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Special Article About Kishore Sahu on his Death Anniversary: भारतीय सिनेमा की दुनिया में कई नामी फिल्मकार और अभिनेता हुए हैं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को आकार दिया है लेकिन कुछ कलाकार ऐसे भी रहे हैं जिनका काम और योगदान महत्वपूर्ण होने के (Kishore Sahu was a luminary of Indian cinem) बावजूद उन्हें वह पहचान नहीं मिली जिसके वे हकदार थे एक ऐसे ही गुमनाम लेकिन प्रभावशाली फिल्मकार थे किशोर साहू उनकी कहानी भारतीय सिनेमा की अनकही दास्तान है किशोर साहू का जन्म 22 November 1915 (When Kishore Sahu birthday) को मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ था आज एक्टर की बर्थ एनिवर्सरी हैं, बता दे उनका असली नाम किशोर कुमार साहू था बचपन से ही फिल्म और थियेटर के प्रति उनकी गहरी रुचि थी, (Kishore Sahu worked in Jeevan Prabhat, Punar Milan, Kala Pani, Kala Bazar, Guide, and Hare Rama Hare Krishna as an actors) जो उनके जीवन के बाद के दिनों में स्पष्ट रूप से देखने को मिली किशोर साहू ने अपने करियर की शुरुआत 1940 के दशक में की और इस दौरान भारतीय सिनेमा के कई महत्वपूर्ण चरणों में उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई
Kishore Sahu's Songs
फिल्मी करियर की शुरुआत (Beginning of Kishore Sahu's film career)
किशोर साहू का करियर फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष और सफलता (Kishore Sahu's career, struggle and success in the film industry) का मिश्रण था उन्होंने 1946 में 'बूढ़ी महल' नामक फिल्म (Kishore Sahu first film) से अपने करियर की शुरुआत की इसके बाद उन्होंने कई प्रमुख हिंदी और बांग्ला फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें 'धर्मपत्नी', 'ग्रामोफोन', और 'लाखों में एक' शामिल हैं उनकी फिल्मों में उनकी उत्कृष्ट अभिनय क्षमता और विविधता ने उन्हें सिनेमा प्रेमियों और आलोचकों से सराहना प्राप्त की
फिल्मों में योगदान (Kishore Sahu's contribution to films)
किशोर साहू का फिल्म निर्माण में योगदान अद्वितीय था वे ऐसे अभिनेता थे जो किसी भी भूमिका को आसानी से निभा सकते थे, चाहे वह रोमांटिक हीरो हो या एक गंभीर नकारात्मक पात्र उनके अभिनय में एक विशेष भावनात्मक गहराई थी, जो उनके किरदारों को जीवंत बना देती थी किशोर साहू की फिल्मों में उनकी खासियत यह थी कि वे उन समय की सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को भी अपने काम में शामिल करते थे उनकी फिल्में अक्सर समाज के बदलते स्वरूप और मानव भावनाओं के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती थीं
गुमनामी (Kishore Sahu Life Story)
भले ही किशोर साहू ने अपने करियर में कई सफल फिल्में कीं, लेकिन वे उस समय की प्रमुख सिनेमा हस्तियों की सूची में शामिल नहीं हो पाए इसका एक बड़ा कारण यह था कि उस समय की मीडिया और प्रचार की कमी थी, जिसने उनकी पहचान को सीमित कर दिया इसके अलावा, सिनेमा की दुनिया में प्रतिस्पर्धा भी अत्यधिक थी, जिससे उन्हें पर्याप्त पहचान नहीं मिल पाई
परिवार (Kishore Sahu Family)
किशोर साहू का व्यक्तिगत जीवन भी उनकी फिल्मी यात्रा की तरह ही साधारण था उन्होंने अपने परिवार के साथ एक सादा जीवन जीने का प्रयास किया उनके परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे शामिल थे, जिन्होंने उनके करियर और काम का समर्थन किया किशोर साहू की फिल्मों और उनके काम की समीक्षा करने पर उनकी कला और योगदान की महत्ता स्पष्ट होती है वे भारतीय सिनेमा के एक महत्वपूर्ण हिस्से थे जिन्होंने समय की चुनौतियों और गुमनामी के बावजूद अपने अद्वितीय काम से सिनेमा की दुनिया में अमिट छाप छोड़ी
kishore sahu movies
FAQ about Kishore Sahu
छत्तीसगढ़ में किशोर साहू कौन हैं? (Who is Kishore Sahu in Chhattisgarh?)
किशोर साहू (22 नवम्बर 1915 – 22 अगस्त 1980) एक भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता थे. उन्होंने 1937 से 1980 के बीच 22 फिल्मों में काम किया. उन्होंने 1942 से 1974 के बीच 20 फिल्मों का निर्देशन किया.
किशोर साहू प्रसिद्ध फिल्में? (Kishore Sahu famous movies?)
किशोर साहू ने 1967 की फिल्म हरे कांच की चूड़ियां, 1948 की नदिया के पार, 1949 की सावन आया रे और 1954 की मयूरपंख जैसी कई सफल फिल्मों का निर्देशन, लेखन और निर्माण किया. उन्हें 1954 की फिल्म 'मयूरपंख' के लिए जाना जाता है, जिसे 1954 के कान फिल्म फेस्टिवल में ग्रेंड प्राइज के लिए नामांकित किया गया था.
किशोर साहू की जीवनी? (Kishore Sahu biography?)
किशोर साहू की आत्मकथा का शीर्षक "मेरी आत्मकथा" है, जिसका अंग्रेजी में अर्थ "मेरी आत्मकथा" है. यह हिंदी में लिखी गई थी. Amazon.in के अनुसार, यह पुस्तक मुख्यतः उनके निजी जीवन पर केंद्रित है और उनके फ़िल्मी करियर पर गहराई से प्रकाश नहीं डालती. वे भारतीय सिनेमा में एक प्रमुख हस्ती थे, जिन्हें एक अभिनेता, निर्देशक, निर्माता, पटकथा लेखक, कहानीकार, उपन्यासकार और चित्रकार के रूप में जाना जाता था.
किशोर साहू को किससे प्यार था? (Whom did Kishore Sahu love?)
किशोर साहू को पहले सह-अभिनेत्री स्नेहप्रभा प्रधान से प्यार था और उनसे शादी भी की, लेकिन बाद में यह रिश्ता खत्म हो गया. इसके बाद उन्होंने प्रीति नाम की महिला से विवाह किया, जिनसे उनके चार बच्चे हुए.
किशोर साहू की पहली शादी क्यों टूटी थी? (Why did Kishore Sahu's first marriage break?)
किशोर साहू और स्नेहप्रभा साहू का विवाह नपुंसकता और विवाह को पूर्णतः संपन्न न कर पाने के आपसी आरोपों के कारण टूट गया. पत्नी ने इसके लिए पति के शुरुआती क्रूर व्यवहार को ज़िम्मेदार ठहराया, जबकि पति ने उसकी उन्मादी प्रवृत्ति का हवाला दिया. मामला अदालत में गया जहाँ दोनों पक्षों ने दावों का खंडन करने के बजाय, इस बात की पुष्टि की कि विवाह कभी पूर्णतः संपन्न नहीं हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप विवाह को अमान्य घोषित कर दिया गया.
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