Advertisment

Datta Naik: सुनहरे दौर के भूले-बिसरे लेकिन अनमोल संगीतकार

ताजा खबर: स्वर्णिम दौर के कई संगीतकारों के बीच एन. दत्ता (दत्ताराम बाबूराव नाइक) उन नामों में से थे, जिन्हें समय के साथ भुला दिया गया, जबकि उनका योगदान बेहद ....

New Update
Datta Naik
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

ताजा खबर: स्वर्णिम दौर के कई संगीतकारों के बीच एन. दत्ता (दत्ताराम बाबूराव नाइक) उन नामों में से थे, जिन्हें समय के साथ भुला दिया गया, जबकि उनका योगदान बेहद शानदार रहा है. लोग अक्सर उन्हें एस.डी. बर्मन के सहायक के रूप में पहचानते रहे, लेकिन उनकी प्रतिभा इससे कहीं अधिक व्यापक थी.

Advertisment

Read More: दिल्ली पुलिस पर चढ़ा ‘धुरंधर’ का क्रेज, ड्रग्स के खिलाफ फिल्म के सीन का किया यूज़

प्रारंभिक जीवन

n-dutta

12 दिसंबर 1927 को गोवा के एक छोटे से गाँव में जन्मे दत्ताराम बाबूराव नाइक ने मात्र 12 वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया और मुंबई (तब बॉम्बे) आ पहुँचे.
यहाँ उन्होंने देवधर स्कूल ऑफ इंडियन म्यूजिक में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली. साथ ही संगीत स्टूडियो में जाते-जाते वे मास्टर गुलाम हैदर के सहायक भी बने.दत्ता नाइक कविता और संगीत सम्मेलनों में भी भाग लेते थे. इन्हीं आयोजनों में उनकी प्रतिभा को बर्मन दा (एस.डी. बर्मन) ने पहचाना और 1950 के दशक की शुरुआत में उन्हें अपना सहायक बना लिया.उन्होंने इन फिल्मों में बर्मन दा की मदद की:

  • बहार

Bahaar

  • सज़ा

Read More: ममूटी की ‘कलमकवाल’ ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल! छह दिनों में किया इतना कलेक्शन

Sazaa (1951) - IMDb

  • एक नज़र

Ek Nazar (HD) | Amitabh Bachchan | Jaya Bachchan | Raza Murad | st  Bollywood Movie

  • जाल

Jaal (1952 film) - Wikipedia

  • जीवन ज्योति

Jeevan Jyoti 1953 - जीवन ज्योति l Superhit Classic Movie | Shammi Kapoor,  Shashikala, Leela Mishra

  • अंगारे

Angaaray

जाल फिल्म गोवा की पृष्ठभूमि पर आधारित थी, और यहाँ दत्ता नाइक ने स्थानीय पुर्तगाली प्रभाव वाली धुनों का उपयोग करने में बर्मन दा की सहायता की.मशहूर गीत "चोरी चोरी मेरी गली" की गोअन धुन दरअसल दत्ता नाइक का योगदान थी—ऊर्जा, ताल और जोश से भरपूर यह गीत आज भी सुना जाता है.कहते हैं कि उन्होंने कई और धुनों में बर्मन दा की चुपचाप मदद की, लेकिन कभी श्रेय नहीं माँगा.

Read More: 'धुरंधर’ टाइटल सॉन्ग पर पाकिस्तान में हुआ स्टेज-तोड़ परफॉर्मेंस, वीडियो वायरल

स्वतंत्र संगीतकार के रूप में शुरुआत

दत्ता नाइक ने स्वतंत्र संगीतकार के रूप में शुरुआत 1955 में राज खोसला की पहली फिल्म मिलाप से की.यह फिल्म आज भी याद की जाती है इन अमर गीतों के लिए:

  • "जाते हो तो जाओ पर" — गीता दत्त

  • "ये बहारों का समा" — लता मंगेशकर व हेमंत कुमार

इसके बाद उनका बी.आर. फिल्म्स से जुड़ाव प्रसिद्ध हुआ.
उन्होंने इन फिल्मों में संगीत दिया:

  • साधना (1958)

Sadhna (1958) - IMDb

  • धूल का फूल (1959)

𝐃𝐡𝐨𝐨𝐥 𝐊𝐚 𝐏𝐡𝐨𝐨𝐥 - 𝟏𝟗𝟓𝟗 - धूल का फूल l 𝐁𝐨𝐥𝐥𝐲𝐰𝐨𝐨𝐝  𝐕𝐢𝐧𝐭𝐚𝐠𝐞 𝐇𝐢𝐭 𝐌𝐨𝐯𝐢𝐞 l Mala Sinha , Rajendra Kumar

  • धरमपुत्र (1961)

Dharmputra 1961 | Film Based On Indian Novel | National Awardee Movie |  Mala Sinha, Shashi Kapoor

इन तीनों फिल्मों का संगीत आज भी अमर है.लेकिन कमजोर स्वास्थ्य के कारण वे लंबे समय तक किसी बड़े बैनर से जुड़े नहीं रह सके.

प्रतिभा के बावजूद संघर्ष

बाद के वर्षों में उन्होंने कई फिल्मों में संगीत दिया, लेकिन उनमें से कई छोटी या कम बजट की थीं.इस वजह से:वे बड़े बैनर से जुड़ नहीं पाए,फिल्में नहीं चलीं, लेकिन उनके गीत बेहद लोकप्रिय रहे.उनकी धुनें थीं: मधुर,सुरीली,आसानी से गुनगुनाई जाने वाली,वे रॉक एन रोल, वॉल्ट्ज, क्लासिकल और देशभक्ति सभी तरह के गीतों में निपुण थे.कुछ उदाहरण:

  • "सारे जहाँ से अच्छा" — भाई बहन

  • "तू हिंदू बनेगा ना मुसलमान" — जातिवाद पर करारा संदेश

Tu Hindu Banega Na Musalman : Full Video Song | Dhool Ka Phool | Rajendra  Kumar, Mala Sinha |

साहिर लुधियानवी—जीवनभर का साथी

साहिर लुधियानवी ने दत्ता नाइक की प्रतिभा को पहले दिन से पहचाना.दोनों ने मिलकर अमर गीत रचे:

  • मरीन ड्राइव

Marine Drive (1955) - IMDb

  • दीदी

𝐃𝐢𝐝𝐢 - 𝟏𝟗𝟓𝟗 𝐌𝐨𝐯𝐢𝐞 𝐕𝐢𝐝𝐞𝐨 𝐒𝐨𝐧𝐠𝐬 𝐉𝐮𝐤𝐞𝐛𝐨𝐱 l Sunil  Dutt , Jayashree , Sajjan , Shubha Khote , Daisy Irani - YouTube

  • साधना

Sadhna (1957) | साधना | HD Full Movie | Sunil Dutt | Old Hindi Full Movie |  Bollywood Full Movies

  • धूल का फूल

𝐃𝐡𝐨𝐨𝐥 𝐊𝐚 𝐏𝐡𝐨𝐨𝐥 - 𝟏𝟗𝟓𝟗 - धूल का फूल l 𝐁𝐨𝐥𝐥𝐲𝐰𝐨𝐨𝐝  𝐕𝐢𝐧𝐭𝐚𝐠𝐞 𝐇𝐢𝐭 𝐌𝐨𝐯𝐢𝐞 l Mala Sinha , Rajendra Kumar

  • धरमपुत्र

Dharmputra (1961)

  • चाँदी की दीवार

Chandi Ki Deewar Movie: Review | Release Date (1964) | Songs | Music |  Images | Official Trailers | Videos | Photos | News - Bollywood Hungama

  • नया रास्ता

नया रास्ता (1970) - IMDb

उनका अंतिम हिंदी फिल्म संगीत था:

चेहरे पे चेहरा (1980)

बीमारी ने उन्हें अंतिम वर्षों में जकड़ लिया, और 30 दिसंबर 1987 को उनका निधन हो गया.

मराठी फिल्मों में योगदान

एन. दत्ता ने मराठी फिल्मों में भी यादगार संगीत दिया.उन्होंने करीब 12 फिल्मों में संगीत रचा.उनके लोकप्रिय मराठी गीतों में शामिल हैं:

  • "धुंदित राहू, मस्तित गाऊ"

  • "मधु इथे अन चंद्र तिथे"

  • "सांग कधी कळणार तुला"

एक खास बात—फिल्म मरीन ड्राइव के लिए उन्होंने "दिल भी मिट जाए तो" की धुन रची थी, जो नहीं चली.बाद में उन्होंने इसी धुन को मराठी गीत "धुंदित राहू मस्तित गाऊ" में पुनः इस्तेमाल किया—और यह गीत बेहद लोकप्रिय हुआ.

एन. दत्ता के कुछ चुनिंदा अमर गीत

1. धड़कने लगी दिल की — धूल का फूल

2. औरत ने जन्म दिया मर्दों को — साधना

3. मैंने चांद और सितारों की तमन्ना की — चंद्रकांता

4. तंग आ चुके हैं — लाइट हाउस

5. लाल लाल गाल — मिस्टर एक्स

6. मैं जब भी अकेली होती हूँ — धरमपुत्र

7. दिल की तमन्ना थी — 11 हज़ार लड़कियाँ

8. यादों का सहारा ना होता — पत्थर के ख्वाब

9. ढूंढे नज़र नज़र — दिल्ली का दादा

10. ए दिल ज़ुबाँ न खोल — नाच घर

FAQ

Q1. एन. दत्ता कौन थे?

एन. दत्ता (दत्ताराम बाबूराव नाइक) 1950–70 के दशक के एक मशहूर भारतीय फिल्म संगीतकार थे, जिन्होंने साधना, धूल का फूल, धरमपुत्र जैसी फिल्मों में यादगार संगीत दिया.

Q2. एन. दत्ता का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उनका जन्म 12 दिसंबर 1927 को गोवा के एक छोटे से गाँव में हुआ था.

Q3. एन. दत्ता ने संगीत सीखना कहाँ से शुरू किया?

मुंबई आने के बाद उन्होंने देवधर स्कूल ऑफ इंडियन म्यूजिक में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली.

Q4. एन. दत्ता ने अपने करियर की शुरुआत कैसे की?

उन्होंने फिल्मों में अपना करियर गुलाम हैदर के सहायक के रूप में शुरू किया. बाद में एस.डी. बर्मन ने उन्हें अपने सहायक के रूप में काम दिया.

Q5. एस.डी. बर्मन के साथ एन. दत्ता का क्या संबंध था?

एन. दत्ता एस.डी. बर्मन के भरोसेमंद सहायक रहे. कई फिल्मों की धुनें बनाने में उन्होंने बर्मन दा की मदद की, लेकिन उन्होंने कभी श्रेय की मांग नहीं की.

Read More: फैन ने पूछा– पाकिस्तान कब आएंगी? Alia Bhatt ने दिया स्मार्ट जवाब, बेटी Raha को लेकर भी की खास बात

Advertisment
Latest Stories