JFF 2025: आज प्रख्यात फिल्ममेकर किरण राव ने अपनी नवीनतम डायरेक्टोरियल फिल्म ह्यूमैन्स इन द लूप का विशेष प्रदर्शन किया। इसके बाद टेल्स ऑफ बिलॉन्गिंग एंड बेकमिंग शीर्षक से एक पैनल चर्चा हुई, जिसमें किरण राव के साथ अरन्या सहाय और बिजू टोप्पो शामिल हुए।(Kiran Rao JFF 2025)
किरण राव की ‘ह्यूमैन्स इन द लूप’: इंसान बनाम AI की कहानी
अपनी विशिष्ट शैली और रचनात्मकता व प्रासंगिकता को मिलाकर कहानियां कहने के लिए जानी जाने वाली किरण राव की ह्यूमैन्स इन द लूप तकनीक और इंसान के रिश्ते को दिखाती है। यह फिल्म बताती है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस तरह मानव जीवन को प्रभावित कर रहा है। (Kiran Rao AI cinema) फिल्म भरोसा, सहानुभूति, जिम्मेदारी और मानव संबंधों पर सवाल उठाते हुए यह दिखाती है कि इंसान और मशीन के बीच विश्वास कायम करना कितना कठिन है। (Cinema and technology future) गहरे किरदारों और रोचक कथा के जरिए यह फिल्म दर्शाती है कि सिनेमा केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि सोचने पर मजबूर भी कर सकता है। (Future of cinema with AI)
जब किरण राव से फिल्म निर्माण पर एआई के भविष्य के प्रभाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा,
टेक्नोलॉजी जिस रफ्तार से बढ़ रही है, वह क्या कर सकती है और क्या नहीं, यह हम रोज देख रहे हैं। आज एआई चलती-फिरती तस्वीरें भी बना रही है, (JFF 2025 highlights) लेकिन आपको ह्यूमैन्स इन द लूप देखनी चाहिए क्योंकि यहां हम एआई को ट्रेन कर रहे हैं। आखिरकार एआई को इंसानों ने बनाया है, और यह वही करेगा जो हम सिखाएंगे। यही फिल्म का विज़न भी है कि हम एआई के साथ किस तरह का बच्चा तैयार कर रहे हैं, वह आगे चलकर किस तरह का इंसान बनेगा। मुझे लगता है कि एआई का असर इस इंडस्ट्री पर ज़रूर होगा, लेकिन अभी इन बातों पर चर्चा करने का सही समय है। (Kiran Rao artificial intelligence film) टेक्नोलॉजी ने लागत को काफी हद तक कम कर दिया है। आज आप अपने बेसमेंट में कैमरे के साथ फिल्म बना सकते हैं और इसके अपने फायदे भी हैं। इंटरनेट देश के कोने-कोने से कहानियों का विशाल भंडार लेकर आया है। इसलिए यह फिल्म पूछती है कि हम इस तकनीक को अपनी जिंदगी में किस तरह देखते हैं—क्या यह हमें एक-दूसरे से काट देगा या हमें नए दृष्टिकोण देकर और करीब लाएगा? सच्चाई यह है कि बाढ़ आ चुकी है और हमें इसे देखना होगा।”(AI in Indian cinema)
स्क्रीनिंग्स, चर्चाओं और प्रीमियर के जरिए फिल्ममेकर, कहानीकार और दर्शकों को एक मंच पर लाकर जेएफएफ लगातार सिनेमा और संस्कृति पर संवाद का जीवंत माहौल बनाता है। (Humans in the Loop film) इस सत्र को दर्शकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसने जेएफएफ 2025 का माहौल तय कर दिया—एक ऐसा स्पेस जहां सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि संवाद और आत्ममंथन को भी जन्म देता है। दर्शकों के लिए यह कला, कहानियों और उन्हें गढ़ने वाले दिमागों से जुड़ने का यादगार अनुभव बन गया।(JFF 2025 Kiran Rao speech)
FAQ
Q1. किरण राव ने JFF 2025 में किस विषय पर बात की?
Ans. किरण राव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सिनेमा के भविष्य पर अपने विचार साझा किए।
Q2. किरण राव की नई फिल्म का नाम क्या है?
Ans. उनकी फिल्म का नाम ‘ह्यूमैन्स इन द लूप’ है।
Q3. यह फिल्म किस विषय पर आधारित है?
Ans. फिल्म इंसान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रिश्ते, भरोसा, सहानुभूति और जिम्मेदारी पर आधारित है।
Q4. JFF 2025 में किरण राव की भागीदारी क्यों खास रही?
Ans. उन्होंने न केवल फिल्म प्रस्तुत की बल्कि एआई और सिनेमा के भविष्य पर गहन चर्चा भी की।
Q5. फिल्म ‘ह्यूमैन्स इन द लूप’ क्या संदेश देती है?
Ans. यह फिल्म बताती है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि समाज और तकनीक पर सोचने को मजबूर करने का माध्यम भी है।