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Asha Bhosle ने 102 डिग्री बुखार में गाया गाना, रोने लगे संगीतकार जयदेव

ताजा खबर: आशा भोसले से अपने फ़िल्मी करियर में लगभग 16 हजार गाने गाये हैं. लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ कि उन्हें 102 डिग्री बुखार में गाना गाना पड़ा.

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Asha Bhosle sang a song with 102
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अपनी आवाज से लाखों- करोड़ों लोगों का दिल जीतने वाली आशा भोसले से अपने फ़िल्मी करियर में लगभग 16 हजार गाने गाये हैं. लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ कि उन्हें 102 डिग्री बुखार में गाना गाना पड़ा. यह बात 1985 की है. अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर एक फिल्म बना रहे थे. जिसमें वह खुद लीड रोल में थे, वहीँ उनके अपोजिट अभिनेत्री दीप्ती नवल थी. इस फिल्म का एक गाना था जिसे वह आशा भोसले से गंवाना चाहते थे. अपना यह प्रस्ताव लेकर वह आशा जी से मिलने गए. वहां जाकर अमोल पालेकर ने आशा जी से पूछा, “आपको इसके लिए कितनी फीस चाहिए?”  आशा भोसले ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. बल्कि उनसे ही सवाल पूछ लिया कि क्या आप इस फिल्म में अपना पैसा लगा रहे हैं, जिसका जवाब अमोल ने ‘हाँ’ में दिया. 

जब आशा जी ने अमोल पालेकर के सामने रखी शर्ते 

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इसके बाद आशा भोसले ने गाने की फीस के बारे में बात करने की बजाय कुछ शर्तें रख दीं. उन्होंने कहा कि मैं इस गाने की पहले तीन बार रिहर्सल करूंगी और रिहर्सल के लिए मैं खुद ही वह जयदेव के घर जाऊँगी. उनकी शर्तें पूरी की गईं और गाने की रिकॉर्डिंग की तारीख तय हो गई. 

गाना रिकॉर्ड करने के लिए सारे म्यूज़िशियन, जयदेव और अमोल पालेकर अपनी पत्नी के साथ म्यूजिक स्टूडियो पहुंच गए. सारे म्यूज़िशियन अपने इंस्ट्रूमेंट्स खोल चुके थे और गाने की रिहर्सल शुरू हो गई थी. 

तभी अचानक आशा भोसले के घर से कॉल आई. बताया गया कि आशा भोसले आज गाने के लिए नहीं आ पाएंगी, क्योंकि उन्हें 102 डिग्री बुखार है. सभी लोग इस बात को लेकर बहुत परेशान हो गए, क्योंकि सारे म्यूज़िशियन वहां बैठे हुए थे और वे सभी बहुत बड़े कलाकार थे. इसमें हरि प्रसाद चौरीसिया, शिव कुमार शर्मा, वह संतूर बजा रहे थे और ज़रीं दरूवाला, वह सरोद बजा रहे थे, शामिल थे. ये सभी उस जमाने के बहुत बड़े कलाकार थे.

उस समय म्यूजिक असोसिएशन बहुत मजबूत हुआ करती थी. उनका मानना था कि अगर उनके म्यूज़िशियन स्टूडियो में जाकर अपने इंस्ट्रूमेंट्स खोल चुके हैं और गाने की रिहर्सल हो चुकी है, तो चाहे गाना रिकॉर्ड हो या न हो, उन्हें पूरा पैसा मिलना चाहिए. उस समय प्रोड्यूसर को यह पैसे देने ही होते थे. अब अगर गाना रिकॉर्ड नहीं होता, तो अमोल पालेकर को सबको पैसे देने पड़ते. अमोल पालेकर समझ नहीं पा रहे थे कि अब वह क्या करे. 

तभी जयदेव ने उनसे कहा कि वे पता करें कि आशा भोसले आ सकती हैं या नहीं. उनकी बात मानते हुए अमोल पालेकर ने आशा जी को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने लिखा, “जयदेव पूछ रहे हैं कि आप अब कैसा महसूस कर रही है. अगर यह गाना कैंसल हुआ तो मेरे लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा. अगर गाना कैंसल हुआ, तो इसे अफॉर्ड करना मेरे लिए मुश्किल होगा. अब आशाजी,  यह आप पर है, आप बताइए अब हमें क्या करना चाहिए.”  ऐसा लिखकर उन्होंने यह पत्र अपनी पत्नी को दे दिया. इस पत्र को लेकर उनकी पत्नी आशा भोसले के घर पहुंची. आधे घंटे बाद,  वहां से कॉल आई कि आशा भोसले रिकॉर्डिंग के लिए आ रही हैं.

कुछ समय बाद आशा भोसले बुखार के बावजूद म्यूजिक स्टूडियो पहुंचीं और सीधे रिकॉर्डिंग बुथ में जाकर कहा, “चलो, अब रेकॉर्डिंग शुरू करते हैं”. क्योंकि उन्होंने पहले ही तीन रिहर्सल कर ली थीं. 

जब आशा भोसले यह गाना गा रही थीं,  तो संगीतकार जयदेव बहुत भावुक हो गए. उनकी आँखों में आंसू आ गए. जब गाना खत्म हुआ तो आशा भोसले ने कहा, “अगर टेक ठीक नहीं है, तो मुझे बताइए, मैं इसे फिर से गा दूंगी.” आशा जी की यह बात सुनते ही जयदेव और भी ज्यादा रोने लगे. वह इतना रोए कि वह दौड़कर आशा भोसले के पास गए और उन्हें गले लगा लिया. इसके बाद एक बार फिर आशा जी ने कहा कि जयदेव अगर दोबारा गाना गाना है तो मुझे बताये. मैं गा देती हूँ. लेकिन उन्होंने कहा कि इस गाने को इससे बेहतर नहीं गाया जा सकता है. 

गाना गाने के बाद आशा ने अपनी कार में बैठते हुए अमोल पालेकर से से कहा कि शाम को मुझे इस गाने की कैसेट भिजवा देना. उन दिनों सिंगर्स अपना गाना गाने के बाद उसे ज़रूर सुना करते थे. इतना कहकर वह वहां से चली गई. जब शाम को अमोल कैसेट लेकर आशा के घर गए तो उन्होंने देखा कि आशा जी बेड पर लेती हुई है और उनके तबियत ज्यादा ख़राब हो गई है. अमोल ने उन्हें कैसेट दी और जब आशा ने अपना गाया हुआ गाना सुना तो उनकी आँखों से आंसू बहने लगे. तब अमोल ने उनसे पूछा कि अब आप मुझे अपनी फीस बता दें. उस समय आशा जी ने कहा कि ऐसे गाने भाग्य से मिलते है और आपने मेरे भाग्य में ये गाना लिखा है. 
 
अब बात करते है इस गाने की, दरअसल यह गाना 1985 में अमोल पालेकर द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म ‘अनकही’ का “कोनो नगरिया लूटल हो ठगवा” है. इस गाने के बोल संत कबीरदास जी ने लिखे है, जिसे आशा भोसले ने अपनी मधुर आवाज से हमेशा-हमेशा के लिए अमर बना दिया. 

आपको बता दें कि इस फिल्म के संगीत के लिए संगीतकार जयदेव को राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया था. वहीँ दर्शकों ने इस फिल्म को इसके गाने के लिए बहुत पसंद किया. 

By- Priyanka Yadav

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