भारतीय सिनेमा के एक गुमनाम फिल्मकार 'किशोर साहू' की अनकही दास्तान भारतीय सिनेमा की दुनिया में कई नामी फिल्मकार और अभिनेता हुए हैं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को आकार दिया है लेकिन कुछ कलाकार ऐसे भी रहे हैं जिनका काम और योगदान महत्वपूर्ण होने... By Preeti Shukla 22 Aug 2024 | एडिट 22 Nov 2024 11:33 IST in गपशप New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर भारतीय सिनेमा की दुनिया में कई नामी फिल्मकार और अभिनेता हुए हैं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को आकार दिया है लेकिन कुछ कलाकार ऐसे भी रहे हैं जिनका काम और योगदान महत्वपूर्ण होने के बावजूद उन्हें वह पहचान नहीं मिली जिसके वे हकदार थे एक ऐसे ही गुमनाम लेकिन प्रभावशाली फिल्मकार थे किशोर साहू उनकी कहानी भारतीय सिनेमा की अनकही दास्तान है किशोर साहू का जन्म 22 November 1915 को मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ था आज एक्टर की बर्थ एनिवर्सरी हैं, बता दे उनका असली नाम किशोर कुमार साहू था बचपन से ही फिल्म और थियेटर के प्रति उनकी गहरी रुचि थी, जो उनके जीवन के बाद के दिनों में स्पष्ट रूप से देखने को मिली किशोर साहू ने अपने करियर की शुरुआत 1940 के दशक में की और इस दौरान भारतीय सिनेमा के कई महत्वपूर्ण चरणों में उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई फिल्मी करियर की शुरुआत किशोर साहू का करियर फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष और सफलता का मिश्रण था उन्होंने 1946 में 'बूढ़ी महल' नामक फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की इसके बाद उन्होंने कई प्रमुख हिंदी और बांग्ला फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें 'धर्मपत्नी', 'ग्रामोफोन', और 'लाखों में एक' शामिल हैं उनकी फिल्मों में उनकी उत्कृष्ट अभिनय क्षमता और विविधता ने उन्हें सिनेमा प्रेमियों और आलोचकों से सराहना प्राप्त की फिल्मों में योगदान किशोर साहू का फिल्म निर्माण में योगदान अद्वितीय था वे ऐसे अभिनेता थे जो किसी भी भूमिका को आसानी से निभा सकते थे, चाहे वह रोमांटिक हीरो हो या एक गंभीर नकारात्मक पात्र उनके अभिनय में एक विशेष भावनात्मक गहराई थी, जो उनके किरदारों को जीवंत बना देती थी किशोर साहू की फिल्मों में उनकी खासियत यह थी कि वे उन समय की सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को भी अपने काम में शामिल करते थे उनकी फिल्में अक्सर समाज के बदलते स्वरूप और मानव भावनाओं के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती थीं गुमनामी भले ही किशोर साहू ने अपने करियर में कई सफल फिल्में कीं, लेकिन वे उस समय की प्रमुख सिनेमा हस्तियों की सूची में शामिल नहीं हो पाए इसका एक बड़ा कारण यह था कि उस समय की मीडिया और प्रचार की कमी थी, जिसने उनकी पहचान को सीमित कर दिया इसके अलावा, सिनेमा की दुनिया में प्रतिस्पर्धा भी अत्यधिक थी, जिससे उन्हें पर्याप्त पहचान नहीं मिल पाई परिवार किशोर साहू का व्यक्तिगत जीवन भी उनकी फिल्मी यात्रा की तरह ही साधारण था उन्होंने अपने परिवार के साथ एक सादा जीवन जीने का प्रयास किया उनके परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे शामिल थे, जिन्होंने उनके करियर और काम का समर्थन किया किशोर साहू की फिल्मों और उनके काम की समीक्षा करने पर उनकी कला और योगदान की महत्ता स्पष्ट होती है वे भारतीय सिनेमा के एक महत्वपूर्ण हिस्से थे जिन्होंने समय की चुनौतियों और गुमनामी के बावजूद अपने अद्वितीय काम से सिनेमा की दुनिया में अमिट छाप छोड़ी kishore sahu movies Read More क्या पठान की सक्सेस पार्टी में न आने पर SRK ने जॉन को गिफ्ट की थी बाइक क्रिकेटर युवराज सिंह पर बनने जा रही है फिल्म,भूषण कुमार ने किया अनाउंस रणदीप हुड्डा का लिन लैशाराम से मुलाकात का नसीरुद्दीन शाह से है कनेक्शन अमेरिकी तैराकी टीम ने ऐश्वर्या के गाने 'ताल से ताल' पर किया परफॉर्म हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article