चलते-चलते, कैसे कहते-कहते माया नगरी की कुछ अहम कहानी....
अली पीटर जॉन यहा किसकी कहानी कैसे-कैसे मोड लेती है और कब ये किसको कुछ नहीं पता और जिंदगी बस चलती ही रहती है... आशा की किरण एक बार फिर चमकने लगी. जो लोग दो साल से अधिक समय से बिना काम के थे, वे दुगुने उत्साह के साथ काम पर लौट आए हैं। वे सभी जो हताशा में
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