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फिल्म 'आई वांट टू टॉक' पर बिग बी ने अभिषेक बच्चन को कही ये बात

ताजा खबर:अभिषेक बच्चन की हालिया रिलीज फिल्म आई वांट टू टॉक में उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई है. अभिनेता के पिता अमिताभ बच्चन, जो हमेशा उनके प्रशंसक रहे हैं

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Big B said this to Abhishek Bachchan on the film 'I want to talk'

ताजा खबर:अभिषेक बच्चन की हालिया रिलीज फिल्म आई वांट टू टॉक में उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई है. अभिनेता के पिता अमिताभ बच्चन, जो हमेशा उनके प्रशंसक रहे हैं, ने अब उनके लिए एक शक्तिशाली संदेश साझा किया है. उन्होंने फिल्म को खूब प्यार दिया और अभिषेक से कहा कि लोगों को जो कहना है, कहने दें. 

अमिताभ बच्चन ने अभिषेक को सराहा 

Amitabh Bachchan has powerful message for Abhishek Bachchan after I Want To Talk release: ‘Let them say what they say…’

24 नवंबर, 2024 को अमिताभ बच्चन ने अपने टम्बलर ब्लॉग पर फिल्म आई वांट टू टॉक की समीक्षा की. उन्होंने लिखा, "कुछ फिल्में आपको मनोरंजन के लिए आमंत्रित करती हैं. कुछ फिल्में आपको फिल्म बनने के लिए आमंत्रित करती हैं. आई वांट टू टॉक.. बस यही करती है.. यह आपको फिल्म बनने के लिए आमंत्रित करती है. यह आपको थिएटर में आपकी सीट से धीरे से उठाती है और उतनी ही धीरे से आपको उस स्क्रीन के अंदर ले जाती है, जिस पर इसे प्रोजेक्ट किया जा रहा है, और आप इसकी जिंदगी को तैरते हुए देखते हैं. इससे बचने की कोई कोशिश या मौका नहीं." 

amitabh abhishek

इसके बाद बिग बी ने फिल्म में अभिषेक बच्चन के अभिनय की सराहना करते हुए कहा, "अभिषेक.. आप अभिषेक नहीं हैं.. आप फिल्म के अर्जुन सेन हैं." उन्होंने एक कड़ा संदेश देते हुए कहा, "उन्हें जो कहना है, कहने दीजिए.. लेकिन मैं यही कहता हूं.. फिल्म के लिए यही कहना है." सीनियर बच्चन ने अपने पिता के शब्दों को याद किया, जो थे: "अच्छे लोग मुझे अच्छा समझते थे; बुरे लोग मुझे बुरा समझते थे. जिस चीज की उन्हें जरूरत थी, उन्होंने मुझे उसी के साथ पहचाना."

शेयर की कुछ लाईन 

abhi and ami

महान स्टार ने इसका अर्थ समझाते हुए कहा, "मुझे अच्छा या बुरा समझना उनकी 'ज़रूरत' थी.. उनकी जो भी 'ज़रूरत' थी, वह यह थी कि उन्होंने मुझे कितना पहचाना.. मेरे अंदर अच्छाई के लिए आपका लालच अच्छा हो सकता है.. मेरे अंदर बुराई को व्यक्त करने का आपका लालच बुरा हो सकता है.. लेकिन अच्छा या बुरा सोचना आपकी 'ज़रूरत' थी.. और यही मेरी पहचान थी.. यह मैं नहीं था.. मुझे बुरा समझना आपकी ज़रूरत थी.. या मुझे अच्छा समझना आपकी ज़रूरत थी.. यही था कि आप मुझे कितना समझ पाए." 

The pace of Abhishek Bachchan's 'I Want to Talk' slowed down Amitabh had  praised it | अभिषेक बच्चन की 'आई वॉन्ट टु टॉक' की रफ्तार पड़ी धीमी अमिताभ  ने की थी तारीफ

उन्होंने एक मजबूत नोट पर निष्कर्ष निकाला, "मेरे बारे में झूठ लिखना आपकी ज़रूरत थी.. मेरे अंदर अच्छाई लिखना आपकी ज़रूरत थी.. और वह ज़रूरत इस बात का मूल्य थी कि आपने मुझे कितना पहचाना.. मुझे पहचाना.. मुझे जाना नहीं!!!! परम दार्शनिक व्यंग्य - व्यंग्य, उपहास, उपहास, तीखी टिप्पणी... उन लोगों की जो अब पांच के टूटे हुए स्तंभ को बनाए रखने की पूरी कोशिश करते हैं... और सभी ईएफ को अच्छी तरह से समझना चाहिए कि यह किसके लिए लिखा गया है."इस बीच, शूजित सरकार निर्देशित फिल्म 'आई वांट टू टॉक' सिनेमाघरों में चल रही है. फिल्म को फिलहाल अच्छी कहानी बताया जा रहा है 

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