अनुपम खेर बॉलीवुड के शानदार एक्टर्स में से एक है. दिग्गज एक्टर अपनी बात को खुलकर सबके सामने रखते हैं. इस बीच अनुपम खेर ने 2024 में बॉलीवुड के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे के कारण पर बात की. एक्टर ने बताया कि क्या ओटीटी कलाकारों के लिए एक सुरक्षित स्थान बन रहा है.
हिंदी फिल्मों को लेकर बोले अनुपम खेर
दरअसल. हिंदी फिल्मों के लिए साल 2024 बॉक्स ऑफिस पर थोड़ा निराशाजनक रहा है, कुछ सफलताओं को छोड़कर, ज्यादातर फिल्में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहीं. इस बारे में बात करते हुए अनुपम खेर ने कहा, "सिनेमा जाना एक ऐसा काम है जो एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ करता है, इसलिए आपको सिनेमा की गुणवत्ता में सुधार करना होगा क्योंकि आप स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म और दुनिया में मनोरंजन के लाखों स्रोतों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. हम अपना स्तर क्यों नहीं बढ़ाते?"
अनुपम खेर ने शेयर की ये बात
अपनी बात को जारी रखते हुए अनुपम खेर ने कहा इस समय इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती कहानी सुनाना है. भारत इतना बड़ा देश है, और हम अपनी कहानियां नहीं बता रहे हैं. हिंदी सिनेमा अभी भी ऐसी कहानियां बताने के लिए संघर्ष कर रहा है जो हमारी जमीन से हैं. ज्यादातर कहानियां आपको ऐसा लगता है कि आपने कहीं देखी हैं, कभी-कभी तो उनके सीक्वेंस पहले से ही दूसरी फ़िल्मों में देखे जा चुके होते हैं. खुद को फिर से खोजने का सबसे अच्छा तरीका है पीछे मुड़कर देखना और अपने अंदर झांकना".
ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती मांग पर बोले एक्टर
वहीं बातचीत के दौरान अनुपम खेर ने यह भी शेयर किया कि, "मैं अब 40 साल से फ़िल्मों में हूं. हर बार हम थिएटर के अच्छा प्रदर्शन न करने के लिए किसी चीज के बढ़ने को दोषी ठहराते हैं, लेकिन सिनेमा अभी भी चल रहा है. जब वीएचएस आया या टीवी कमर्शियल हो गया, तो लोगों को लगा कि फ़िल्में खत्म हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ओटीटी के साथ भी यही हुआ. लेकिन ओटीटी ने जो किया है, उसने बहुत से लोगों के लिए नौकरियां पैदा की हैं और कंटेंट की गुणवत्ता में सुधार किया है.”
अनुपम खेर ने अपनी फिल्म का दिया उदाहरण
अपनी हालिया फिल्म का उदाहरण देते हुए अनुपम खेर ने कहा, "विजय 69 को जो बात अलग बनाती है, वह यह है कि इसकी स्क्रिप्ट पूरी तरह से मौलिक है. कहीं पे भी पहले कुछ नहीं देखा है. इसमें कोई अनावश्यक हाई स्पीड शॉट या स्लो-मो नहीं है. यह एक मानवीय कहानी है लेकिन वे नाट्य फिल्मों का भी बचाव करते हैं हिंदी सिनेमा को भी कई भाषाओं के दर्शकों को ध्यान में रखना पड़ता है- चाहे वह मलयालम हो, तेलुगु हो या गुजराती. लेकिन अब समय आ गया है कि हम ऐसी कहानियां लिखें, जहां लोग कहें 'हां, हम थिएटर जाकर यह फिल्म देखना चाहते हैं".
Read More
Diljit Dosanjh ने शराब और सेंसरशिप के बारे में की बात
Amit Shah ने की विक्रांत मैसी की फिल्म The Sabarmati Report की तारीफ
Hania Aamir को डेट करने की अफवाहों पर Badshah ने दिया रिएक्शन
अभिषेक बच्चन की फिल्म I Want To Talk ने पहले दिन किया इतना कलेक्शन