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ताजा खबर:: Dipika Chikhlia Birthday: भारतीय टेलीविजन इतिहास में कुछ ऐसे किरदार हैं जो अभिनय से आगे जाकर आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बन जाते हैं. रामानंद सागर की 1987 में प्रसारित हुई धारावाहिक रामायण ने जो ऐतिहासिक सफलता हासिल की, उसमें सबसे बड़ा योगदान उस कलाकार मंडली का था, जिसने इन पौराणिक किरदारों को जीवंत कर दिया. और उनमें सबसे प्रमुख नाम है दीपिका चिखलिया (Dipika Chikhlia Birthday Today) का, जिन्होंने 'माता सीता' के रूप में देश के करोड़ों लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी.
एक्टिंग में शुरू से था इंटरेस्ट
दीपिका चिखलिया का जन्म 29 अप्रैल 1965 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुआ था. दीपिका का झुकाव शुरू से ही एक्टिंग की ओर था. वह अपने स्कूल में छोटे-मोटे नाटकों में हिस्सा लेती थीं. दीपिका ने बताया था कि उनके पिता का तबादला कोलकाता हो गया था, जहां वह चार साल तक रहीं. इसी दौरान जब मशहूर बंगाली फिल्म अभिनेता उत्तम कुमार ने उन्हें एक पार्टी में देखा तो उन्होंने अभिनेत्री को अपनी फिल्म में बाल कलाकार के तौर पर लेने का सुझाव दिया. हालांकि, दीपिका छोटी थीं, इसलिए उनके माता-पिता ने इसकी इजाजत नहीं दी.
अभिनय की शुरुआत और 'सीता' बनने का सफर
दीपिका चिखलिया ( Dipika Chikhlia Latest Pics) ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में की थी. लेकिन उन्हें असली पहचान मिली 'रामायण' के ज़रिए. उस वक्त दीपिका की उम्र मात्र साढ़े पंद्रह वर्ष थी. पहले से ही रामानंद सागर के प्रोजेक्ट विक्रम और बेताल से जुड़ी होने के कारण उन्हें लगा कि उन्हें ऑडिशन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन सागर साहब का मानना था कि सीता का चेहरा ऐसा होना चाहिए जिसे देखकर हर कोई उन्हें 'माता सीता' के रूप में महसूस कर सके.दीपिका (Dipika Chikhlia Sita of 'Ramayana' cry ) को तीन से चार स्क्रीन टेस्ट से गुजरना पड़ा और अंततः उनका चयन हुआ. उनका सरल, सौम्य चेहरा, मीठी बोली और भाव-भंगिमा ने उन्हें इस रोल के लिए उपयुक्त साबित कर दिया.
सेट से जुड़े रोचक किस्से
रामायण की शूटिंग के दौरान कई दिलचस्प घटनाएं हुईं. दीपिका (Dipika Chikhlia Photos) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि लोग उन्हें असल में 'सीता' मानकर पूजते थे. सेट पर लोग अपने बीमार बच्चों को आशीर्वाद दिलवाने लाते थे. त्योहारों पर उनके पैर छूते थे. शूटिंग स्थल धार्मिक स्थल जैसा बन जाता था.एक मजेदार किस्सा यह भी है कि एक बार दीपिका ने देखा कि सेट पर बहुत सारे बच्चे उछल-कूद कर रहे हैं. उन्हें लगा कि वहां कोई क्लास चल रही है, लेकिन बाद में पता चला कि लव-कुश के रोल के लिए ऑडिशन चल रहा है.
जब फूलों से भर गया था दीपिका चिखलिया का कमरा
रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की रामायण में 'माता सीता' का किरदार निभाने के बाद दीपिका चिखलिया रातोंरात स्टार बन गई थीं. उनकी लोकप्रियता इतनी ज़बरदस्त थी कि लोग उन्हें माता सीता ही मानने लगे थे.दीपिका ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक बार उनके जन्मदिन पर ऐसा हुआ कि उनका पूरा कमरा फूलों के गुलदस्तों से भर गया था. उन्होंने कहा था:
"मेरे जन्मदिन पर इतने सारे फूल आए कि मेरे कमरे में चलने की भी जगह नहीं बची. हर तरफ गुलदस्ते ही गुलदस्ते थे."
500 रुपये देकर करवानी पड़ी थी सफाई
दीपिका ने बताया कि वह नज़ारा देखने में जितना सुंदर था, उतना ही परेशान करने वाला भी हो गया था. उन्हें मजबूरी में 500 रुपये देकर सफाई करवानी पड़ी क्योंकि,फूलों से महक के साथ-साथ गंदगी भी फैलने लगी थी.जगह की कमी हो गई थी.गुलदस्ते खराब हो रहे थे, जिससे बदबू आने लगी थी.इस घटना से एक बात और साफ होती है कि उस दौर में दर्शक टीवी कलाकारों से कितनी गहराई से जुड़ जाते थे. दीपिका को सिर्फ एक कलाकार नहीं, एक देवी का रूप समझा गया. यही वजह थी कि उनके जन्मदिन पर देशभर से उन्हें हजारों फूल भेजे गए.
दीपिका की निजी जिंदगी
दीपिका चिखलिया ने 1991 (Deepak Chikhlia husband) में हेमंत टोपीवाला से विवाह किया. हेमंत एक बिजनेसमैन हैं और उनकी मुलाकात दीपिका से एक ऐड शूट के दौरान हुई थी. दीपिका आज दो बेटियों (Dipika Chikhlia Daughters) की मां हैं निधि और जूही. विवाह के बाद उन्होंने फिल्मों और टीवी से दूरी बना ली थी, लेकिन उनकी पहचान ‘सीता’ के रूप में आज भी बरकरार है.
दीपिका का प्रभाव और विरासत
रामायण के प्रसारण के बाद दीपिका चिखलिया देश में घर-घर पूजी जाने लगीं. उन्होंने कुछ हिंदी फिल्मों और गुजराती सिनेमा में भी काम किया, लेकिन उनकी सबसे प्रभावशाली भूमिका ‘सीता’ की ही रही. 2020 में लॉकडाउन के दौरान जब रामायण का पुनः प्रसारण हुआ, तो एक नई पीढ़ी ने भी दीपिका को 'माता सीता' के रूप में देखा और सराहा.दीपिका ने एक बार कहा था, “हमें नहीं पता था कि हम इतिहास रच रहे हैं. उस समय टीवी धार्मिक स्थल बन जाता था.” यह बात बिल्कुल सच है. रामायण और उसके कलाकारों ने भारतीय टेलीविजन में वो दर्जा हासिल किया जो बहुत कम धारावाहिकों को मिल पाता है.
बी ग्रेड फिल्मो में करने लगी थी काम
दीपिका (Dipika Chikhlia News) को बचपन में ही एक टीवी शो में चाइल्ड एक्टर के रूप में काम करने का मौका मिला था, लेकिन पढ़ाई में खलल ना पड़े, इस कारण उनके परिवार ने उन्हें उस वक्त अभिनय से दूर कर दिया.बाद में उन्होंने फिल्मों की दुनिया में कदम रखा और साल 1983 में सुन मेरी लैला से अपना डेब्यू किया. हालांकि यह फिल्म फ्लॉप रही. इसके बाद पत्थर और भगवान दादा जैसी कुछ और फिल्मों में भी नजर आईं, लेकिन ये फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं.लगातार असफलता के कारण दीपिका को बी-ग्रेड फिल्मों का रुख करना पड़ा. चीख और रात के अंधेरे जैसी फिल्मों में उनके कुछ बोल्ड सीन चर्चा में आए, लेकिन ये भी उन्हें सफलता नहीं दिला सके.
तब उन्होंने टीवी की ओर रुख किया और साल 1985 में विक्रम और बेताल में एपिसोडिक रोल किया. इसके दो साल बाद, 1987 में रामायण में माता सीता के रोल ने उनकी किस्मत ही बदल दी. यह किरदार इतना प्रसिद्ध हुआ कि लोग उन्हें असल में देवी मानने लगे.2024 में दीपिका को टीवी शो धरतीपुत्र नंदिनी ( Dipika Chikhlia Movies) में देखा गया, जिससे यह साबित हुआ कि आज भी दर्शकों का उनसे वही जुड़ाव बना हुआ है.
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