ताजा खबर:बाल दिवस एक ऐसा दिन है, जब हम अपने भीतर के बच्चे को याद करते हैं और उनके साथ अपनी मासूमियत और खुशियों को फिर से महसूस करते हैं. यह दिन बच्चों के अधिकारों और उनके लिए बेहतर भविष्य की ओर एक कदम बढ़ाने का अवसर है. 14 नवंबर को, पंडित नेहरू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिनका बच्चों के प्रति प्यार जगजाहिर था. इस दिन को और भी खास बनाने के लिए बॉलीवुड में कई शानदार गाने बने हैं, जो बच्चों की मासूमियत और उत्साह को दर्शाते हैं. इन गानों के साथ बाल दिवस का जश्न और भी आनंदित हो जाता है.
नन्हे मुन्ने बच्चे – बूट पॉलिश
"नन्हे मुन्ने बच्चे" 1954 की फ़िल्म बूट पॉलिश का एक अमर गीत है, जिसे आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी ने गाया है. यह गाना झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को एक उज्जवल भविष्य और स्वाभिमान के बारे में सिखाने का संदेश देता है. फिल्म में डेविड अब्राहम चेउलकर बच्चों को जीवन के संघर्षों से जूझने के लिए प्रेरित करते हैं. यह गीत विशेष रूप से बाल दिवस के अवसर पर भारत के स्कूलों में गाया जाता है, और बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
चुन-चुन करती आई चिड़िया- अब दिल्ली दूर नहीं
चुन-चुन करती आई चिड़िया" फिल्म अब दिल्ली दूर नहीं का एक प्यारा गाना है, जिसमें एक पिता अपने भूखे और रोते बच्चे को दिलासा देने की कोशिश करता है. मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में गाया गया यह गाना बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए एक बेहतरीन चुनाव है. बच्चों के दिन को खास बनाने के लिए इस गाने को अपनी प्लेलिस्ट में जरूर शामिल करें.
लकड़ी की काठी – मासूम
1983 की फिल्म मासूम का गाना "लकड़ी की काठी" बच्चों में आज भी बेहद लोकप्रिय है. उर्मिला मातोंडकर और जुगल हंसराज के साथ बाल कलाकार आराधना श्रीवास्तव की मासूमियत को दर्शाता यह गीत, गौरी बापट, गुरप्रीत कौर और वनिता मिश्रा की आवाज़ में और भी प्यारा लगता है. यह गाना छोटे बच्चों को आकर्षित करने के लिए कार्टून वीडियो के रूप में भी लोकप्रिय हो चुका है और बच्चों की पार्टियों या स्कूल प्रोग्राम्स में अक्सर बजता है.
ईचक दाना बीचक दाना – श्री 420
राज कपूर और नरगिस की फिल्म श्री 420 का गाना "ईचक दाना बीचक दाना" बच्चों को पहेलियों के माध्यम से कुछ नया सिखाने का एक दिलचस्प तरीका है. इस गाने में नरगिस बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने की कोशिश करती हैं, जैसे हमें बचपन में दादी-नानी से पहेलियाँ सुनने को मिलती थीं. लता मंगेशकर की आवाज़ में गाया गया यह गीत बाल दिवस पर बच्चों के लिए एक मजेदार और यादगार अनुभव हो सकता है.
तारे ज़मीन पर- तारे ज़मीन पर
आमिर खान की फिल्म तारे ज़मीन पर बच्चों की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक मानी जाती है, जो 2008 में रिलीज़ हुई थी. इसकी टैगलाइन “एवरी चाइल्ड इज स्पेशल” ने पेरेंटिंग और मेंटरशिप पर महत्वपूर्ण संदेश दिए.शंकर महादेवन, डोमिनिक सेरेजो और विविएन पोचा की आवाज़ में गाया गया शीर्षक गीत बच्चों के लिए प्रेरणादायक है और बाल दिवस पर इसे जरूर सुना जाना चाहिए.
नानी तेरी मोरनी- मासूम (1960)
फिल्म मासूम (1960) का गाना "नानी तेरी मोरनी" बच्चों के बीच आज भी बेहद लोकप्रिय है. रानू मुखर्जी की आवाज़ में गाया गया यह गीत, जो छोटी-सी कहानी के रूप में नानी और उसकी मोरनी की बातें करता है, बच्चों के दिलों में गहरे तक बसा हुआ है. इस गाने को कई बार कार्टून फॉर्म में भी प्रस्तुत किया गया है, जिससे इसका आकर्षण और भी बढ़ गया है.
चंदा चमके – फना
फिल्म फना (2006) का गाना "चंदा चमके" बचपन के टंग ट्विस्टर्स की याद दिलाता है. बाबुल सुप्रियो, महालक्ष्मी अय्यर और मास्टर अक्षय भागवत की आवाज़ में गाया गया यह गाना बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय है. इसकी मस्ती और रिदम बाल दिवस के मौके पर बच्चों की खुशी को और भी बढ़ा देती है. इसे best hindi songs for children’s day की प्लेलिस्ट में शामिल किया जा सकता है.
छोटा बच्चा जान के ना कोई आंख देखना रे – मासूम
"छोटा बच्चा जान के ना कोई आंख देखना रे" गाना 1996 की फिल्म मासूम का एक प्यारा और मशहूर ट्रैक है, जिसे आदित्य नारायण ने गाया है. यह गाना बच्चों के आत्मविश्वास और उनकी मासूमियत को दर्शाता है, साथ ही इस बात का संदेश देता है कि बच्चों के साथ खेलते वक्त उन्हें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. बाल कलाकार ओमकार कपूर की एक्टिंग भी इस गाने को खास बनाती है. बाल दिवस के मौके पर यह गाना बच्चों के लिए एक आदर्श है.
ओ पापड़ वाले पंगा ना ले – मकड़ी
ओ पापड़ वाले पंगा ना ले" गाना 2002 की फिल्म मकड़ी का एक मजेदार और शरारती गीत है. इस गाने में बाल अभिनेत्री श्वेता बसु प्रसाद ने एक चुलबुली लड़की की भूमिका निभाई है, जो किसी की बातों को नजरअंदाज करती है. उपगना पांड्या और अलाप मजगावकर द्वारा गाया गया यह गीत बच्चों के लिए खास है, जो खुद में आत्मविश्वास और हिम्मत से भरे होते हैं. बाल दिवस के मौके पर यह गाना बच्चों को उत्साहित करने के लिए बिल्कुल सही है.
बचपन का प्यार
"बचपन का प्यार" एक सोशल मीडिया हिट गाना है, जिसे सहदेव (Sahdev Dirdo) ने गाया है. इस गाने को बच्चों के साथ-साथ वयस्कों ने भी खूब पसंद किया. गाने की धुन हल्की-फुल्की और मजेदार है, जिसे सुनते ही डांस करने का मन करता है. इस गाने की लोकप्रियता सोशल मीडिया पर मीम्स और रील्स के माध्यम से और भी बढ़ गई है.
चंदनिया छुप जा ना रे
"चंदनिया छुप जा ना रे" एक सुंदर लोरी है, जो बच्चों के दिलों में एक गहरी सुकून देती है. यह गीत माँ की आवाज़ की मिठास और प्यार को महसूस कराता है, जो बच्चों के लिए सबसे प्यारी और सुकून देने वाली होती है. यह लोरी बालकों को ममता और सुरक्षा के एहसास से भर देती है, और इस गाने की सुमधुर धुन बच्चों के मन को शांति और खुशी से भर देती है.
तीतर के दो आगे तीतर- मेरा नाम जोकर (1970)
हम भी अगर बच्चे होते- Happy Birthday To You
मीठी मीठी बातों से बचना ज़रा - क़ैदी नंबर 911
पैरोडी गीत-मिस्टर इंडिया
मेरे पास आओ मेरे दोस्तो- मिस्टर नटवरलाल
रो ना कभी नहीं रोना - अपना देश
दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ - घराना 1961
बच्चे मन के सच्चे- दो कलियाँ
जूही की कली मेरी लाडली- दिल एक मंदिर (1963)
चंदा मामा दूर के, पुए पकाये बूर के
चक्के में चक्का चक्के पे गाड़ी
Motu Patlu King Of Kings
गुड़िया हमसे रूठी रहोगी - दोस्ती
तुझे सूरज कहूं या चंदा गाना - एक फूल दो माली
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