उस रात स्मिता ने एक सपना देखा, और फिर वो सो नहीं सकी- अली पीटर जॉन
मैंने अपने जीवन का सत्तर प्रतिशत हिस्सा जिया है और मुझे नहीं पता कि मैंने अपने सपनों की दुनिया में वास्तविक दुनिया से ज्यादा जीया है या नहीं। ऐसी कोई रात और कभी-कभी ऐसा दिन भी नहीं रहा जब मैंने सपना न देखा हो। मैंने हर तरह के सपने देखे हैं, लेकिन कुछ सपने
/mayapuri/media/post_banners/ed3ae4bb03915feb20f076c508c72ed99e939e1c152cc7c2990a7a8b5c650ab1.jpg)
/mayapuri/media/post_banners/178a2aba0ed1d19bda020dc6c5efed6b59e342c704580c462421928963c1dd2e.jpg)
/mayapuri/media/post_banners/f0065c05b5c4da9d108f7eb834f1a2bb9ded944a704790dced95293decb803cc.jpg)