जंग आए, तूफ़ान आए, सुनामी आए, दंगे हुए, लेकिन दत्त साहब और इंसानियत से आशा कभी हारी नहीं- अली पीटर जॉन
मैंने एक बार मदर टेरेसा और सुनील दत्त को एक ही मंच पर देखा और मेरा विश्वास करो, मैं इस बारे में निर्णय नहीं ले सका कि कौन अधिक है, माँ या वह व्यक्ति जिसने कई लड़ाई लड़ी, ज्यादातर मानवता की सेवा में और मैं चला गया समय का निर्णय। उन्होंने उन्हें शांति का द
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