अली पीटर जॉन साहिर साहब, देखिए आपके परछाइयों पर किसी और की परछाइयां छाने लगी हैं- अली पीटर जॉन आदरणीय साहिर साहब, मैं आज सुबह वर्सोवा से गुजर रहा था और आपका घर ढूंढ रहा था जिसे आपने अपने और अपने बचपन के दोस्त डॉ.आर.के.कपूर के लिए खरीदा था और मैं उस घर की तलाश में था जहाँ आप सबसे खुश थे और यहाँ तक कि अपनी कुछ बेहतरीन कविताएं, गजलें और नज्में भी स By Mayapuri Desk 01 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn