महिला अधिकारों की रक्षा के लिए यह बॉलीवुड फिल्मे देती हैं योगदान एंटरटेनमेंट:समाज में महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की आवश्यकता हमेशा से रही है खासकर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों में, पीड़ित महिलाओं की मदद के By Preeti Shukla 22 Aug 2024 in एंटरटेनमेंट New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर एंटरटेनमेंट:समाज में महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की आवश्यकता हमेशा से रही है खासकर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों में, पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए समाज में जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है, वहीँ बॉलीवुड फिल्मों ने समय-समय पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वे न केवल मनोरंजन के साधन के रूप में बल्कि समाज को जागरूक करने और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करने के लिए भी माध्यम रही हैं बॉलीवुड ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे यौन अपराधों को बड़े पर्दे पर दिखाने और उनसे संबंधित मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए कई फिल्मों का निर्माण किया है इनमें से कुछ फिल्मों ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला है और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का कार्य किया है प्रमुख फिल्में जो महिलाओं की आवाज़ बनीं दामिनी (1993) यह फिल्म न्याय और सच्चाई की लड़ाई का प्रतीक बन गई "दामिनी" में मुख्य भूमिका में मीनाक्षी शेषाद्रि ने एक साहसी महिला का किरदार निभाया, जो बलात्कार पीड़िता के लिए न्याय की लड़ाई लड़ती है यह फिल्म दर्शाती है कि कैसे समाज में महिलाओं को चुप कराने की कोशिश की जाती है, लेकिन एक मजबूत इरादों वाली महिला अपने साहस के बल पर न्याय प्राप्त करती है मॉम (2017) श्रीदेवी की यह फिल्म एक मां की कहानी है, जो अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है "मॉम" ने दिखाया कि एक मां की ममता के सामने कोई भी अन्याय टिक नहीं सकता इस फिल्म ने समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता और जागरूकता को और भी मजबूत किया मातृ (2017) रवीना टंडन की फिल्म "मातृ" भी समाज में व्याप्त अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महिला की लड़ाई की कहानी है यह फिल्म एक मां की कहानी है जो अपनी बेटी के साथ हुए अत्याचार का बदला लेने के लिए खुद को समर्पित कर देती है पिंक (2016) अमिताभ बच्चन की फिल्म "पिंक" एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि "नहीं का मतलब नहीं होता है" यह फिल्म महिलाओं के अधिकारों, उनकी गरिमा, और उनकी स्वतंत्रता पर बल देती है ए थर्सडे (2022) यामी गौतम अभिनीत फिल्म "ए थर्सडे" में एक नर्सरी स्कूल टीचर की कहानी है जो अचानक 16 बच्चों को बंधक बना लेती है और अपने अपहरण के पीछे के कारणों को प्रकट करते हुए समाज के गहरे काले सच को उजागर करती है यह फिल्म महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर ध्यान केंद्रित करती है और दिखाती है कि जब कोई महिला अन्याय के खिलाफ खड़ी होती है, तो वह किसी भी हद तक जा सकती है फिल्मों का समाज पर प्रभाव इन फिल्मों ने समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके अधिकारों के प्रति एक नई सोच पैदा की है इन फिल्मों ने न केवल समाज को जागरूक किया, बल्कि महिलाओं को भी अपने हक के लिए आवाज उठाने की प्रेरणा दी है इस प्रकार की फिल्में समाज में बदलाव लाने का एक प्रभावी माध्यम बन गई हैं Read More क्या पठान की सक्सेस पार्टी में न आने पर SRK ने जॉन को गिफ्ट की थी बाइक क्रिकेटर युवराज सिंह पर बनने जा रही है फिल्म,भूषण कुमार ने किया अनाउंस रणदीप हुड्डा का लिन लैशाराम से मुलाकात का नसीरुद्दीन शाह से है कनेक्शन अमेरिकी तैराकी टीम ने ऐश्वर्या के गाने 'ताल से ताल' पर किया परफॉर्म हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article