फिल्म 'आई वांट टू टॉक' पर बिग बी ने अभिषेक बच्चन को कही ये बात ताजा खबर:अभिषेक बच्चन की हालिया रिलीज फिल्म आई वांट टू टॉक में उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई है. अभिनेता के पिता अमिताभ बच्चन, जो हमेशा उनके प्रशंसक रहे हैं By Preeti Shukla 25 Nov 2024 in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर ताजा खबर:अभिषेक बच्चन की हालिया रिलीज फिल्म आई वांट टू टॉक में उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई है. अभिनेता के पिता अमिताभ बच्चन, जो हमेशा उनके प्रशंसक रहे हैं, ने अब उनके लिए एक शक्तिशाली संदेश साझा किया है. उन्होंने फिल्म को खूब प्यार दिया और अभिषेक से कहा कि लोगों को जो कहना है, कहने दें. अमिताभ बच्चन ने अभिषेक को सराहा 24 नवंबर, 2024 को अमिताभ बच्चन ने अपने टम्बलर ब्लॉग पर फिल्म आई वांट टू टॉक की समीक्षा की. उन्होंने लिखा, "कुछ फिल्में आपको मनोरंजन के लिए आमंत्रित करती हैं. कुछ फिल्में आपको फिल्म बनने के लिए आमंत्रित करती हैं. आई वांट टू टॉक.. बस यही करती है.. यह आपको फिल्म बनने के लिए आमंत्रित करती है. यह आपको थिएटर में आपकी सीट से धीरे से उठाती है और उतनी ही धीरे से आपको उस स्क्रीन के अंदर ले जाती है, जिस पर इसे प्रोजेक्ट किया जा रहा है, और आप इसकी जिंदगी को तैरते हुए देखते हैं. इससे बचने की कोई कोशिश या मौका नहीं." इसके बाद बिग बी ने फिल्म में अभिषेक बच्चन के अभिनय की सराहना करते हुए कहा, "अभिषेक.. आप अभिषेक नहीं हैं.. आप फिल्म के अर्जुन सेन हैं." उन्होंने एक कड़ा संदेश देते हुए कहा, "उन्हें जो कहना है, कहने दीजिए.. लेकिन मैं यही कहता हूं.. फिल्म के लिए यही कहना है." सीनियर बच्चन ने अपने पिता के शब्दों को याद किया, जो थे: "अच्छे लोग मुझे अच्छा समझते थे; बुरे लोग मुझे बुरा समझते थे. जिस चीज की उन्हें जरूरत थी, उन्होंने मुझे उसी के साथ पहचाना." शेयर की कुछ लाईन महान स्टार ने इसका अर्थ समझाते हुए कहा, "मुझे अच्छा या बुरा समझना उनकी 'ज़रूरत' थी.. उनकी जो भी 'ज़रूरत' थी, वह यह थी कि उन्होंने मुझे कितना पहचाना.. मेरे अंदर अच्छाई के लिए आपका लालच अच्छा हो सकता है.. मेरे अंदर बुराई को व्यक्त करने का आपका लालच बुरा हो सकता है.. लेकिन अच्छा या बुरा सोचना आपकी 'ज़रूरत' थी.. और यही मेरी पहचान थी.. यह मैं नहीं था.. मुझे बुरा समझना आपकी ज़रूरत थी.. या मुझे अच्छा समझना आपकी ज़रूरत थी.. यही था कि आप मुझे कितना समझ पाए." उन्होंने एक मजबूत नोट पर निष्कर्ष निकाला, "मेरे बारे में झूठ लिखना आपकी ज़रूरत थी.. मेरे अंदर अच्छाई लिखना आपकी ज़रूरत थी.. और वह ज़रूरत इस बात का मूल्य थी कि आपने मुझे कितना पहचाना.. मुझे पहचाना.. मुझे जाना नहीं!!!! परम दार्शनिक व्यंग्य - व्यंग्य, उपहास, उपहास, तीखी टिप्पणी... उन लोगों की जो अब पांच के टूटे हुए स्तंभ को बनाए रखने की पूरी कोशिश करते हैं... और सभी ईएफ को अच्छी तरह से समझना चाहिए कि यह किसके लिए लिखा गया है."इस बीच, शूजित सरकार निर्देशित फिल्म 'आई वांट टू टॉक' सिनेमाघरों में चल रही है. फिल्म को फिलहाल अच्छी कहानी बताया जा रहा है Read More HBD:रूपा गांगुली: महाभारत की द्रौपदी से राजनीति तक का प्रेरणादायक सफर रणबीर का खुलासा, आलिया नहीं जानती थीं किशोर कुमार, फैंस हैरान अल्लू का खुलासा,डेब्यू के बाद बेरोजगार थे, सुकुमार ने दी नई उड़ान कार्तिक की मां ने 'पंचनामा' से निकालने को कहा, बोले- 'गुस्सा आ गया था' हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article