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एक्टर से बिजनेसमैन बने विवेक ओबेरॉय ने राम गोपाल वर्मा की 2002 की फिल्म कंपनी से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. वहीं विवेक ओबेरॉय के पिता सुरेश ओबेरॉय उन्हें अपनी फिल्म में लॉन्च करने के लिए तैयार थे. हालांकि, एक्टर ने फिल्म छोड़ दी क्योंकि वह अपनी योग्यता के कारण लॉन्च होना चाहते थे. हालांकि विवेक ओबेरॉय ने कंपनी में सफल शुरुआत की, लेकिन शुरुआत में उन्हें फिल्म के लिए रिजेक्ट कर दिया गया. इस बीच विवेक ओबेरॉय ने एक इंटरव्यू में अपनी पहली फिल्म मिलने के बारे में बताया.
राम गोपाल वर्मा को लेकर बोले विवेक ओबेरॉय
दरअसल, विवेक ओबेरॉय ने अपनी हालिया बातचीत के दौरान कहा, "मैं मिस्टर वर्मा से मिलने गया, उन्होंने मेरी तस्वीरें देखीं और मुझे सीधे रिजेक्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं प्रतिभाशाली दिखता हूं लेकिन मैं बहुत ज़्यादा पॉलिश और पढ़ा-लिखा हूं, इसलिए मैं इस स्लमडॉग, चंदू के लिए फिट नहीं हूं. मैंने उनसे बस एक मुलाकात करने के लिए कहा और उन्होंने कहा कि क्यों, मुझे पता है कि तुम इस किरदार के लिए फिट नहीं होगे".हालांकि, राम गोपाल वर्मा ने विवेक को एक और मौका देने का फैसला किया.
विवेक ओबेरॉय ने शेयर किए अपने विचार
इसके साथ- साथ विवेक ओबेरॉय ने याद किया, "वह तीन सप्ताह के लिए यात्रा कर रहे थे, इसलिए उन्होंने कहा कि वह उनके बाद मुझसे मिलेंगे. उनके ऑफिस से मैं घर नहीं गया, मैं सीधे पास की एक झुग्गी में गया, वहां एक कमरा लिया, किराया चुकाया और उसमें रहने लगा. मैं वहां 3 सप्ताह तक रहा और उनमें से एक डिक्टाफोन खरीदा और मैं वहां लड़कों की बातचीत को रिकॉर्ड करता रहा. मुझे बारीकियां समझ में आने लगीं, आदि. मैंने एक संघर्षरत फोटोग्राफर को एक संघर्षरत एक्टर की मदद करने और कुछ तस्वीरें लेने के लिए बुलाया. मैंने उससे कहा कि अगर मैं सफल हो गया, तो वह मेरे पहले कवर पर दिखाई देने वाली तस्वीर को शूट करेगा. आखिरकार मुझे मिस्टर वर्मा से मिलने का मौका मिला. मैं किरदार के कपड़े पहनकर वहां पहुंचा, उम्मीद थी कि वह मेरा ऑडिशन लेंगे".
विवेक ओबेरॉय ने कही ये बात
विवेक ओबेरॉय ने आगे कहा, "मैंने चप्पल, खराब फिटिंग वाली पैंट, फटा हुआ बरगद पहना और अंदर चला गया. दरवाजे पर, मैंने एक बीड़ी जलाई और दरवाजा खोला. मैं स्वैग के साथ अंदर गया, कुर्सी खींची और बैठ गया. मैंने उन्हें घूरकर देखा और अपनी तस्वीरें उनकी मेज पर फेंक दीं ताकि वह उन्हें देख सके. फिर वह उठा और मुझसे कहा कि मैं यह फिल्म कर रहा हूं. मैं यह सोचकर बहुत डर गया था कि कहीं वह मेरा टेस्ट तो नहीं कर रहे हैं. मैंने किरदार छोड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने मुझे अपने कार्यालय में धूम्रपान बंद करने के लिए कहा. श्री वर्मा के साथ काम करना मेरा सपना था. सत्या मेरे पसंदीदा में से एक था. वह एक बेहतरीन फिल्म निर्माता थे, इसलिए कंपनी का हिस्सा बनना एक सपना था."
विवेक ओबेरॉय का वर्कफ्रंट
इस बीच वर्कफ्रंट की बात करें तो विवेक ओबेरॉय को आखिरी बार रोहित शेट्टी की भारतीय पुलिस बल में देखा गया था. वह जल्द ही मस्ती 4 में नजर आएंगे.
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