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साल 2025 भारतीय सिनेमा के लिए बदलाव और विविधता का साल साबित हुआ. इस बार कोई एक तय फार्मूला नहीं चला, बल्कि अलग-अलग जॉनर और कहानियों ने अपनी जगह बनाई. साल की शुरुआत लक्ष्मण उतेकर की ऐतिहासिक पीरियड ड्रामा छावा (Chhaava) से हुई, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और बलिदान को प्रभावशाली ढंग से पेश किया और शानदार कलेक्शन कर इंडस्ट्री को मजबूती दी. इसके साथ ही रोमांस ने भी दमदार वापसी की. ‘सैयारा’ (Saiyaara), ‘तेरे इश्क में’ (Tere Ishq Mein), ‘धड़क 2’ (Dhadak 2), ‘मेट्रो… इन दिनों’ (Metro… In Dino) और ‘एक दीवाने की दीवानियत’ (Ek Deewane Ki Deewaniyat) जैसी फिल्मों ने भावनात्मक कहानियों के जरिए दर्शकों से गहरा जुड़ाव बनाया.
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आमिर खान (Aamir Khan) ने सार्थक सिनेमा की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ‘सितारे ज़मीन पर’ (Sitaare Zameen Par) को ओटीटी की बजाय यूट्यूब पर पे-पर-व्यू मॉडल से रिलीज किया. अश्विन कुमार निर्देशित एनिमेशन फिल्म ‘महावतार नरसिम्हा’ (Mahavatar Narsimha) ने हॉलीवुड की एनिमेटेड फिल्मों को टक्कर दी. विशुद्ध कॉमेडी में हाउसफुल 5 (Housefull 5) और दे दे प्यार दे 2 (De De Pyaar De 2) ने दर्शकों को हंसाया. क्राइम और कोर्टरूम ड्रामा में रेड 2 (Raid 2) तथा जॉली एलएलबी 3 (Jolly LLB 3) ने फ्रेंचाइज़ी की विविधता दिखाई. ऐतिहासिक कोर्टरूम ड्रामा केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग (Kesari Chapter 2: The Untold Story of Jallianwala Bagh) को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली. हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स में आयुष्मान खुराना ने थामा (Thama) से कदम बढ़ाया. स्पाई-एक्शन फिल्म धुरंधर (Dhurandhar) की रफ्तार बॉक्स ऑफिस पर अभी भी बरकरार है. साल का अंत रोमांटिक कॉमेडी तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी (Tu Meri Main Tera, Main Tera Tu Meri) के साथ हो रहा है. (Indian cinema 2025 changing trends)
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500 करोड़ क्लब से लेकर सरप्राइज हिट्स तक
साल 2025 में कुल तीन फिल्मों—‘छावा’ (Chhaava), ‘कांतारा: ए लीजेंड चैप्टर 1’ (Kantara: A Legend Chapter 1) और ‘धुरंधर’ (Dhurandhar)—ने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन कर इतिहास रचा. पहली तिमाही में छावा (Chhaava) ने 600 करोड़ से अधिक की कमाई कर इंडस्ट्री को मजबूत शुरुआत दी. तीसरी तिमाही में ‘सैयारा’ (Saiyaara) और महावतार नरसिम्हा (Mahavatar Narsimha) ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, जबकि चौथी तिमाही में कांतारा: ए लीजेंड चैप्टर 1 (Kantara: A Legend Chapter 1) और धुरंधर (Dhurandhar) का दबदबा देखने को मिला. रणवीर सिंह (Ranveer Singh) और अक्षय खन्ना (Akshaye Khanna) अभिनीत धुरंधर (Dhurandhar) घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 600 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर चुकी है. कुल मिलाकर, हिंदी सिनेमा में 14 फिल्मों ने 100 करोड़ क्लब में जगह बनाई, जबकि पिछले साल यह संख्या सिर्फ आठ थी. (Indian films 2025 genre diversity)
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जब स्टारडम भी काम नहीं आया
इस साल यह भी साफ हुआ कि सिर्फ बड़े सितारों की मौजूदगी सफलता की गारंटी नहीं है. ‘वॉर 2’ (War 2) में ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और जूनियर एनटीआर (Jr NTR) की जोड़ी भी अपनी लागत वसूल नहीं कर पाई. ईद पर रिलीज हुई सलमान खान (Salman Khan) की ‘सिकंदर’ (Sikandar) दर्शकों को लुभाने में नाकाम रही. मलयालम फिल्म मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की हिंदी रीमेक ‘देवा’ (Deva) में शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) खास असर नहीं छोड़ पाए. इसी तरह वरुण धवन (Varun Dhawan) और जान्हवी कपूर (Janhvi Kapoor) की ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ (Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari), सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) और जान्हवी कपूर (Janhvi Kapoor) की ‘परम सुंदरी’ (Param Sundari), महिला प्रधान ‘मां’ (Maa) जिसमें काजोल (Kajol) नजर आईं, और ‘इमरजेंसी’ (Emergency) में कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मौजूदगी भी दर्शकों को सिनेमाघरों तक नहीं खींच सकी. इसके उलट, छोटे बजट की ‘सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव’ (Superboys of Malegaon), ‘फुले’ (Phule), ‘सैयारा’ (Saiyaara), ‘एक दीवाने की दीवानियत’ (Ek Deewane Ki Deewaniyat) और ‘हक’ (Haq) जैसी फिल्मों ने उम्मीदों से कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए सरप्राइज हिट का दर्जा हासिल किया. (Chhatrapati Sambhaji Maharaj film Chhaava)
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जब फ्रेंचाइजी का जादू फीका पड़ा
साल 2025 में यह साफ नजर आया कि फ्रेंचाइजी का पुराना फार्मूला अब दर्शकों को पहले जैसा आकर्षित नहीं कर पा रहा. पुराने और लोकप्रिय पात्रों के सहारे आई कई सीक्वल फिल्में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं. ‘सन ऑफ सरदार 2’ (Son of Sardaar 2), ‘अंदाज 2’ (Andaaz 2), ‘बागी 4’ (Baaghi 4), ‘द बंगाल फाइल्स’ (The Bengal Files), ‘मस्ती 4’ (Masti 4) और ‘किस किसको प्यार करूं 2’ (Kis Kisko Pyaar Karoon 2) की बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट ने यह संकेत दे दिया कि केवल पुराने नाम और पहचाने हुए किरदार अब सफलता की गारंटी नहीं रहे. दर्शक नई सोच, ताजगी और मजबूत कहानी की मांग कर रहे हैं, और शायद यही समय है जब इन थकी हुई कहानियों को विराम देना बेहतर होगा.

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दक्षिण का सीमित असर
जहां एक ओर ‘कांतारा: ए लीजेंड चैप्टर 1’ (Kantara: A Legend Chapter 1) और ‘महावतार नरसिम्हा’ (Mahavatar Narsimha) ने पैन-इंडिया स्तर पर जबरदस्त प्रभाव छोड़ा, वहीं बाकी दक्षिण भारतीय पैन-इंडिया फिल्में खास कमाल नहीं दिखा सकीं. राम चरण (Ram Charan), जूनियर एनटीआर (Jr NTR), कमल हासन (Kamal Haasan) और रजनीकांत (Rajinikanth) जैसे बड़े नामों के बावजूद हिंदी फिल्मों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से बेहतर रहा. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ , हिंदी की 231 फिल्मों ने 4639.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया, जबकि तेलुगु की 274 फिल्मों ने 1955.67 करोड़, तमिल की 287 फिल्मों ने 1534.18 करोड़, मलयालम की 186 फिल्मों ने 919 करोड़ और कन्नड़ की 237 फिल्मों ने 410.54 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया. (Romance movies comeback in 2025 Bollywood
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नए चेहरों की परीक्षा
इसी साल नए चेहरों की भी कड़ी परीक्षा हुई. सैयारा (Saiyaara) से अहान पांडे (Ahaan Panday) और अनीत पड्डा (Aneet Padda) रातोंरात चर्चा में आ गए. वहीं सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान (Ibrahim Ali Khan) को ओटीटी फिल्म ‘नादानियां’ (Nadaaniyaan) में ट्रोलिंग झेलनी पड़ी, हालांकि ‘सरजमीन’ (Sarzameen) में उनके अभिनय में सुधार नजर आया. शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) ने वेब सीरीज ‘बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ (The Bads of Bollywood) से निर्देशन में कदम रखा. वीर पहाड़िया (Veer Pahariya) ने ‘स्काई फोर्स’ (Sky Force) से डेब्यू किया, लेकिन चर्चा ज्यादा उनके पपराजी वीडियोज की रही. रवीना टंडन की बेटी राशा थडानी (Rasha Thadani) और अजय देवगन के भांजे अमन देवगन (Aman Devgn) की डेब्यू फिल्म ‘आजाद’ (Azaad) असफल रही, जबकि संजय कपूर की बेटी शनाया कपूर (Shanaya Kapoor) की ‘आंखों की गुस्ताखियां’ (Aankhon Ki Gustakhiyaan) भी नहीं चली. अब शनाया अपनी पैन-इंडिया फिल्म ‘वृषभ’ (Vrishabha) में मोहनलाल (Mohanlal) के साथ नजर आने वाली हैं.
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कुल मिलाकर देखा जाए तो 2025 हिंदी सिनेमा के लिए एक साफ और निर्णायक संकेत लेकर आया. यह साल बता गया कि अब केवल बड़े नाम, चमक-दमक और स्टारडम के सहारे दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचना संभव नहीं रहा. दर्शक पहले से कहीं ज्यादा समझदार हो चुके हैं और वे वही फिल्म अपनाते हैं, जिसमें कहानी की गहराई हो, किरदारों में सच्चाई दिखे और प्रस्तुति ईमानदार लगे. (Tere Ishq Mein Bollywood romantic film)
2025 ने यह भी साबित किया कि कंटेंट ही अब असली सुपरस्टार है. मजबूत पटकथा, नए विचार, संवेदनशील विषय और जमीन से जुड़े किरदारों वाली फिल्में न सिर्फ सराही गईं, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी टिक पाईं. वहीं, बिना दमदार कहानी के केवल बड़े बजट या मशहूर चेहरों पर बनी फिल्में दर्शकों से जुड़ने में नाकाम रहीं. (Bollywood romance films 2025 list)
2025 ने यह साफ कर दिया कि अब फिल्म इंडस्ट्री की असली पहचान स्टारडम नहीं, बल्कि कंटेंट, क्रिएटिविटी और दर्शकों से बना सच्चा रिश्ता होगा.
FAQ
Q1. साल 2025 भारतीय सिनेमा के लिए क्यों खास माना जा रहा है?
A1. साल 2025 इसलिए खास रहा क्योंकि इस दौरान किसी एक तय फार्मूले की बजाय अलग-अलग जॉनर, नई सोच और विविध कहानियों ने दर्शकों की पसंद जीती।
Q2. साल 2025 की शुरुआत किस फिल्म से हुई और उसका असर क्या रहा?
A2. साल की शुरुआत लक्ष्मण उतेकर की ऐतिहासिक पीरियड ड्रामा ‘छावा’ से हुई, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और बलिदान को प्रभावशाली ढंग से दिखाकर शानदार कलेक्शन किया।
Q3. 2025 में रोमांटिक फिल्मों की वापसी कैसे हुई?
A3. ‘सैयारा’, ‘तेरे इश्क में’, ‘धड़क 2’, ‘मेट्रो… इन दिनों’ और ‘एक दीवाने की दीवानियत’ जैसी फिल्मों ने भावनात्मक कहानियों के जरिए दर्शकों से मजबूत कनेक्शन बनाया।
Q4. क्या 2025 में सिर्फ बड़े बजट की फिल्मों ने काम किया?
A4. नहीं, 2025 में बड़े बजट के साथ-साथ कंटेंट-ड्रिवन और मिड-बजट फिल्मों को भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला।
Q5. 2025 में भारतीय सिनेमा में किस तरह की विविधता देखने को मिली?
A5. इस साल ऐतिहासिक ड्रामा, रोमांस और भावनात्मक कहानियों सहित कई जॉनर की फिल्मों ने अपनी जगह बनाई।
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