विक्रांत मैसी इस समय अपनी अपकमिंग फिल्म द साबरमती रिपोर्ट को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. फिल्म 15 नवंबर 2024 को रिलीज होने के लिए बिल्कुल तैयार हैं. इस बीच विक्रांत मैसी ने मुंबई में अपने पालन-पोषण और अपने पिता और बड़े भाई से पैसे के बारे में सीखे गए सबक के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि वे दूसरे के कपड़ों को पहनकर थक गए थे और रातों-रात सब कुछ खो देने के बाद अपने पिता के संघर्ष को महसूस करने के बाद उन्होंने धन कमाने का फैसला किया.
विक्रांत मैसी ने अपने पिता के संघर्ष को लेकर की बात
दरअसल, अपने हालिया इंटरव्यू में विक्रांत मैसी ने कहा, "मेरे पिता के लिए यह कठिन था. उन्हें अपने सहित चार लोगों के परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल लगा. अपनी चुनौतियों के कारण, उन्होंने जो कुछ भी किया था. यह समृद्धि, सफलता का जीवन था, लेकिन अचानक, यह गायब हो गया. यह एक लंबी कहानी है, लेकिन इसे संक्षेप में कहें तो, यह एक पारिवारिक झगड़ा था. यह 1970 के दशक की एक क्लासिक कहानी थी, एक संयुक्त परिवार में लड़ाई. वह शायद जिस तरह से चाहते थे, उसे फिर से शुरू नहीं कर सके. लेकिन उन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार जो कुछ भी कर सकते थे, किया.”
जब विक्रात के पिता ने बुलाया था अपने ऑफिस
विक्रांत ने बताया कि एक दिन, जब वह किशोर था, उसे पैसों की सख्त जरूरत थी. उसके पिता ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया, और विक्रांत एक शानदार डेस्क और सुखद माहौल की उम्मीद में गए. विक्रांत ने जो देखा, उस नजारे ने उन्हें अंदर तक झकझोर कर रख दिया. उनके थके हुए पिता एक कुर्सी पर उदास बैठे थे. वहां कोई शानदार ऑफिस या डेस्क नहीं था, बल्कि सिगरेट के टुकड़ों से भरी एक ऐशट्रे थी. और जब उसे उनसे नकदी का एक लिफाफा मिला, तो उसे एहसास हुआ कि यह कितना मूल्यवान है. "मैंने फैसला किया कि भूमिका उलटना उचित है".
'मैं घिसे-पिटे कपड़े पहनने से तंग आ चुका था'- विक्रांत
धन-संपत्ति से भरपूर जीवन जीने के पीछे अपनी दूसरी प्रेरणाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "मैं घिसे-पिटे कपड़े, यहां तक कि जूते भी पहनने से तंग आ चुका था. कपड़े पहनना कोई बड़ी समस्या नहीं थी, लेकिन जब आपको किसी और के जूते पहनने पड़ते हैं, तो यह भयानक होता है. चाहे मैं उन्हें कितना भी साफ कर लूं, फिर भी उनमें किसी और की बदबू आती ही रहती है." यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास जूते खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, विक्रांत ने कहा, "ज़्यादातर बार. तब मैंने तय किया कि अगर मैं फ़ैशन स्ट्रीट जाकर 100 रुपये की टी-शर्ट भी खरीद लूं, तो भी मैं खरीदूँगा क्योंकि यह नई होगी".
लोगों द्वारा किए गए व्यवहार पर विक्रांत ने कही ये बात
विक्रांत ने बताया कि धन-संपत्ति हासिल करने के बाद उनके साथ अलग तरह से व्यवहार किया जाने लगा. उन्होंने कहा, "लोग मुझे बहुत अलग तरीके से गुड मॉर्निंग कहने लगे, जैसे ही मुझे बड़ी कार मिली, वे बहुत अलग तरीके से हाथ मिलाने लगे. मैं अपने बड़े भाई की तरह समझौता नहीं करना चाहता था. वह बहुत बड़े दिल वाले इंसान हैं, लेकिन उन्होंने समझौता किया. वह बहुत सी चीजें करना चाहते थे, जो वह नहीं कर सकते थे. उन्होंने समझौता किया, उन्होंने त्याग किया, उन्होंने समझौता किया, और मैं इन शब्दों का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करता हूँ. मैं ऐसा नहीं करना चाहता था”.
Read More
Mukesh Khanna ने Ranveer Singh को लेकर कही ये बात
Malaika Arora ने अपने पिता अनिल मेहता की मौत के बारे में की बात