/mayapuri/media/media_files/2025/06/24/baiju-bawra-origin-when-bhatt-kapoor-rivalry-gave-birth-to-a-revenge-classic-2025-06-24-17-33-18.webp)
बॉलीवुड में निर्देशक का ईगो और स्टार की मनमानी की बात बहुत पुरानी है. आज की बड़ी स्टार हीरोइन दीपिका पादुकोण आज के बड़े निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा (एनिमल फेम) की फिल्म 'स्पिरिट' छोड़कर अलग हो जाने की चर्चा में हैं, तो इस किस्से की चर्चा में एक पुराने फिल्मकार ने हमें एक उनका पुराना सुना हुआ किस्सा सुनाया कि कैसे कभी एक कामयाब फिल्म निर्देशक विजय भट्ट और एक कामयाब स्टार राज कपूर में आपसी ईगो के चलते ठन गयी थी. और, इस ठना ठनी में बनकर निकली थी उस जमाने की पॉपुलर फिल्म 'बैजू बावरा'. फिल्म में निर्देशक विजय भट्ट ने राज कपूर को औकात समझाने के लिए राज कपूर की जगह एक स्ट्रगलर लड़के को लिया था. आइए, इस कहानी पर नजर दौड़ाते हैं.
फिल्मी दुनिया के बहुत ही काबिल निर्देशक विजय भट्ट (जिनकी बनाई फिल्में रही हैं 'राम राज्य', 'बैजू बावरा', 'गूंज उठी शहनाई', 'हिमालय की गोंद में' आदि. गांधी जी ने अपने पूरे जीवन मे सिर्फ एक ही फिल्म उन्ही की बनाई 'रामराज्य' देखा था) भट्ट साहब ने बहुत ही मेहनत करके एक स्क्रिप्ट तैयार की. जिस पर वह विशेष फिल्म बनाना चाहते थे. विजय भट्ट साहब को पूरी उम्मीद थी कि उनकी ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित होगी. और, अपनी इसी सोच के साथ भट्ट साहब जा पहुचे कपूर खानदान के स्टार राज कपूर के पास. राज कपूर को कहानी पसंद आई, तब भी वह कुछ सुझाव दिए कि यह पोर्शन बदल दो. विजय भट्ट नड़ गए कि तुम्हे कहानी समझ मे नहीं आरही है. हालांकि कहानी किसी और ही लेखक की लिखी हुई थी इसके बावजूद भट्ट साहब स्टार के आगे झुकना नहीं चाहते थे.बात बात में बात दोनो के इगो पर आगयी. राज कपूर साहब ने विजय भट्ट साहब की फिल्म में काम करने से मना ही कर दिया.
बाद में उनके बीच फिल्म को लेकर एक और मुलाकात हुई. कहानी वही थी और सोच भी वही थी. राज कपूर ने कहा- 'कहानी बदलो' और भट्ट ने कहा- 'यह नहीं होगा.' हालाकी विजय भट्ट साहब ने राज कपूर को समझाने की बहुत कोशिश किया, मगर बात बनी नहीं. आखिर कपूर ने भट्ट की फिल्म में काम करने की हामी नहीं भरी तो नहीं भरी. विजय भट्ट तब राज कपूर के यहां से मायूस लौट गए लेकिन कहानी में बदलाव देने के लिए तैयार नहीं हुए. भट्ट साहब ने उस फिल्म को बनाने का इरादा नहीं छोड़ा और लग गए किसी नए कलाकार की तलाश में. विजय भट्ट की ये तलाश ख़तम हुई फिल्मो में छोटे मोटे किरदार निभाने वाले एक कलाकार को मिलकर.भट्ट साहब ने उस कलाकार को अपनी फिल्म में हीरो ले लिया. मतलब यही बताना था कि वह स्टार सिस्टम के लिए मजबूर नहीं थे. काम के मामले में उनके लिए राजकपूर और एक स्ट्रगलर लड़के में अंतर नहीं था. भट्ट साहब के इस फैसले से उनके बहुत से करीबी लोग और फिल्मी दुनिया के बहुत से लोगों को आश्चर्य हुआ.सभी ने भट्ट साहब के इस फैसले को गलत कहा क्योंकि भट्ट साहब ने जिस कलाकार को अपनी फिल्म में हीरो लिया था, उस समय उस कलाकार की हेसियत एक जूनियर आर्टिस्ट की थी. मगर भट्ट ने सभी की बातों को नज़र अंदाज़ किया. और उसी जूनियर आर्टिस्ट को हीरो लेकर फिल्म बनाई.
फिल्म रिलीज होते ही फ्लॉप करार दे दी गई.उस समय बहुत से लोगो ने निर्देशक विजय भट्ट और उनके हीरो का बहुत मज़ाक उड़ाया. इसी बीच एक चमत्कार हुआ. फिल्म ने धीरे-धीरे अपनी रफ्तार पकड़ ली और देखते ही देखते हिट फिल्मो की लिस्ट में शामील हो गई. वह जूनियर आर्टिस्ट जो फिल्म का हीरो था स्टार कहलाने लगा. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि नए नए स्टार बनकर उभरे ये कलाकार थे भारत भूषण और वो फिल्म थी 'बैजू बावरा' (भारत भूषण-मीना कुमारी). फिल्म का चमत्कार यहीं ख़तम नहीं हुआ. वो फिल्म हिट फिल्मों की लिस्ट से आगे निकल कर ब्लॉकबस्टर की कुर्सी पर जा बैठी. फिल्म 'बैजू बावरा' पूरे दो साल तक थिएटर में लग रही.
Read More
Saiyaara Song Humsafar Out: Ahaan Panday और Aneet Padda की फिल्म ‘सैय्यारा’ का नया सॉन्ग हमसफर आउट
पैपराजी के साथ बदसलूकी करने पर Kajol ने पेश की सफाई, बोली- 'अगर मैं डरावनी लगती हूं....'
Tags : Baiju bawra | Baiju Bawra film | baiju bawra new movie | baiju bawra nayanthara film | baiju bawra new movie cast | baiju bawra starcast | baiju bawra upcoming movie | sanjay leela bhansali baiju bawra | BHATT | mahesh bhatt family | bhatt family | Kapoor Family | bollywood kapoor family | history of kapoor family | Bhatt and Kapoor family pictures | kapoor family history | kapoor family history in hindi | raj kapoor family