एक देसी मुहावरा है- 'बाढे पूत पिता के धर्में उपजे खेती अपने कर्में' यानी- बाप जमीन तैयार करता है तो बेटे को सिर्फ काम करना रहता है, लेकिन कामयाबी उसे तभी प्राप्त होती है जब वह खुद कर्म करता है. इस कहावत से बॉलीवुड का सच सामने आता है. जो लोग बॉलीवुड पर नेपोटीजम (परिवारवाद) का आरोप लगाते हैं उनपर भी और उनपर भी जो संघर्ष से कामयाबी पाने की बात किया करते हैं.
बॉलीवुड के सबसे बड़े परिवार 'कपूर खानदान' की हम यहां चर्चा करना चाहेंगे. स्वर्गीय पृथ्वी राज कपूर से लेकर रणबीर कपूर की बेटी राहा भट्ट कपूर तक पांचवी पीढ़ी बॉलीवुड में है. राहा का नाम इसलिए ले रहे हैं कि वह पैदायसी स्टार है. आलिया -रणबीर की गोंद में जब एक साल की राहा होती है पेपराजी की नजर और फोटोग्राफरों के कैमरे उसी बच्ची पर होते हैं. यानी वह पैदायसी स्टार है. भविष्य में क्या बनेगी वक्त बताएगा फिलहाल तो वह स्टार है. भूत काल मे इस खानदान से निकले कुछ स्टारों के नाम बॉलीवुड इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गए हैं जबकि कई नाम इसी परिवार से ऐसे भी हैं जिन्हें लोग जानते तक नहीं.
पृथ्वीराज कपूर पितामह थे 'आरके' खानदान के. उनके शौर्य को उनके तीनो बेटों- राज कपूर, शम्मी कपूर, शशि कपूर ने आगे बढ़ाया. राज कपूर के तीन बेटों में रणधीर कपूर और ऋषि कपूर अपना मुकाम बनाने में कामयाब हो गए जबकि उसी राज कपूर के तीसरे बेटे राजीव कपूर (स्वर्गीय) ब्रेक दिए जाने के बावजूद अपना नाम नहीं बना पाए थे. उन्हें जमीन मिली पर एफर्ट कमजोर था उनका. पृथ्वीराज के बाकी दो बेटे शम्मी और शशि कपूर चले लेकिन उनके बेटे नहीं चल पाए. दूसरी तरफ राज कपूर के बेटे रणधीर की बेटियां करिश्मा और करीना घरवालों के विरोध के वावजूद बड़ी स्टार हैं. ऋषि कपूर की पत्नी नीतू सिंह कपूर भी स्टार रही, उनके बेटे रणबीर और बहू आलिया भट्ट भी स्टार है. लगता है भविष्य में राहा भी बड़ी स्टार होगी. एक ही पृथ्वीराज की सींची जमीन पर एक बेटे की औलादें स्टार बनती हैं और दो बेटों की औलादें उँगनें के लिए पर्याप्त जमीन मिलने पर भी अपने पेड़ की छाया नहीं बना पाती.
बॉलीवुड के जुबली स्टार थे राजेन्द्र कुमार, जो बेटे कुमार गौरव के लिए एक बेहद कामयाब फिल्म बनाए 'लव स्टोरी'. उस समय 14 फिल्में साइन किया था गौरव ने. लेकिन, सब पिटती गयी. वह अकड़ में रहते थे. निर्माताओं से सीधे मुंह बात नही करते थे, कहाँ हैं आज? बाप की मेहनत से बनाई जमीन तो थी पर उनके प्रयत्न कमजोर थे.
भाग्यश्री का कैरियर सलमान खान के साथ 'मैंने प्यार किया' से शुरू हुआ था, फिल्म सुपर हिट हुई.तब सलमान की उतनी डिमांड नहीं थी जितनी भाग्यश्री की थी. अमिताभ बच्चन के साथ भाग्यश्री को फिल्म करने का प्रस्ताव आया था. उसने नहीं किया, बल्कि अपने प्रेमी हिमालय दासानी से विवाह करके उनको सलमान खान बनाने की बात कहना शुरू कर दिया. आज कितने लोग जानते हैं हिमालय का नाम? पति तो छोड़ो, बेटे को भी ओटीटी पर्दे पर स्टैंड नहीं करा पायी हैं. एक जमाने की स्टार रही पद्मिनी कोल्हापुरे (शर्मा) अपने फिल्मी बैकग्राउंड के पति का साथ होने के वावजूद अपने बेटे को स्टैंडिंग नहीं दिला पा रहे हैं. पूनम ढिल्लन के बेटे बेटी दोनो मां और बाप की फिल्म लाइन में बनाई जमीन का लाभ नहीं उठा पारहे हैं. गोविंदा मेहनत से बने फिल्म स्टार और सांसद थे, लेकिन उनकी पॉपुलोरिटी की जमीन पर बेटी टीना आहूजा और बेटे को कोई फिल्म नहीं मिली. मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन और अभिनेत्री-सांसद जया बच्चन के बेटे एवं पूर्व विश्व सुंदरी ऐश्वर्या राय के पति अभिषेक बच्चन को तो जो जमीन मिली थी अंकुरण के लिए कि उनको तो बट बृक्ष बनकर ना सिर्फ बॉलीवुड, टॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड पर भी छा जाना चाहिए था. मगर 30 साल बाद भी उनका कैरियर सिसक सिसक कर चल रहा है.
इससे परे, फिल्म लाइन में नेपोटीजम पर चिल्लाने वाली कंगना रनौत अपने बल बूते पर अपना मुकाम बनाई हैं.कपिल शर्मा इस बात के उदाहरण हैं. तापतर्य यह कि पिता यहां अपने बेटी बेटों को मौका तो दे सकता है लेकिन चला नही सकता. चलेगा वही जिसमे टेलेंट होगा, जो अपनी राह खुद बनाने निकलेगा. तभी तो बड़े बुजुर्गों ने कहा है बाढ़ें पूत पिता के धर्में, उपजे खेती अपने कर्में!
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