ताजा खबर:रूपा गांगुली, जो भारतीय सिनेमा और टेलीविजन की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं, का जन्म 25 नवंबर 1960 को हुआ था. रूपा गांगुली का जन्म कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था. वह मुख्य रूप से बांग्ला सिनेमा की प्रमुख अदाकारा रही हैं, लेकिन उनका भारतीय टेलीविजन और बॉलीवुड में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. रूपा गांगुली का नाम उस समय के सबसे लोकप्रिय और चर्चित अभिनेत्रियों में लिया जाता है, और उनका अभिनय लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बस गया है.
माता-पिता बने प्रेरणा
रूपा गांगुली का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था.उनकी माता-पिता की प्रेरणा से ही उन्हें कला और अभिनय का शौक पैदा हुआ. रूपा ने अपनी शिक्षा कोलकाता के विभिन्न स्कूलों से प्राप्त की और उनके परिवार में हमेशा ही कला और संस्कृति का सम्मान किया गया.रूपा गांगुली के परिवार के सदस्य खुद भी साहित्य और कला के प्रति रुचि रखते थे, जिससे रूपा को भी इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली. उनका सपना था कि वह एक सफल अभिनेत्री बनें और इस दिशा में उन्होंने कड़ी मेहनत शुरू की.
करियर की शुरुआत
रूपा गांगुली ने अपने करियर की शुरुआत बांग्ला सिनेमा से की थी. उनके अभिनय में एक विशेष आकर्षण था, जो उन्हें बाकी अभिनेत्रियों से अलग बनाता था. उनका पहला बड़ा फिल्मी प्रोजेक्ट था "भूतग्राम" (1981), लेकिन वह फिल्म इतनी प्रसिद्ध नहीं हो पाई. हालांकि, इसके बाद रूपा को एक से बढ़कर एक भूमिका निभाने के अवसर मिले.रूपा गांगुली ने बहुत ही कम समय में बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई. "महानगर" (1984) फिल्म में उनकी भूमिका को बेहद सराहा गया. इस फिल्म ने उन्हें एक अद्वितीय अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया. धीरे-धीरे उनकी फिल्में सफल होने लगीं, और वह बांग्ला सिनेमा के सुपरस्टार बन गईं.
टेलीविजन में प्रवेश
रूपा गांगुली की सबसे बड़ी पहचान 'महाभारत' (1988-1990) के धारावाहिक में 'द्रौपदी' के रूप में बनी. यह भूमिका भारतीय टेलीविजन पर उनके सबसे बड़े योगदानों में से एक मानी जाती है. 'महाभारत' में द्रौपदी का किरदार निभाते हुए रूपा गांगुली ने जो अभिनय किया, वह आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है. उनकी द्रौपदी की भूमिका में एक ऐसी शक्ति और साहस था, जो उस समय के समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाता था. रूपा गांगुली ने इस किरदार को इतनी सशक्त तरीके से निभाया कि वह हर किसी के लिए एक प्रेरणा बन गईं.रूपा गांगुली के अभिनय ने केवल दर्शकों का ध्यान ही नहीं खींचा, बल्कि आलोचकों से भी बहुत सराहना प्राप्त की. 'महाभारत' के बाद उन्होंने कई अन्य प्रसिद्ध टेलीविजन शो में भी काम किया और हर बार अपने अभिनय से प्रभावित किया.
राजनीति में प्रवेश
रूपा गांगुली केवल एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि एक राजनीति में भी सक्रिय व्यक्ति हैं. 2015 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा. उन्होंने पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्य किया और वहां उन्होंने समाजसेवा की दिशा में कई योजनाओं का समर्थन किया.राजनीति में उनकी सक्रियता ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई. वह सामाजिक मुद्दों पर अक्सर अपनी राय रखती हैं और महिलाओं के अधिकारों की सख्त हिमायती रही हैं.
योगदान
रूपा गांगुली के जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से और घटनाएं हैं जो कम ही लोग जानते हैं. एक किस्सा है जब 'महाभारत' के समय उनके द्रौपदी के किरदार को लेकर दर्शकों की तरफ से अजीब तरह की प्रतिक्रियाएं आती थीं. लेकिन रूपा गांगुली ने कभी भी आलोचनाओं का बुरा नहीं माना, और उन्होंने हमेशा अपने अभिनय के स्तर को ऊंचा बनाए रखा.एक अन्य किस्सा यह है कि फिल्म 'भूतग्राम' के समय उनके पास सिर्फ 100 रुपये थे, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में सफलता दिलाई.
फेमस फिल्म
रूपा गांगुली ने अपने करियर में कई प्रमुख बांग्ला फिल्मों में अभिनय किया है, जो उनके अभिनय कौशल और विविधता को दर्शाती हैं. हालांकि वह भारतीय टेलीविजन में 'महाभारत' की द्रौपदी के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध हुईं, फिर भी उनकी कुछ प्रमुख बांग्ला फिल्मों ने उन्हें एक स्टार अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया.यहां रूपा गांगुली की कुछ फेमस फिल्मों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं
महानगर (1984)
निर्देशक: सत्यजीत रे
इस फिल्म में रूपा गांगुली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह फिल्म बांग्ला सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में गिनी जाती है. रूपा की भूमिका को बहुत सराहा गया था, और उन्होंने साबित किया कि वह एक बहुमुखी अभिनेत्री हैं.
कमला की मौत
कमला की मौत (कमला की मौत) 1989 में बनी हिंदी ड्रामा फ़िल्म, जिसका निर्देशन बासु चटर्जी ने किया है. मुंबई में सेट यह फ़िल्म आधुनिक भारत में प्यार, विवाह-पूर्व सेक्स और रिश्तों के मुद्दे से संबंधित है. इसमें पंकज कपूर , सुप्रिया पाठक , रूपा गांगुली , इरफ़ान , मृणाल कुलकर्णी , आशा लता , आशुतोष गोवारिकर जैसे कलाकार हैं
बहार आने तक
बहार आने तक तारिक शाह द्वारा निर्देशित और गुलशन कुमार द्वारा निर्मित 1990 की बॉलीवुड पारिवारिक ड्रामा फिल्म है. इस फिल्म के छायाकार अजय प्रभाकर हैं. फिल्म एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है जो संयोगवश एक ऐसी महिला से शादी कर लेता है, जिसका उसके करीबी दोस्त ने बलात्कार किया था.इसमें रूपा गांगुली, मुनमुन सेन, सुमीत सैगल, तारिक शाह, शम्मी, राम मोहन और नवीन निश्चल ने अभिनय किया है
एक दिन अचानक
एक दिन अचानक ( हिंदी : एक दिन अचानक ; अंग्रेजी: अचानक, एक दिन ) मृणाल सेन द्वारा निर्देशित1989 की एक कला फिल्म है, जो रामपद चौधरी के1977 के बंगाली भाषा के उपन्यास बीज पर आधारित है
Read More
रणबीर का खुलासा, आलिया नहीं जानती थीं किशोर कुमार, फैंस हैरान
अल्लू का खुलासा,डेब्यू के बाद बेरोजगार थे, सुकुमार ने दी नई उड़ान
कार्तिक की मां ने 'पंचनामा' से निकालने को कहा, बोले- 'गुस्सा आ गया था'