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Bofors Scandal में बिना सबूत फंसाए गए थे Amitabh Bachchan? सालों बाद फिर उठा मामला

ताजा खबर:अमिताभ बच्चन को बोफोर्स घोटाले में फंसाने की साजिश रची गई थी. उनका नाम स्वीडिश हथियार निर्माण दिग्गज से रिश्वत लेने के लिए एक गुप्त स्विस खाते से जोड़ा गया था.

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Amitabh bachchan controversy
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ताजा खबर: 'बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को बोफोर्स घोटाले (Bofors Scandal Amitabh Bachchan) में फंसाने की साजिश रची गई थी. उनका नाम स्वीडिश हथियार निर्माण दिग्गज से रिश्वत लेने के लिए एक गुप्त स्विस खाते से जोड़ा गया था. इस बात का कोई सबूत नहीं था कि उन्होंने कोई पैसा लिया था. चीजें गड़बड़ा गईं और जब तक चीजें सुलझीं, तब तक बहुत नुकसान हो चुका था.' इन तथ्यों को पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम (Chitra Subramaniam) ने उजागर किया है.

बिग बी से जुड़े बोफोर्स घोटाले पर बड़ा बयान

Amitabh Bachchan dragged into Bofors scandal without evidence: Chitra  Subramaniam

आईएएनएस की खबर के मुताबिक, एक प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में चित्रा ने कहा कि अमिताभ बच्चन को 'दुर्भावनापूर्ण अभियान' के तहत एक मनगढ़ंत रिपोर्ट के जरिए इस विवाद में घसीटा गया. चित्रा ने अपनी किताब - 'बोफोर्स गेट: ए जर्नलिस्ट्स परस्यूट ऑफ ट्रुथ' में भी इस प्रकरण से जुड़ी कई अहम बातों का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि बच्चन उपनाम एक बड़ा नाम है.

Amitabh Bachchan

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे बच्चन परिवार (बिग बी और उनके भाई अजिताभ) का नाम सामने आने के बाद उन्हें घोटाले (amitabh bachchan scandal) में शामिल होने के सबूत खोजने के लिए दबाव का सामना करना पड़ा. अपनी किताब में उन्होंने तत्कालीन सरकार और मीडिया के एक वर्ग पर अमिताभ बच्चन को फंसाने (amitabh bachchan controversy) की कोशिश करने का आरोप लगाया है. अमिताभ उस समय इलाहाबाद से लोकसभा के सदस्य थे. छठे खाते का जिक्र करते हुए चित्रा ने कहा कि कोई छठा खाता नहीं था. यह अस्तित्व में ही नहीं था.

किसी का नाम नहीं ला सकते

Amitabh Bachchans

इसे भारत सरकार के अधिकारियों ने गढ़ा है. चित्रा ने कुछ पत्रकारों और तत्कालीन शीर्ष कानूनी अधिकारियों की भी आलोचना की, जो "ढीली बातें" करने की आदत रखते थे. उन्होंने कहा, "एक पत्रकार के तौर पर आप ढीली बातें नहीं कर सकते. अगर आप एक प्रतिष्ठित पत्रकार या प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, तो आप इस तरह से बिल्कुल भी बात नहीं कर सकते.

Amitabh Bachchan

आपके शब्दों में गंभीरता होनी चाहिए. आप किसी का नाम यूं ही नहीं ला सकते. "जब आपको पता हो कि भारत के सॉलिसिटर जनरल का कार्यालय या सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के अधिकारी स्विस अधिकारियों से मिलते हैं, तो आप हल्की बातें नहीं करते. उन्होंने कहा, "हर शब्द कीमती है, आपको जो भी कहना है, उसमें सावधानी बरतनी चाहिए." अपनी किताब में चित्रा ने लिखा है कि एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल (जिसमें कई शीर्ष अधिकारी शामिल थे) ने बोफोर्स प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में बच्चन बंधुओं और प्रधानमंत्री के कुछ इतालवी रिश्तेदारों के नामों का उल्लेख किया था.

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