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HBD:वाणी जयराम: सुरों की दुनिया की अनमोल धरोहर

ताजा खबर: वाणी जयराम भारतीय सिनेमा की एक बेहतरीन प्लेबैक सिंगर थीं, जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनका जन्म 30 नवंबर 1945 को तमिलनाडु के वेल्लोर

HBD: Vani Jairam: A precious heritage of the world of music
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ताजा खबर: वाणी जयराम भारतीय सिनेमा की एक बेहतरीन प्लेबैक सिंगर थीं, जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनका जन्म 30 नवंबर 1945 को तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में हुआ.उनका असली नाम कलाईवाणी था. संगीत के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था, और यह लगाव समय के साथ उनकी पहचान बन गया.

संगीत का सफर


वाणी जयराम ने भारतीय संगीत के लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में गाने गाए, जिनमें तमिल, तेलुगु, मलयालम, हिंदी, और कन्नड़ शामिल हैं. उन्होंने भारतीय सिनेमा में 10,000 से अधिक गाने गाए और अपने करियर में तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.हिंदी में उनका गाना "बोले रे पपीहरा" (गुड्डी फिल्म से) एक कालजयी कृति मानी जाती है.वाणी ने फिल्म गुड्डी के लिए जब "बोले रे पपीहरा" रिकॉर्ड किया, तब मशहूर संगीतकार वसंत देसाई ने उनकी प्रतिभा की तारीफ करते हुए कहा था, "यह गाना तुम्हें अमर कर देगा." और सचमुच, यह गाना भारतीय फिल्म संगीत के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गया

गायकी का सफर और गुरु की भूमिका

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वाणी को संगीत की शुरुआती शिक्षा उनके माता-पिता से मिली, जो संगीत प्रेमी थे. उन्होंने उस्ताद अब्दुल रहमान खान से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली. वाणी जयराम का मानना था कि संगीत जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है, और उनकी गायकी में यह साफ झलकता था.

लता मंगेशकर से तुलना

Vani Jairam Lata Mangeshkar Controversy | Vani Jairam allegedly got into  controversy with Lata Mangeshkar in Indian Music Industry dgtl - Anandabazar
वाणी जयराम के शुरुआती दिनों में उनकी आवाज को लता मंगेशकर की आवाज से काफी मिलता-जुलता बताया गया. यह तुलना एक सम्मान थी, लेकिन उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाने के लिए खूब मेहनत की. उनका मानना था कि हर कलाकार की अपनी शैली होनी चाहिए.

बचपन का सपना

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वाणी जयराम ने एक बार साझा किया था कि बचपन में उन्हें रेडियो पर फिल्मी गाने सुनने का शौक था. एक दिन उन्होंने अपनी मां से कहा, "मां, एक दिन मेरा गाना भी इस रेडियो पर बजेगा." उनकी यह बात सच साबित हुई, और रेडियो पर उनके गाने ने उन्हें देशभर में मशहूर कर दिया.वाणी जयराम ने फिल्मों के अलावा भजन, ग़ज़ल और लोक संगीत में भी अपना योगदान दिया. उनका मानना था कि शास्त्रीय संगीत से जुड़ाव उनकी गायकी को गहराई और आत्मीयता देता है.

पुरस्कार लौटाने की घटना

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वाणी जयराम ने एक बार अपने करियर के दौरान मिले एक पुरस्कार को लौटाने का निर्णय लिया था. यह फैसला उन्होंने उस समय किया, जब उन्होंने महसूस किया कि कलाकारों को सम्मानित करने की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है. यह उनकी ईमानदारी और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

निजी जीवन

Versatile and inspiring: Musicians remember Vani Jairam, her artistry and  craft - The Hindu
वाणी जयराम एक सादगीपूर्ण और विनम्र व्यक्तित्व की धनी थीं. उन्होंने संगीत को हमेशा अपने जीवन का केंद्र माना और कभी किसी विवाद में नहीं पड़ीं.वाणी जयराम का संगीत और उनकी मधुर आवाज़ आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है. उनके गाने न केवल मनोरंजन करते हैं, बल्कि आत्मा को भी सुकून देते हैं. उनका जीवन और संगीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा 

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