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उस्ताद Zakir Hussain के निधन पर भावुक हुए Amitabh Bachchan

ताजा खबर: प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 16 दिसंबर 2024 को निधन हो गया. वहीं अमिताभ बच्चन ने कहा कि वह अभी भी यह बात पचा नहीं पा रहे हैं कि उनका निधन हो गया है.

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By Asna Zaidi
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Amitabh Bachchan
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प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 16 दिसंबर, 2024 को निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. कई मशहूर हस्तियों और नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. अमिताभ बच्चन ने भी शोक व्यक्त किया. एक्टर ने कहा कि वह अभी भी यह बात पचा नहीं पा रहे हैं कि उनका निधन हो गया है.

उस्ताद जाकिर हुसैन को याद कर इमोशनल हुए अमिताभ बच्चन

आपको बता दें अमिताभ बच्चन ने उस्ताद जाकिर हुसैन को याद करते हुए इमोशनल नोट लिखा. बिग ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'टी 5225 - अभी भी उस्ताद जाकिर हुसैन के जाने का गम नहीं पचा पा रहा हूं. इतने सारे निजी और निजी पल, अब बस एक अद्भुत सुखद स्मृति है'. 

पीएम मोदी ने जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि

 पीएम मोदी ने उस्ताद जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन जी के निधन से बहुत दुख हुआ. उन्हें एक सच्चे प्रतिभाशाली व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी. उन्होंने तबले को वैश्विक मंच पर भी लाया और अपनी बेजोड़ लय से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके माध्यम से, उन्होंने भारतीय शास्त्रीय परंपराओं को वैश्विक संगीत के साथ सहजता से मिश्रित किया, इस प्रकार वे सांस्कृतिक एकता के प्रतीक बन गए. उनके प्रतिष्ठित प्रदर्शन और भावपूर्ण रचनाएं संगीतकारों और संगीत प्रेमियों की पीढ़ियों को प्रेरित करने में योगदान देंगी. उनके परिवार, दोस्तों और वैश्विक संगीत समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं".

जाकिर हुसैन की मृत्यु

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उस्ताद जाकिर हुसैन के परिवार ने 15 दिसंबर की सुबह उनके निधन की पुष्टि की. परिवार ने ज़ाकिर की मौत की पुष्टि करते हुए एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है. परिवार ने खुलासा किया कि उनकी मृत्यु फेफड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से हुई. वे अपने पीछे दुनिया भर में प्रसिद्ध एक समृद्ध विरासत छोड़ गए।उनकी मृत्यु की खबर ने भारत के संगीत और मनोरंजन उद्योग में खलबली मचा दी। तब से ही श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है। राजनीतिक नेताओं, बॉलीवुड हस्तियों और साथी कलाकारों से लेकर पूरा देश इस महान हस्ती को श्रद्धांजलि देने में शामिल हो गया है.

जाकिर हुसैन का करियर

तबला के उस्ताद: जाकिर हुसैन | प्लेइंग फॉर चेंज

जाकिर हुसैन महान संगीतकार उस्ताद अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे थे. 9 मार्च 1951 को जन्मे जाकिर ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए संगीत की दुनिया में कदम रखा. महज 12 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला म्यूजिक एल्बम लिविंग इन द मैटीरियल वर्ल्ड निकाला. संगीत की दुनिया में उन्हें सबसे ज्यादा पहचान तबला वादक के तौर पर मिली. जाकिर हुसैन ने अपनी काबिलियत के दम पर न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते. उन्हें पद्म विभूषण, तीन ग्रैमी पुरस्कार, पद्म श्री अवॉर्ड्स से सम्मानित भी किया जा चुका हैं.  जाकिर हुसैन के परिवार की बात करें तो उन्होंने साल 1978 में फिल्म प्रोड्यूसर एंटोनिया मिनेकोला से शादी की. उनके दो बच्चे हैं- इसाबेला कुरैशी और अनीशा कुरैशी. एंटोनिया मिनेकोला इटैलियन-अमेरिकन हैं.

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