ताजा खबर:शाहरुख और गौरी ने 25 अक्टूबर 1991 को शादी की थी, दोनों की प्रेम कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है, इस कहानी में प्यार, संघर्ष, परिवार का विरोध, और आख़िरकार शादी की खूबसूरत यात्रा शामिल है, दोनों ने एक-दूसरे का साथ हर मुश्किल घड़ी में निभाया और आज उनकी जोड़ी बॉलीवुड की सबसे प्यारी और मजबूत जोड़ियों में गिनी जाती है.
पहली मुलाकात और प्यार की शुरुआत
शाहरुख और गौरी की पहली मुलाकात दिल्ली में एक दोस्त की पार्टी में हुई थी, शाहरुख उस समय केवल 18 साल के थे और गौरी 14 साल की, उस पहली मुलाकात में ही शाहरुख गौरी की तरफ आकर्षित हो गए थे, शाहरुख को गौरी की सादगी और मुस्कान ने बहुत प्रभावित किया. उस समय तक गौरी के परिवार को इस रिश्ते का कोई अंदाज़ा नहीं था. धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती गहरी होती गई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई.
प्रेम में कठिनाईयाँ और पारिवारिक चुनौतियाँ
शाहरुख एक मुस्लिम परिवार से थे और गौरी का परिवार हिंदू था. यह एक ऐसा समय था जब दोनों परिवारों में धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेद थे. गौरी के परिवार को शाहरुख के इस्लामी पृष्ठभूमि से ऐतराज़ था. उन्हें लगता था कि यह रिश्ता गौरी के भविष्य के लिए सही नहीं रहेगा. इसके अलावा, शाहरुख की आर्थिक स्थिति भी स्थिर नहीं थी. वह अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे और उनके पास कोई स्थायी नौकरी नहीं थी. गौरी के परिवार ने कई बार उसे शाहरुख से दूर रहने की सलाह दी, लेकिन गौरी का प्यार सच्चा था और उन्होंने शाहरुख का साथ छोड़ने से इनकार कर दिया.
प्यार की परीक्षा: मुंबई जाने की घटना
एक बार गौरी को ऐसा महसूस हुआ कि उनके रिश्ते में शाहरुख का प्यार बहुत ज्यादा 'कंट्रोलिंग' हो रहा है, इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए गौरी ने कुछ समय के लिए शाहरुख से दूर जाने का निर्णय लिया और मुंबई चली गईं, शाहरुख इस बात से बहुत दुखी हुए और बिना सोचे-समझे उनका पीछा करने के लिए मुंबई पहुँच गए. उस समय उनके पास गौरी का पता नहीं था, न ही कोई ठिकाना. शाहरुख ने पूरे मुंबई में गौरी को ढूंढा और आखिरकार उन्हें मुंबई के एक बीच (समुद्र किनारे) पर पाया. इस घटना ने दोनों के रिश्ते को और मजबूत बना दिया. गौरी ने महसूस किया कि शाहरुख का प्यार सच्चा और गहरा है और उन्होंने हमेशा के लिए उनका साथ देने का निर्णय ले लिया.
शादी और संघर्ष का सफर
1991 में, जब शाहरुख ने बॉलीवुड में कदम रखने का सपना देखा, उन्होंने गौरी से शादी करने का फैसला किया. शादी के दौरान दोनों परिवारों में बहुत सारी सांस्कृतिक और धार्मिक रुकावटें आईं, लेकिन शाहरुख और गौरी ने इस स्थिति का बखूबी सामना किया. उन्होंने दोनों परिवारों की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए इस्लामिक और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह किया. इस शादी ने दोनों के रिश्ते को और भी मजबूत बना दिया और अब वे एक-दूसरे के परिवार के साथ भी अच्छे संबंध में थे.
शादी के बाद शाहरुख और गौरी ने अपने सपनों का पीछा किया और बॉलीवुड में जगह बनाने की कोशिश में लगे रहे. शुरुआती दौर में शाहरुख को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उनके पास आर्थिक रूप से स्थिरता नहीं थी और उन्हें संघर्ष भरे दिनों से गुजरना पड़ा. गौरी ने हर मुश्किल में उनका साथ दिया. एक बार गौरी ने बताया था कि किस तरह उन्होंने बिना किसी शिकायत के शाहरुख के संघर्ष के दिनों में उनके साथ बनी रहीं और उन्हें हिम्मत देती रहीं.
सफलता और एक नई शुरुआत
शाहरुख की पहली हिट फिल्म के बाद से ही उनके करियर में उछाल आया, वह "बाजीगर", "डर", और "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे" जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके थे. उनकी मेहनत और गौरी के समर्थन ने उन्हें बॉलीवुड का "किंग खान" बना दिया.जैसे-जैसे शाहरुख की सफलता बढ़ती गई, गौरी ने भी अपने इंटीरियर डिजाइन के शौक को करियर में बदल दिया. गौरी ने कई मशहूर बॉलीवुड हस्तियों के घरों को सजाने का काम किया और आज वह एक सफल इंटीरियर डिजाइनर हैं. बता दे दोनों के तीन बच्चे हैं जिनका नाम आर्यन, सुहाना और अबराम खान हैं.
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