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फिल्म रिव्यू- मां
निर्देशक: विशाल फुरिया
कलाकार: काजोल, रोनित रॉय, इंद्रनील सेनगुप्ता और खेरिन शर्मा
रेटिंग: 3.5
Maa Movie Review: बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल की हॉरर फिल्म 'मां' आज, 27 जून को बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई हैं. फिल्म को दर्शकों की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉस भी मिल रहा हैं. ऐसे में अगर आप इस फिल्म को देखने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि यह फिल्म कैसी है. आइए जानते हैं इस फिल्म का रिव्यू.
फिल्म की कहानी (Maa Story)
फिल्म की शुरुआत अंबिका (काजोल) और उसके परिवार से होती है जो शहर में रहते हैं लेकिन उन्हें पता है कि वे एक ऐसे गांव से हैं जहां एक अभिशाप है. 'माँ' एक समर्पित मां, अंबिका (काजोल द्वारा अभिनीत) की कहानी बताती है, जो अपनी बेटी श्वेता (खेरिन) की रक्षा के लिए असाधारण हद तक जाती है. अपने सबसे बुरे समय में, वह मां काली की दिव्य उपस्थिति में शक्ति और मार्गदर्शन पाती है. कहानी पश्चिम बंगाल के एक काल्पनिक गांव 'चंद्रपुर' में एक बालिका की बलि के साथ शुरू होती है. फिर यह 40 साल बाद की कहानी पर आती है, जिसमें अंबिका अपने पति शुभंकर (इंद्रनील सेनगुप्ता) और बेटी श्वेता के साथ खुशहाल जीवन बिताती है.
वहीं अंबिका और शुभंकर चंद्रपुर के बारे में बात करने से बचते हैं, जो कि शुभंकर का पैतृक गाव है, लेकिन अपने पिता के निधन के बाद उसे वहां जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. शुभंकर की भी घर वापस आते समय मौत हो जाती है. कुछ महीने बाद, अंबिका 'सरपंच बाबू' जॉयदेव (रोनित रॉय) के अनुरोध पर पैतृक संपत्ति बेचने के लिए श्वेता के साथ चंद्रपुर जाती है. इसके बाद जो कुछ घटित होता है वह एक ऐसी डरावनी, अकल्पनीय घटना है जो श्वेता के एक अलौकिक व्यक्ति द्वारा अपहरण के साथ समाप्त होती है. अब राक्षस के कब्जे में आई श्वेता को ले जाने की कोशिश करता हैं. राक्षस श्वेता को अपने साथ क्यों ले जाना चाहता है? क्या अंबिका उसकी रक्षा कर पाएगी? इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखनी पड़ेगी.
एक्टिंग
काजोल का अभिनय इस शैली में एक अच्छा प्रयास है. काजोल ने एक उग्र और सुरक्षात्मक किरदार में दमदार अभिनय किया है, जो अपनी बेटी को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. क्लाइमेक्स सीक्वेंस में उनका अभिनय आपके रोंगटे खड़े कर देगा. रोनित रॉय ने जॉयदेव के रूप में बेहतरीन अभिनय किया है, जबकि इंद्रनील सेनगुप्ता ने कम समय के लिए स्क्रीन पर अपनी मौजूदगी से प्रभाव छोड़ा है.श्वेता के रूप में खेरिन शर्मा ने सभी चीज़ों को सही करने की एक अनोखी कोशिश की है. गोपाल सिंह, रूपकथा चक्रवर्ती, दिव्येंदु भट्टाचार्य, सुरजशिखा दास और विभा रानी ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है.
डायरेक्शन
निर्देशक विशाल फुरिया ने अपनी फिल्म 'मां' में एक अद्वितीय दृष्टिकोण के साथ मां और बेटी के रिश्ते को दर्शाया है. नुसरत भरुचा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में निर्देशक ने अपनी पिछली फिल्म 'छोरी 2' की गलतियों से सीखते हुए एक शानदार और डरावनी कहानी को पर्दे पर उतारा है. फिल्म की एक खास बात यह है कि इसमें सिर्फ दो गाने हैं, जो फिल्म की गति को बनाए रखने में मदद करते हैं. काली पूजा के सीन को बहुत ही खूबसूरती से फिल्माया गया है, जो फिल्म के विज़न को और भी मजबूत बनाता है. हालांकि, वीएफएक्स और एनिमेटेड प्रतिनिधित्व कुछ जगहों पर थोड़ा परेशान कर सकते हैं, लेकिन फिल्म की ठोस कहानी और लेखन इसे अच्छी तरह से कवर करता है. कुल मिलाकर, 'मां' एक अच्छी तरह से बनाई गई और डरावनी फिल्म है जो दर्शकों को आकर्षित कर सकती है.
क्यों देखें फिल्म (Verdict)
'मां' एक शानदार सिनेमाई अनुभव है जो दर्शकों को अपनी ओर खींचती है. यह फिल्म एक क्रिस्प और अच्छी तरह से जुड़ी हुई कहानी के साथ आती है, जो दर्शकों को शुरुआत से अंत तक बांधे रखती है. यदि आप शुद्ध हॉरर फिल्में पसंद करते हैं, तो 'मां' आपके लिए एकदम सही विकल्प है. यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी और आपको डरावने पलों का अनुभव कराएगी. इसलिए, यदि आप हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं, तो 'मां' को जरूर देखें.
Tags : Kajol Upcoming film Maa | Kajol Film
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