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ताजा खबर:बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री रवीना टंडन एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, और इस बार वह साउथ फिल्म इंडस्ट्री में अपने दमदार किरदार के लिए चर्चा में हैं "केजीएफ 2" में अपने यादगार अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाली रवीना अब एक और बड़ी साउथ फिल्म में नज़र आने वाली हैं यह फिल्म "जटाधारा" नाम से है, जिसमें रवीना टंडन विलेन के किरदार में नजर आएंगी इस फिल्म के साथ रवीना ने साउथ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी दूसरी बड़ी फिल्म हासिल की है
"केजीएफ 2" में रवीना का दमदार प्रदर्शन
रवीना टंडन ने "केजीएफ 2" में प्रधानमंत्री रमिका सेन की भूमिका निभाई थी इस फिल्म में उनके किरदार की सख्त और दमदार छवि को दर्शकों ने खूब पसंद किया इस रोल में उन्होंने अपने अभिनय से यह साबित किया कि वह सिर्फ ग्लैमर और रोमांटिक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्हें चुनौतीपूर्ण और गंभीर किरदार निभाने में भी महारत हासिल है "केजीएफ 2" में उनके रोल ने न केवल साउथ इंडस्ट्री में बल्कि पूरे भारत में उनके अभिनय की प्रशंसा को और बढ़ा दिया
"जटाधारा" में विलेन की भूमिका
"जटाधारा" फिल्म में रवीना टंडन एक नेगेटिव किरदार निभाने जा रही हैं उनके इस किरदार को लेकर पहले से ही बहुत उत्सुकता है क्योंकि इससे पहले भी रवीना ने अपने एक्टिंग करियर में कई तरह के रोल निभाए हैं, लेकिन उन्हें नेगेटिव रोल में देखना उनके फैंस के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा इस फिल्म में रवीना का किरदार पूरी कहानी के लिए महत्वपूर्ण होगा, और ऐसा कहा जा रहा है कि उनकी भूमिका फिल्म की प्रमुख घटनाओं को प्रभावित करेगी
साउथ इंडस्ट्री में दूसरी बड़ी फिल्म
"केजीएफ 2" के बाद "जटाधारा" के साथ रवीना टंडन ने साउथ इंडस्ट्री में अपनी जगह और पुख्ता कर ली है साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने हाल के वर्षों में न सिर्फ अपनी कहानियों और प्रोडक्शन क्वालिटी से बॉलीवुड को टक्कर दी है, बल्कि वहां के कलाकारों को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है रवीना टंडन जैसी वरिष्ठ अभिनेत्री का साउथ की फिल्मों में काम करना दर्शाता है कि इस इंडस्ट्री की व्यापकता और उसकी गहराई कितनी बढ़ चुकी है साउथ फिल्मों की नई पीढ़ी के साथ काम करना रवीना के लिए भी एक नया अनुभव हो सकता है रवीना टंडन ने अपने करियर की शुरुआत 1990 के दशक में की थी, और तब से लेकर अब तक उन्होंने हर तरह के किरदार निभाए हैं चाहे वह "मोहरा" जैसी फिल्मों में एक्शन और रोमांस हो, या फिर "सत्ता" और "दमन" जैसी गंभीर फिल्मों में सामाजिक मुद्दों पर आधारित किरदार, रवीना ने हमेशा अपने अभिनय की विविधता को साबित किया है उन्होंने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया है और हर बार एक नई भूमिका के साथ दर्शकों को चौंकाया है "जटाधारा" में उनका नेगेटिव रोल भी उनकी बहुमुखी प्रतिभा को और निखारने का काम करेगा