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Zakir Hussain dies- भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे चमकते सितारों में से एक, तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में अमेरिका में निधन हो गया। संगीत प्रेमियों के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं है। जाकिर हुसैन, जो तबले की थाप से दिलों पर राज करते थे, अब हमेशा के लिए खामोश हो गए हैं।
अस्पताल में भर्ती थे गंभीर स्थिति में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जाकिर हुसैन पिछले कुछ समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें हाल ही में अमेरिका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। बताया जा रहा है कि उन्हें दिल से जुड़ी समस्याएं थीं।
संगीत की दुनिया को अमूल्य योगदान
जाकिर हुसैन सिर्फ एक तबला वादक नहीं थे, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक अद्भुत दूत थे। उन्होंने न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में तबले को अलग पहचान दिलाई। बचपन से ही संगीत के प्रति उनका झुकाव था, और उन्होंने अपने पिता उस्ताद अल्ला रक्खा से तबले की बारीकियां सीखीं। जाकिर हुसैन ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय संगीत की धुन को गूंजाया और विश्व संगीत को समृद्ध किया।
एक विरासत जो अमर रहेगी
उनकी कला और समर्पण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कई फिल्मों के लिए भी संगीत दिया और विश्व के सबसे बड़े संगीतकारों के साथ सहयोग किया। जाकिर हुसैन का हर प्रदर्शन श्रोताओं के लिए एक यादगार अनुभव बन जाता था। उन्होंने अपने जीवन में कई पुरस्कार और सम्मान हासिल किए, जिनमें ग्रैमी अवॉर्ड भी शामिल है।
प्रशंसकों और कलाकारों की श्रद्धांजलि
जाकिर हुसैन के निधन की खबर से पूरा देश शोक में डूब गया है। उनके चाहने वालों और संगीत जगत के दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके जाने से भारतीय संगीत ने न सिर्फ एक कलाकार बल्कि एक संपूर्ण युग को खो दिया है।
संगीत प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा
जाकिर हुसैन का जीवन संगीत प्रेमियों और युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने यह सिखाया कि कला और मेहनत के प्रति सच्चा समर्पण आपको दुनिया के हर कोने में पहचान दिला सकता है।
तबले की थाप को जादूई बनाने वाले जाकिर हुसैन आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी संगीत की गूंज हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी। उनका जाना भारतीय संगीत के लिए एक ऐसी क्षति है जिसे भर पाना असंभव है। उनका जीवन और उनकी कला संगीत प्रेमियों के लिए एक अमूल्य विरासत है।
जाकिर हुसैन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. जाकिर हुसैन कौन थे?
जाकिर हुसैन भारत के प्रसिद्ध तबला वादक और संगीतकार थे। उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत और तबला की दुनिया में महारत हासिल थी। वे अपने शानदार प्रदर्शन और संगीत में नए आयाम जोड़ने के लिए जाने जाते थे।
2. जाकिर हुसैन का जन्म कब और कहां हुआ था?
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था।
3. जाकिर हुसैन के पिता कौन थे?
उनके पिता उस्ताद अल्लारक्खा कुरैशी थे, जो स्वयं भी एक महान तबला वादक थे।
4. जाकिर हुसैन को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?
जाकिर हुसैन को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें पद्म श्री (1988) और पद्म भूषण (2002) शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने ग्रैमी अवार्ड भी जीता।
5. जाकिर हुसैन का निधन कब और कैसे हुआ?
जाकिर हुसैन का निधन 73 वर्ष की आयु में, अमेरिका में 10 दिसंबर 2024 को हुआ। उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं के चलते ICU में भर्ती कराया गया था।
6. जाकिर हुसैन का योगदान क्या है?
जाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उन्होंने शांति, प्रेम और समर्पण के संदेश को संगीत के माध्यम से पूरी दुनिया में फैलाया।
7. क्या जाकिर हुसैन ने फिल्मों में भी काम किया?
हां, जाकिर हुसैन ने कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में संगीत दिया। वे अक्सर फिल्मों के लिए बैकग्राउंड स्कोर भी तैयार करते थे।
8. जाकिर हुसैन की पत्नी कौन हैं?
उनकी पत्नी का नाम एंटोनिया मिनेको था। वह एक कत्थक नृत्यांगना हैं।
9. जाकिर हुसैन किस तबला घराने से जुड़े थे?
जाकिर हुसैन पंजाब घराने से जुड़े थे, लेकिन उन्होंने सभी घरानों की शैली में अपनी महारत साबित की।
10. जाकिर हुसैन को लोग इतना क्यों पसंद करते थे?
जाकिर हुसैन की तबला वादन शैली बेहद अनोखी थी। उनका संगीत सुनने वालों के दिलों को छू जाता था। उनकी ऊर्जा, करिश्माई प्रस्तुति और भारतीय शास्त्रीय संगीत में योगदान के लिए लोग उन्हें बेहद पसंद करते थे।
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