/mayapuri/media/media_files/2025/06/20/the-rajasaab-is-a-fun-filled-horror-film-the-next-chapter-of-grandeur-and-vision-of-south-cinema-2025-06-20-17-10-30.webp)
'बाहुबली', 'सालार' और 'कल्कि 2898 एडी' जैसी मेगाहिट फिल्मों से दर्शकों के दिलों में खास जगह बना चुके साउथ के सुपरस्टार प्रभास अब एक बिल्कुल नए रूप में स्क्रीन पर लौट रहे हैं- अपनी अगली फिल्म 'द राजा साब' में; जो रोमांच, रोमांस और हॉरर का धमाकेदार मेल है. डायरेक्टर मारुति के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रभास के साथ संजय दत्त, निधि शर्मा, जयराम, अनुपम खेर, जरीना वहाब, प्रियदर्शी पुलिकोंडा, वेनेला किशोर और ब्रह्मानंदम जैसे उम्दा कलाकार है.
साउथ सिनेमा अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है, इसकी मिसाल हैदराबाद में फिल्म के टीजर लॉन्च कार्यक्रम में देखने को मिली. जहाँ प्रभास का एक भव्य 60 फीट लंबा कटआउट अनावरण किया गया. अब इसकी भव्यता देखकर तो यह कहा जा सकता है कि साउथ सिनेमा तकनीक, कल्पनाशीलता और प्रस्तुति के मामले में बेमिसाल है.
बात करे अगर फिल्म की तो फिल्म के विशाल सेट्स, हैरतअंगेज़ वीएफएक्स, सेट को रियल दिखाने की कोशिश और लार्जर-देन-लाइफ कैरेक्टर हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाते हैं, जहां हर फ्रेम में सोच है और हर साउंड में भावना बसती है. इतनी भव्यता के साथ अगर फिल्म का टीजर लॉन्च किया गया तो सोचिये फिल्म कितनी शानदार होगी.
'द राजा साब' जैसी फिल्में हमें यह याद दिलाती हैं कि साउथ सिनेमा सिर्फ भव्यता नहीं, बल्कि गहराई, शोध और संस्कृति का मेल है. इस बात को साबित करने के लिए हम साउथ की कुछ फिल्मों के बारे में बताते हैं, जैसे- बाहुबली: द बिगिनिंग और बाहुबली 2: द कंक्लूजन ये दोनों ही फिल्में भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी और भव्य फिल्मों में से एक मानी जाती हैं. इसके बाद बात करते हैं संस्कृति और गहन रिसर्च की जिसे 'कांतारा' फिल्म में बाखूबी दिखाया गया है. यह कर्नाटक की लोककथाओं और आदिवासी संस्कृति पर आधारित है. फिल्म में स्थानीय देवताओं, रीति-रिवाजों और जंगल के साथ उनके संबंधों को खूबसूरती से दिखाया गया है.
वहीं अगर विजुअल इफेक्ट्स और एक्शन सीन्स की बात करें, तो 'आरआरआर' और पुष्पा 1 और 2 को भला कौन भूल सकता है. इसके अलावा 'पोन्नियिन सेलवन 1 और 2' में ऐतिहासिक शोध की गहराई साफ़ को छुआ गया है, जबकि 'मंगलावरम' जैसी फिल्में साइकोलॉजिकल थ्रिलर के रूप में साउथ सिनेमा की विविधता और संवेदनशीलता को दर्शाती हैं.
साउथ सिनेमा की एक खूबी उसका संगीत भी है. इसका अच्छा उदाहरण फिल्म 'केजीएफ' के एक सीन में देखने को मिलता है, जिसमें फिल्म का हीरो गरीब भूखे बच्चे और उसकी मां के लिए ट्रैफिक रोकता है और कहता है- "इस दुनिया में माँ से बड़ा कोई और योद्धा नहीं है. माँ अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और हर मुश्किल का सामना कर सकती है." इसके साथ ही बैकग्राउंड में एक संगीत बजता है- "ताना नी ताना", जो दिल को छू लेता है. यह कहना गलत नहीं होगा कि साउथ सिनेमा में संगीत सिर्फ बैकग्राउंड नहीं होता- वह खुद कहानी कहता है.
इसके अलावा साउथ सिनेमा की एक और खूबी हैं वह है- अनुशासन और पेशेवर रवैया. चाहे शूटिंग का समय हो या कलाकारों की प्रतिबद्धता-हर स्तर पर यह इंडस्ट्री मिसाल पेश करती है. यही कारण है कि बॉलीवुड के कई बड़े सितारों जैसे- अजय देवगन और सनी देओल ने साउथ की फिल्मों में दिलचस्पी दिखाई हैं. वहीं संजय दत्त (द राजा साब), अक्षय कुमार (कन्नप्पा), सैफ अली खान (देवरा) और बॉबी देओल (कांगुवा) जैसे सितारे इस साउथ इंडस्ट्री का हिस्सा बन चुके हैं.
प्रभास की 'द राजा साब' भी इसी कड़ी की एक दमदार फिल्म है, जो भारतीय दर्शकों को तकनीक, भावना और मनोरंजन की नई दिशा देगी.
Read More
Ram Kapoor ने Ekta Kapoor के साथ अपने मतभेद पर तोड़ी चुप्पी, बोले- 'वह जो चाहे कह सकती हैं'
Tags : the rajasaab set | The Raja Saab Movie Update | The Raja Saab release Date | ‘The Raja Saab’ Hindi Teaser | Prabhas | actor prabhas | actor prabhas latest news | actor prabhas news today in hindi