उस दिन आकाश का एक लोहे का टुकड़ा अनुपम के चेहरे पर गिरा, और फिर.....
-अली पीटर जॉन वे उस तरह के दिन थे जिनका सामना किसी अन्य संघर्षरत अभिनेता ने नहीं किया होगा। वह मुश्किल से पच्चीस के थे और पहले ही गंजे हो चुके थे। उन्होंने एक बार मुंबई में एक स्टार के रूप में इसे बनाने का सपना देखा था, खासकर तब जब उन्होंने तत्कालीन सु
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