/mayapuri/media/media_files/2025/03/21/fC8LJ2QaGiY0CdF0kxCT.jpg)
ताजा खबर: 'एक बदनाम आश्रम' सीजन 3 पार्ट 2 (Ek Badnaam Aashram Season 3 Part 2) इस साल फरवरी में रिलीज हुआ था. इस सीरीज में बॉबी देओल (Bobby Deol Aashram) ने काशीपुर वाले बाबा निराला और अदिति पोहनकर (Aaditi Pohankar) ने परमिंदर 'पम्मी' लोचन के रूप में वापसी की. अदिति ने सीरीज में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है. अब तीसरे सीजन के बारे में बात करते हुए, अभिनेत्री ने बताया कि उनके लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण पहलू उनके किरदार का बदलाव था. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि किरदार की यात्रा में कदम रखना उनके लिए बहुत भावनात्मक रूप से कठिन था.
पम्मी के किरदार को जीवंत करने की चुनौती
एक बातचीत में, अदिति पोहनकर ने 'आश्रम' (Aaditi Pohankar Aashram)में पम्मी की यात्रा को जीवंत करने की चुनौतियों पर चर्चा की. उन्होंने कहा, "इस सीजन में मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती पम्मी के बदलाव को चित्रित करना था. मासूमियत से बदला लेने के सूक्ष्म बदलाव को निभाना मुश्किल था. अगर आप कुछ दृश्यों पर ध्यान दें, जैसे कि भाभी के साथ या अक्की की मौत के बाद, तो बदलाव सूक्ष्म लेकिन शक्तिशाली हैं." उन्होंने आगे कहा, "एक अभिनेता के रूप में, उन बारीकियों को पकड़ना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि आप हमेशा नहीं जानते कि आप कहाँ जा रहे हैं." उन्होंने यह भी बताया कि इन भावनाओं को चित्रित करना केवल पूर्वाभ्यास तक सीमित नहीं था, बल्कि यह वर्षों के अनुभव से आकार लेने वाली एक सहज प्रक्रिया थी. प्रत्येक क्षण को ताज़ा रखना और अपने चित्रण में एकरसता से बचना एक महत्वपूर्ण चुनौती रही.
शारीरिक और भावनात्मक तैयारी
अदिति ने यह भी साझा किया कि 'आश्रम 3' (Aashram 3) में कुश्ती के दृश्य नहीं होने के बावजूद, उन्होंने पम्मी की ताकत को बनाए रखने के लिए अपना प्रशिक्षण जारी रखा. इसके कुछ उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सूक्ष्म हरकतें, जैसे कि जेल में भीगने के बाद पम्मी कैसे उठती है, उसमें भी लचीलापन दिखना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि भावनात्मक रूप से, भूमिका गहन थी क्योंकि पम्मी का दर्द उसकी माँ की मृत्यु के बाद बदल गया, जिससे वह अधिक सतर्क हो गई.उन्होंने शो की ज़बरदस्त सफलता के लिए आभार व्यक्त किया और स्वीकार किया कि उन्हें इस तरह की भावुक प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी. किरदार द्वारा पहचाने जाने से उनके प्रदर्शन के प्रभाव की पुष्टि होती है.
प्रकाश झा के साथ काम करने का अनुभव
अदिति पोहनकर ने यह भी कहा कि प्रकाश झा (Prakash Jha) के साथ काम करना उनके करियर को परिभाषित करने वाला अनुभव था. उन्होंने उन्हें सूक्ष्मता की शक्ति सिखाई, बिना अतिशयोक्ति के दर्द को दिखाया.अपनी कास्टिंग को याद करते हुए, अभिनेत्री ने पानी पूरी के साथ जश्न मनाया, लेकिन जल्द ही भूमिका के लिए 10 किलो वजन बढ़ाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. अपनी एथलेटिक पृष्ठभूमि के साथ, इसमें तीन महीने का प्रयास लगा.
पम्मी का सशक्तिकरण और कहानी में उसकी भूमिका
अनजान लोगों के लिए, 'आश्रम' (Aashram) में अदिति पोहनकर की भूमिका एक शक्तिशाली विकास को दर्शाती है. पम्मी शुरू में आश्रम की शिक्षाओं को अपनाती है और निष्पक्षता की बाहरी छवि से आश्वस्त होती है. हालाँकि, जैसे-जैसे छिपी हुई सच्चाई सामने आती है, उसे इसका काला पक्ष दिखाई देने लगता है. बाबा निराला के असली इरादों का पता चलने पर वह सिस्टम के खिलाफ़ खड़ी हो जाती है. वफादार अनुयायी से दृढ़ चुनौती देने वाले के रूप में उसका बदलाव कहानी में तीव्रता जोड़ता है, जिससे उसका किरदार सीरीज़ (Aashram Web Series) के सबसे खास तत्वों में से एक बन जाता है.अदिति पोहनकर की यह यात्रा दर्शकों के लिए न केवल एक मनोरंजक अनुभव साबित हुई, बल्कि उनके अभिनय कौशल को भी और मजबूती प्रदान करती है.
Read More
Film Sikandar का प्रोमोशन नहीं करेंगे Salman Khan? जाने क्या है वजह
Netflix से 'Lust Stories 3' को मिली हरी झंडी, बड़े निर्देशकों के साथ चल रही चर्चा?
Khatron Ke Khiladi 15: Gaurav Khanna नहीं, 'Anupama' के इस मशहूर अभिनेता की होगी शो में एंट्री