ताजा खबर:बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता और पूर्व सांसद गोविंदा ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में भाग लिया. अपने जोशीले अंदाज और मशहूर व्यक्तित्व के कारण वे जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं।.लेकिन गोविंदा को अपने इस अभियान को अचानक बीच में ही रोकना पड़ा. उन्होंने इसकी वजह स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बताया.
लौट आये मुम्बई
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के जलगांव में रोड शो के लिए गए गोविंदा ने खराब स्वास्थ्य के कारण अपना प्रचार अभियान बीच में ही रोककर मुंबई लौट आए. गोविंदा जलगांव के मुक्ताईनगर, बोडवाड़, पचोरा और चोपड़ा में महायुति उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे थे. पचोरा में कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर वे मुंबई लौट आए.गोविंदा ने महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करते हुए कई जनसभाओं को संबोधित किया. उनका भाषण देने का अंदाज और जनता से सीधे जुड़ने की कला ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया. वे एक खास उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार कर रहे थे और अपनी लोकप्रियता का उपयोग जनता को जोड़ने के लिए कर रहे थे.
स्वास्थ्य में गिरावट की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, गोविंदा ने अपनी प्रचार यात्रा के दौरान थकावट और स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की.इसके बाद, उनके डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी. गोविंदा ने खुद भी अपने समर्थकों से अपील की कि वे उनकी स्थिति को समझें और इस फैसले का सम्मान करें."मुझे यह फैसला लेना बहुत कठिन लगा, लेकिन मेरी सेहत मेरे परिवार और समर्थकों के लिए सबसे जरूरी है. मैं जल्द ही ठीक होकर वापस लौटूंगा."गोविंदा के इस निर्णय के बाद उनके फैंस और समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर गोविंदा के चाहने वालों ने उनके प्रति सहानुभूति और समर्थन व्यक्त किया."गोविंदा जी, आपकी सेहत हमारे लिए सबसे जरूरी है. हम आपके ठीक होने का इंतजार करेंगे."
राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव
गोविंदा ने इससे पहले 2004 में राजनीति में कदम रखा था. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और मुंबई उत्तर क्षेत्र से सांसद बने. हालांकि, वे राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं रह पाए और कुछ समय बाद अपने फिल्मी करियर पर फोकस करने के लिए राजनीति छोड़ दी.इस बार चुनाव प्रचार में उनकी सक्रियता ने कई लोगों को हैरान किया. उनके प्रचार अभियान से उनके प्रशंसकों को यह उम्मीद थी कि गोविंदा फिर से राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएंगे.गोविंदा की अनुपस्थिति से प्रचार अभियान पर थोड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि उनकी लोकप्रियता लोगों को आकर्षित करने का बड़ा जरिया थी. उनके समर्थक अब चुनाव में उनकी जगह पार्टी के अन्य नेताओं से उम्मीद लगाए बैठे हैं.गोविंदा ने वादा किया है कि वह पूरी तरह ठीक होने के बाद फिर से अपने कार्यों में सक्रिय होंगे. उनकी ऊर्जा और उत्साह उनके समर्थकों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
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