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बॉलीवुड में कॉमेडी हमेशा से, हर पीढ़ी के लिए मस्ती खुशी और हँसी का ज़रिया रही है. बीते ज़माने के दिग्गज कलाकारों से लेकर आज के स्टैंड अप कॉमेडियन तक, हर कलाकार ने हँसी को एक ऐसी दवा की तरह इस्तेमाल किया है जो लोगों को एक दूसरे से जोड़ते हुए मन से स्वस्थ कर देती है. पेश है बॉलीवुड और टीवी के कुछ बेहतरीन कॉमेडियन, उनके मज़ेदार पल तथा कॉमेडी पर उनके विचार के साथ कुछ ऐसे कोट्स जो निश्चित रूप से सभी को मुस्कुराने पर मजबूर कर देंगे.
पेश है बॉलीवुड और टीवी के कुछ बेहतरीन कॉमेडियन:
महमूद (Mehmood)
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महमूद 1960 और 70 के दशक में कॉमेडी के बादशाह थे. उनके हास्य किरदार और सही कॉमिक टाइमिंग ने लोगों को खूब हँसाया. क्लासिक फिल्म 'पड़ोसन' में उनके मज़ेदार डायलॉग आज भी लाजवाब हैं. महमूद ने एक बार कहा था, "यह दुनिया पैसे वालों की है और बिना पैसे वालों की भी है. मेरे पास कार है, फिर भी मैं बेकार हूँ, उसके पास कार नहीं है फिर भी वो बेकार नहीं है, क्या समझे? उनकी ऐसी ही मज़ेदार बातें लोगों को हँसाती रही और सोचने पर मजबूर करती रही कि दुनिया आखिर कार वालों की है या बेकार वालों के लिए? उनका मानना था कि कॉमेडी खुशियाँ फैलाने के लिए होनी चाहिए उन्होंने कहा था, "हँसी, दरअसल परेशानियों को भूलने का एक तरीका है, भले ही वह पल भर के लिए ही क्यों न हो." महमूद का यह मशहूर डायलॉग आज भी हमारी पिछली पीढ़ी को याद है. महमूद के साथ एक मज़ेदार किस्सा है जब उन्होंने कहा था, "मैं व्हिस्की तभी पीता हूँ, जब मुझे गांजा नहीं मिलता, और अगर अफ़ीम नहीं मिलती, तो मैं कैम्पा कोला पी लेता हूँ." यह उनका मज़ेदार डायलॉग था जो सभी को बहुत पसंद आया. महमूद की फ़िल्में, जैसे बॉम्बे टू गोवा और भूत बांग्ला, आज भी उनकी सदाबहार अभिनय के लिए देखी जाती हैं.
जॉनी वॉकर (Johnny Walker)
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जॉनी वॉकर ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्मों के दौर से लेकर कलर फिल्मों के स्टार कॉमेडियन रहे. अपने नर्म आवाज़, मासूम अंदाज़ और मज़ेदार हाव-भावों से उन्होने 'आनंद' जैसी गंभीर फ़िल्म में भी कुछ खुशी के पल जोड़ दिए. सेट पर, निर्देशक गुरु दत्त को यह बहुत पसंद था कि कैसे जॉनी रिहर्सल के दौरान बड़ी सहजता से नए मज़ेदार डायलॉग इंप्रोवाइज़ करके सबको हँसा देते थे. जॉनी का मानना था कि कॉमेडी वो होती है जो किसी को ठेस पहुँचाए बिना चेहरे पर मुस्कान ला सकती हो. एक मज़ेदार किस्सा यह है कि वे जब कोई जोक सुनाते थे तो उसे आधी सुनाकर पहले यह ज़रूर देखते थे कि क्या सभी लोग, यहाँ तक कि कैमरामैन, हेल्पर, असिस्टेंट भी - उनके चुटकुलों पर ध्यान दे रहे हैं या नहीं. जॉनी वॉकर ने कहा था, "कॉमेडी लोगों को कुछ देर के लिए अपनी चिंताएँ भुलाने का मेरा तरीका है." इससे पता चलता है कि वे खुशियाँ फैलाने को कितनी गंभीरता से लेते थे.
किशोर कुमार (Kishore Kumar)
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एक महान गायक होने के अलावा, किशोर कुमार एक प्रतिभाशाली हास्य अभिनेता भी थे. पड़ोसन और चलती का नाम गाड़ी जैसी फ़िल्में उनकी चंचलता को दर्शाती हैं. उन्हें वो मज़ेदार भूमिकाएँ करना पसंद थीं जहाँ वे अपनी पूरी ऊर्जा और मज़ेदार आवाज़ का इस्तेमाल कर सकते थे. किशोर कुमार कहते थे, "ज़िंदगी हर समय गंभीर रहने के लिए बहुत छोटी है, इसलिए जितना हो सके हँसो." उनकी कॉमेडी का एक दिलचस्प किस्सा फिल्म हाफ टिकट से जुड़ा है, जहाँ उनका किरदार, ट्रेन टिकट के पैसे बचाने के लिए एक बच्चा होने का नाटक करता है और इस तरह अपनी हरकतों से लोगों को लगातार हँसाते रहे. किशोर कुमार की शैली हास्य रस से भरपूर थी, जिससे गंभीर गाने और दृश्य भी हल्के-फुल्के लगते थे. अपनी मौत से कुछ पल पहले भी वे मज़ाक मस्ती कर रहे थे.
जगदीप (Jagdeep)
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बड़े ही प्यारे और मज़ेदार किरदारों के लिए जाने जाने वाले जगदीप, फ़िल्म 'शोले' में सूरमा भोपाली के किरदार के लिए खास तौर पर मशहूर हुए. उनके सटीक भोपाली लहजे और खुश मिजाज अंदाज ने लोगों को बेकाबू होकर हँसाया. जगदीप ने कहा था कि एक कॉमेडियन "एक डॉक्टर की तरह होता है जो बिना दवाइयों के, सिर्फ़ हँसी से लोगों को ठीक करता है." वे फिल्मों में अक्सर मज़ेदार दोस्त या नासमझ खलनायकों की भूमिकाएँ अद्भुत टाइमिंग के साथ निभाते थे. खून खून में जगदीप का मजाकिया अंदाज़, "मैंने तो सिर्फ़ ढोल माँगा था, पर तुम नाराज़ हो गए!" उनके शब्दों के खेल को दर्शाता है. कई फिल्मों में उनके हास्य ने मुश्किल पलों में राहत पहुँचाई.
जॉनी लीवर (Johnny Lever)
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जॉनी लीवर, आधुनिक बॉलीवुड फिल्मों के सबसे बेहतरीन हास्य कलाकारों में से एक हैं. वे माहौल में हँसी लाने के लिए, मज़ेदार चेहरे, तीखे अंदाज़ और सटीक मिमिक्री का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा, "कॉमेडी, लोगों से जुड़ने का मेरा अपना तरीका है, ताकि लोग कुछ देर के लिए अपनी चिंताएँ भूल जाए." जॉनी का मानना है कि कॉमेडी का मतलब दूसरों का मज़ाक उड़ाना नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी के छोटे-छोटे हास्य पलों का आनंद लेना है. बाजीगर और दूल्हे राजा में उनकी भूमिकाओं ने उन्हें घर-घर में जाना-पहचाना नाम बना दिया. जॉनी ने एक बार कहा था, "हँसी वह ईंधन है जो हमारे उत्साह को जगाए रखती है," उनकी यह सोच, कॉमेडी के प्रति उनके गहरे प्रेम और कॉमेडी की उपचारात्मक शक्ति को दर्शाता है.
राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav)
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टीवी शोज़, सोशल प्लैटफॉर्म्स और स्टैंड अप कॉमेडी के युग में राजू श्रीवास्तव को उनकी सरल और सहज कॉमेडी के लिए पसंद किया जाता था. उनके चुटकुले आम लोगों के लिए होते थे. लोकल ट्रेन, ऑटो रिक्शा, बस में सफर कर रहे लोगों के लिए बने उनके हास्य शोज़ सभी के दिल को छू जाते थे. एक बार उन्होने इंटरव्यू के दौरान मोबाइल पर ही कॉमेडी बना डाली थी.
उन्होने कहा था,
"पहले लोग सोते थे तो
शरीर को आराम मिलता था
अब लोग सोते हैं तो
मोबाइल को आराम मिलता है." मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होने यह कॉमेडी डायलॉग खुद बनाए है? तब उन्होने कहा था, "नहीं जी, यह वॉटस्एप मेसेजेस की मेहरबानी है."
उनके पास नए नए जोक्स हमेशा रेडी रहते थे. खास कर मोबाइल के प्रति आज की पीढ़ी का क्रेज़ देखकर वे कई बार सुनी सुनाई जोक्स को भी इस अंदाज़ से कहते थे कि ठहाके लगाए बिना नहीं रहा जाता था.
| उन्होने एक जोक सुनाते हुए कहा था, "श्राद्ध का महीना था, बेटा अपने दिवंगत पापा के श्राद्ध के लिए पंडित बुलवाए थे. पंडित जी बोले," बेटा, आप कोई भी चीज़, यानी फल भोजन कपड़े श्राद्ध में दोगे तो आपके पूर्वजो तक पहुँच जाएगी.." बेटा बोला, "बस आप पापा को मोबाईल" पहुँचा दीजिए, हमारी बात हो जाया करेगी." पंडित जी नाराज़ हो गए. बेटा सोचता रह गया कि बताओ हमने कौन सा कुछ गलत बोल दिया? |
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राजू श्रीवास्तव रोज़मर्रे की आम बातचीत में चुटकुला ढूंढ लेते थे. उनका एक और मशहूर चुटकुला था, "जब आप लाल बिंदी वाली सफ़ेद साड़ी पहनती हैं, तो आप एम्बुलेंस जैसी दिखती हैं." उन्होंने कहा कि हँसी एक मुफ़्त थेरेपी की तरह है जो ज़िंदगी को आसान बना देती है. राजू की शैली सबसे अलग थी जो दर्शकों से गहराई से जुड़ती थी.
कपिल शर्मा (Kapil Sharma)
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कपिल शर्मा एक आधुनिक सुपरस्टार हैं जो अपने टीवी कॉमेडी शोज़ के लिए टॉप पर हैं. छोटे शहर की ज़िंदगी और मज़ेदार किरदारों पर उनके चुटकुले लोगों को खूब हँसाते हैं. कपिल ने एक बार कहा था, "एक बेहतरीन हंसी की ताकत को कभी कम मत आँको", वे हँसी को एक मरहम के रूप में मानते हैं. उन्होंने यह भी कहा, "ज़िंदगी एक रोलरकोस्टर की तरह है, लेकिन हँसी इस सफ़र को सार्थक बना देती है." उनकी कॉमेडी परिवारों और दोस्तों को एक साथ बांधती है, जिससे तनाव, पल भर के लिए ही सही, गायब हो जाता है. कपिल कहते हैं कि हँसी के ज़रिए खुशियाँ फैलाना सबसे बड़ा तोहफ़ा है जो कोई भी दे सकता है.
कृष्णा अभिषेक (Krushna Abhishek)
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कृष्णा अभिषेक अपनी तेज़ बुद्धि और आकर्षण के लिए जाने जाते हैं. वे कॉमेडी सर्कस और द कपिल शर्मा शो जैसे शोज़ से लोकप्रिय हुए. कृष्णा ने एक बार कहा था कि कॉमेडी का मतलब मनोरंजन करना है, न कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना. कृष्णा, कपिल के बारे में मज़ाक भी करते हैं और दोनों इस मज़ाकिया एक दूसरे को चिढ़ाने का आनंद भी लेते हैं. उन्होंने कहा कि नई पाबंदियों के साथ, कॉमेडियन को सावधान रहना पड़ता है, लेकिन वे हमेशा लोगों को हँसाने और उनकी चिंताओं को भुलाने की कोशिश करते हैं.
सुनील ग्रोवर (Sunil Grover)
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सुनील ग्रोवर ने मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता बनने से पहले डबिंग के काम से शुरुआत की थी. डॉ. मशहूर गुलाटी जैसे किरदारों के लिए मशहूर, सुनील ने मुंबई में अपने शुरुआती मुश्किल दिनों की यादों को भी मजेदार ढंग से साझा किया जब उनके यात्रा का खर्च उनकी आमदनी से ज़्यादा होती थी. उनका कहना है कि कॉमेडी ने उन्हें मुश्किल समय में खुश रहने में मदद की. सुनील का हुनर टीवी और फ़िल्म 'जवान' दोनों में निखर कर आता है. उनका मानना है कि हँसी लोगों को सुकून और खुशी से जीने में मदद करती है. टीवी पर उनके मज़ेदार कारनामे कई परिवारों की रोज़मर्रा की खुशियों का हिस्सा बन गए हैं.
राजपाल यादव (Rajpal Yadav)
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राजपाल यादव, हंगामा, भूल भुलैया और छुप छुप के, फिर हेरा फेरी, भूत पुलिस, जैसी फिल्मों में अविस्मरणीय हास्य भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं. "ज़रा मेरा मुखड़ा देखो, बताओ कैसा है मेरा हुलिया?" जैसे उनके मज़ेदार वन-लाइनर्स लोगों को खूब हंसाते हैं. राजपाल की कॉमेडी में अक्सर हास्य और असल ज़िंदगी के ऐसे शब्द होते हैं जिन्हें हर कोई समझ लेता है. उन्होंने अपनी भूमिकाओं के ज़रिए यह साबित कर दिया है कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी की एक छोटी सी हंसी भी मूड को खुशनुमा बना सकती है. राजपाल अपने बिल्कुल सही समय पर बोले गए मज़ेदार संवादों से लोगों का मनोरंजन करते रहते हैं जो लोगों के दिलों में बस जाते हैं.
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