश्मा कपूर की एकमात्र ऐसी फिल्म है जिसमें उनकी रोमांटिक जोड़ी नहीं है.
फिल्म "हम साथ-साथ हैं" का संगीत रामलक्ष्मण द्वारा तैयार किया गया था, जो निर्देशक सूरज बड़जात्या के साथ उनका तीसरा कोलैबरेशन था. साउंडट्रैक में कई पार्श्व गायकों द्वारा गाए गए सात गाने हैं. प्रत्येक गीत में फिल्म के विभिन्न पात्रों के अनुरूप एक अलग गायक रखा गया था.
"हम साथ साथ हैं"
हरिहरन, अनुराधा पौडवाल, कुमार शानू, अलका याग्निक, उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति द्वारा गाया गया था.
"ये तो सच है कि भगवान है"
मिलिंद इंगले, हरिहरन, प्रतिमा राव, घनश्याम वासवानी, संतोष तिवारी, रविंदर रावल द्वारा गाया गया.
"छोटे छोटे भाइयों के"
कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण, कुमार शानू द्वारा गाया गया
"सुनोजी दुल्हन"
कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण, सोनू निगम, रूप कुमार राठौड़, प्रतिमा राव द्वारा गाया गया था.
"ए बी सी डी"
उदित नारायण, हरिहरन, हेमा सरदेसाई, शंकर महादेवन द्वारा गाया गया.
"म्हारे हिवड़ा"
कविता कृष्णमूर्ति, हरिहरन, कुमार शानू, अलका याग्निक, उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया, "मैया यशोदा" - कविता कृष्णमूर्ति, अलका याग्निक, अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया था.
इन गीतों में से एक गीत , "ए बी सी डी", एक ऐसी धुन के लिए विख्यात था जो 1974 के स्पेनिश गायक जेनेट के गीत के समान थी.
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