/mayapuri/media/media_files/2025/09/25/chunky-pandey-birthday-2025-09-25-22-28-47.png)
ताजा खबर: Chunky Pandey Birthday: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता चंकी पांडे ने अपने लंबे करियर में उतार-चढ़ाव देखे हैं. कभी कॉमेडी और सपोर्टिंग रोल्स से सबके दिलों में जगह बनाई, तो कभी काम की कमी से बांग्लादेश जाकर फिल्में करनी पड़ीं. आज (26 सितंबर) को वे अपना जन्मदिन मना रहे हैं. इस खास मौके पर आइए जानते हैं उनके जीवन, करियर और संघर्षों की कहानी.
शुरुआती जीवन और शिक्षा
चंकी पांडे का जन्म 26 सितंबर 1962 को मुंबई में हुआ. उनका असली नाम सुदेश पांडे है. पढ़ाई में वे मेडिकल लाइन से जुड़े थे और डॉक्टर बनने का सपना भी देखा था. लेकिन किस्मत ने उन्हें फिल्मों की दुनिया में धकेल दिया. अभिनय का शौक बचपन से था और इसी ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंचा दिया.
बॉलीवुड में एंट्री और शुरुआती सफलता
1987 में फिल्म आग ही आग से चंकी ने बॉलीवुड में कदम रखा. लेकिन उन्हें असली पहचान 1988 की फिल्म तेज़ाब से मिली. अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित स्टारर इस फिल्म में उनके किरदार को खूब सराहना मिली. इसके बाद उन्होंने पाप की दुनिया, आंखें, नकाब, जहरीला इंसान, बड़ी मियां छोटी मियां जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता.उनका कॉमिक टाइमिंग और मासूम चेहरा उन्हें दूसरों से अलग बनाता था. 90 के दशक में वे कई हिट फिल्मों का हिस्सा बने.
करियर में गिरावट और संघर्ष
1990 के दशक के आखिर में चंकी के करियर में गिरावट आने लगी. फिल्में मिलना बंद हो गईं. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि आंखें जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म के बाद अचानक काम ठप हो गया.उनके शब्दों में –"आंखें के ठीक बाद, मेरे पास हकीकत में कोई काम नहीं था. उसके बाद मुझे केवल एक ही फिल्म मिली – तीसरा कौन. उसके बाद यह पूरी तरह से बंद हो गई."इस दौर ने उन्हें तोड़ दिया. हालात ऐसे बने कि उन्हें घर चलाने के लिए अलग-अलग काम करने पड़े.
बांग्लादेश का सुपरस्टार बनना
जब बॉलीवुड ने उन्हें काम देना बंद कर दिया, तो चंकी पांडे ने बांग्लादेश का रुख किया. वहाँ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और सुपरस्टार बन गए. लगभग 4–5 साल तक उन्होंने बांग्लादेश को अपना दूसरा घर बना लिया.उनका कहना है –"सौभाग्य से, बांग्लादेश की फिल्में चल निकलीं. मैंने वहां स्टारडम देखा और सम्मान पाया."
संघर्षों से सीखे सबक
बॉलीवुड और बांग्लादेश के बीच सफर के दौरान चंकी पांडे ने जीवन के कई सबक सीखे. उन्होंने इवेंट कंपनी खोली, जमीन का सौदा किया और संपत्तियों में निवेश किया.उनका कहना है –"मैंने अपने अहंकार को भीतर दबाकर कहा कि मुझे जीवित रहना है. मैंने कभी अपने माता-पिता से मदद नहीं मांगी. यहां तक कि पत्नी को भी कभी नहीं बताया कि मेरे पास कितना है या कितना नहीं है."
परिवार और निजी जीवन
चंकी पांडे ने 1998 में भावना पांडे से शादी की. दोनों की दो बेटियां हैं – अनन्या पांडे और रायसा पांडे.अनन्या पांडे आज बॉलीवुड की उभरती हुई अभिनेत्री हैं. वहीं, रायसा पढ़ाई पर फोकस कर रही हैं. चंकी हमेशा अपनी बेटियों के सपनों को सपोर्ट करते हैं.
दिवालिया होने का दौर
90 के दशक में जब चंकी पांडे का करियर धीमा पड़ गया, तो उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी. आंखें जैसी सुपरहिट फिल्म के बाद अचानक फिल्मों के ऑफर आने बंद हो गए. एक वक्त ऐसा आया कि उनके पास बिल्कुल काम नहीं था. खुद चंकी ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया –"आंखें के बाद मेरे पास हकीकत में कोई काम नहीं था. मुझे सिर्फ एक ही फिल्म मिली, तीसरा कौन. उसके बाद सब बंद हो गया. मेरे पास कोई फिल्म नहीं थी, कोई प्रोजेक्ट नहीं था."इस दौरान उनके ऊपर आर्थिक संकट इतना गहरा गया कि वे खुद को लगभग दिवालिया महसूस करने लगे.
बांग्लादेश की ओर रुख
जीविका चलाने और अपनी पहचान बचाने के लिए उन्होंने बांग्लादेश में फिल्मों का ऑफर स्वीकार किया. वहां वे अचानक सुपरस्टार बन गए और चार–पाँच साल तक लगातार फिल्में कीं. इस दौरान उन्होंने कहा –"सौभाग्य से, बांग्लादेश की फिल्में चल निकलीं. मैंने वहां स्टारडम देखा और लोगों का प्यार पाया."
संघर्ष का असर परिवार पर
चंकी ने खुद बताया कि उस दौर में उन्होंने अपनी पत्नी भावना और बेटी अनन्या को कभी फिल्म सेट पर नहीं बुलाया. कारण यह था कि वे नहीं चाहते थे कि परिवार उनकी कठिनाइयाँ और असफलता देखे. उन्होंने बताया जब चंकी और उनकी पत्नी की शादी हुई थी उस समय वह बहुत बुरे दौर से गुज़र रहे थे, शादी के बाद वह काम कि तलाश में बांग्लादेश चले गये, क्योकि उस समय उनके पास कुछ भी नहीं था
दिवालियापन से सीख
उस कठिन दौर में चंकी ने अलग-अलग काम किए –
इवेंट कंपनी शुरू की
प्रॉपर्टी का सौदा किया
बिज़नेस में हाथ आज़माया
उनका मानना है कि इस समय ने उन्हें धैर्य, विनम्रता और जीने का असली सबक दिया. उन्होंने कहा "मैं पूरी तरह टूट चुका था, लेकिन मैंने अपने अहंकार को दबाकर काम करना सीखा. अपने माता-पिता से मदद नहीं मांगी और खुद संघर्ष किया."
फिल्मों से वेब सीरीज़ तक
बॉलीवुड में लंबे संघर्ष के बाद चंकी पांडे ने नेगेटिव और कैरेक्टर रोल्स से नई पहचान बनाई. फिल्म हाउसफुल सीरीज़ में उनके किरदार "अखरी पास्ता" को लोगों ने खूब पसंद किया. इसके अलावा, वेब सीरीज़ अबय, फिरकी और गुड न्यूज़ जैसी फिल्मों में भी उनका अहम योगदान रहा.
फिल्म
गाने
FAQ
Q1. चंकी पांडे का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
चंकी पांडे का जन्म 26 सितंबर 1962 को मुंबई में हुआ था.
Q2. चंकी पांडे ने बॉलीवुड में डेब्यू कब किया था?
उन्होंने 1987 में फिल्म आग ही आग से बॉलीवुड में डेब्यू किया.
Q3. चंकी पांडे का असली नाम क्या है?
उनका असली नाम सुदेश पांडे है.
Q4. चंकी पांडे का करियर क्यों गिरा?
90 के दशक के आखिर में फिल्मों के ऑफर बंद हो गए, जिसके कारण उन्हें काम नहीं मिला और उन्हें बांग्लादेश जाकर फिल्में करनी पड़ीं.
Q5. चंकी पांडे ने बांग्लादेश में क्या किया?
बॉलीवुड से बाहर निकलने के बाद वे बांग्लादेश गए और वहां कई फिल्में कीं. इस दौरान उन्होंने इवेंट कंपनी भी शुरू की और प्रॉपर्टी में निवेश किया.
Q6. चंकी पांडे का निजी जीवन कैसा है?
चंकी ने भावना पांडे से शादी की और उनकी दो बेटियां हैं – अनन्या पांडे और रायसा पांडे.
Q7. क्या चंकी पांडे ने अपनी बेटियों को सेट पर बुलाया?
नहीं, उन्होंने अपनी बेटियों को कभी फिल्म सेट पर नहीं बुलाया क्योंकि वह उस समय आर्थिक संकट और मुश्किल दौर से गुजर रहे थे.
Q8. चंकी पांडे के संघर्ष से क्या सीखा जा सकता है?
उनके संघर्ष ने यह दिखाया कि अगर इंसान हार न माने, मेहनत करता रहे और अहंकार को छोड़ दे, तो सफलता जरूर मिलती है.
Q9. चंकी पांडे की लोकप्रिय फिल्में कौन-सी हैं?
उनकी लोकप्रिय फिल्मों में तेज़ाब, पाप की दुनिया, आंखें, बड़ी मियां छोटी मियां, और हाउसफुल सीरीज शामिल हैं.
Q10. अनन्या पांडे ने अपने पिता के बारे में क्या कहा?
अनन्या ने इंटरव्यू में कहा कि उनके पिता ने कभी उन्हें सेट पर बुलाया नहीं, और उन्होंने संघर्ष के समय उन्हें हमेशा बचाया और सपोर्ट किया.
chunky pandey biography | chunky pandey comedy movies | chunky pandey comedy scenes | chunky pandey daughter | chunky pandey interview | Chunky Pandey daughter Ananya | chunky pandey lifestyle | chunky pandey movies | Chunky Pandey On Ananya & Aditya | chunky pandey songs