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इन दिनों एक डायलॉग हर तरफ छाया हुआ है — “एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो!” यह डायलॉग न सिर्फ बॉलीवुड के सबसे यादगार डायलॉग्स में से एक है, बल्कि अब यह देशभक्ति की भावना से भी जुड़ गया है. कारण है — भारतीय सेना का हाल ही में 7 मई को किया गया सैन्य अभियान, जिसे नाम दिया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’.
बॉलीवुड से उठा यह डायलॉग फिर हुआ ज़िंदा
“एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू…” — यह मशहूर डायलॉग साल 2007 में आई फिल्म ‘ओम शांति ओम’ से है, जिसे निर्देशित किया था फराह खान ने. फिल्म में यह संवाद दो अलग-अलग दृश्यों में दिग्गज अभिनेत्री किरण खेर और फिर सेकेंड हाफ में दीपिका पादुकोण द्वारा बोला गया था.
यह पूरा डायलॉग था-
“एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू! ईश्वर का आशीर्वाद होता है एक चुटकी सिन्दूर, सुहागन के सर का ताज होता है एक चुटकी सिन्दूर, हर औरत का ख्वाब होता है एक चुटकी सिन्दूर!”
इस डायलॉग को मयूर पुरी ने लिखा था, जो बॉलीवुड के प्रतिष्ठित पटकथा लेखक और गीतकार हैं. यह डायलॉग आज भी दर्शकों की जुबान पर है, और अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह संवाद फिर से लोगों के दिलों में जीवित हो उठा है.
ओम शांति ओम का है डायलॉग
इस डायलॉग की बात करें तो यह 2007 में रिलीज़ हुई पुनर्जन्म पर आधारित रोमांटिक थ्रिलर फिल्म ‘ओम शांति ओम’ का है, जिसमें शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में थे. फिल्म में अर्जुन रामपाल खलनायक की भूमिका में नजर आए थे, जबकि श्रेयस तलपड़े और किरण खेर ने सहायक भूमिकाएं निभाईं. फिल्म का निर्माण गौरी खान ने रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया था.
'एक चुटकी सिंदूर’ अब सिर्फ एक डायलॉग नहीं रहा, बल्कि यह भारतीय परंपरा, नारी शक्ति और अब राष्ट्र रक्षा का प्रतीक बन चुका है. ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि एक शब्द में कितनी ताकत हो सकती है — चाहे वो परदे पर बोले गए संवाद में हो या फिर युद्ध के मैदान में देश की गरिमा की रक्षा करते हुए.