एडिटर्स पिक कभी-कभी मैं सुबह 4:30 बजे तक डायलॉग का अभ्यास करती थी -रति पांडे ज्योति वेंकटेश मुंबई, 18 नवंबर, 2020: पौराणिक शो, रंगमंच या उस मामले के लिए सिनेमा तक भी अभिनेताओं को चरित्र के साथ न्याय करने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता होती है। चरित्र को जीवंत करने के लिए हर पहलू को सावधानीपूर्वक बनाने की आवश्यकता है। चाहे By Mayapuri Desk 18 Nov 2020 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn